रीवा

Rewa news, गंदे सार्वजनिक शौचालय की नंगे हाथों से सफाई करने में रीवा सांसद को यह व्यक्ति दे रहा टक्कर।

Rewa news, गंदे  सार्वजनिक शौचालय की नंगे हाथों से सफाई करने में रीवा सांसद को यह व्यक्ति दे रहा टक्कर।

सांसद जनार्दन मिश्रा अकेले नहीं हैं, नंगे हाथों से सौचलय की सफाई करने वाले।

 

रीवा। विगत कई वर्षों से रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा द्वारा स्वच्छता अभियान को लेकर ऐसा कारनामा कर देते हैं कि देखने वालों की आंखें फटी रह जाती है रीवा सांसद को जानने वाले यह भी जानते हैं कि वो अपने नंगे हाथों से बिना हाइजीनिक सुरक्षा सार्वजनिक शौचालय की सफाई करते हैं लगभग चार बार इस तरह से वह कमरे में कैद हो चुके हैं इसके अलावा भी रीवा सांसद द्वारा कई बार इस तरह से किया गया है सांसद जनार्दन मिश्रा द्वारा सार्वजनिक शौचालय की सफाई करना उन लोगों के लिए संदेश है जो अपने कार्यालय घरों के शौचायलयों को गंदा रखते हैं और संक्रामक बीमारियों के शिकार होते हैं ।

इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट समाजसेवी शिवानंद द्विवेदी कहते हैं कि आधुनिक युग में जब सुरक्षा के सभी उपकरण कैमिकल उपलब्ध हैं तो सांसद को बिना हाइजीनिक सुरक्षा नंगे हाथों से शौचालय की सफाई नहीं करना चाहिए गांधी जी के युग में भी सफाई के लिए उस समय उपलब्ध उपकरणों का सहारा लिया जाता था लेकिन हमारे सांसद 21 सदी में पाषाण युग जैसा तरीका अपना रहे हैं जबकि स्वच्छता के लिए संदेश ही देना है तो वर्तमान समय की जो उपलब्धता है आवश्यकता है उसके अनुरूप शौचलय की सफाई करके जनता को स्वच्छता अभियान का संदेश देना चाहिए।

बीते दिन सांसद रीवा जनार्दन मिश्रा का वीडियो वायरल होने के बाद अब एक और वीडियो सामने आया है जिसमें रीवा जिले के ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग रीवा में कार्यरत सफाई कर्मी उमेश समुंद्रे का है जो डेली वेज अथवा प्राइवेट बेसिस में नौकरी करते हैं मौके पर आईटीआई शिवानंद द्विवेदी देख तो वीडियो बना लिए जानकारी लेने पर उमेश समुंद्रे के द्वारा बताया गया कि उन्हें विभाग से सेफ्टी ग्लव्स और अन्य सफाई से संबंधित सामान न मिलने के कारण मजबूर होकर हाथ से ही लैट्रिन की सफाई करनी पड़ रही है।

गौरतलब है की इसके पहले रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा के नंगे हाथों से लैट्रिन सफाई करते हुए कई वीडियो सामने आए हैं जिसमें वह अपनी स्वेच्छा से सफाई करते हुए दिखाए गए हैं जबकि यदि देखा जाए तो शासकीय कार्यालय में कार्यरत सफाई कर्मी को बिना सेफ्टी और सुरक्षा के नंगे हाथों से सफाई किए जाने के लिए मजबूर किया जाना एक तरह से मानवाधिकार का घोर उल्लंघन भी है जिस पर तत्काल संज्ञान लिए जाने की भी आवश्यकता है।

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