Rewa news, प्रकृति के उथल-पुथल और बदले स्वरूप के लिए मनुष्य जिम्मेदार: पीठाधीश्वर श्री अखण्डानन्द जी महाराज।
Rewa news, प्रकृति के उथल-पुथल और बदले स्वरूप के लिए मनुष्य जिम्मेदार: पीठाधीश्वर श्री अखण्डानन्द जी महाराज।
धरती का गहना वृक्ष है जिससे हमें प्राणवायु और जल मिलता है: विकास तिवारी अध्यक्ष जनपद पंचायत गंगेव।
पौराणिक श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर फूलपुर टिकुरी 37 में किया गया वृक्षारोपण।
बीते दिनांक 16 जुलाई 2024 दिन मंगलवार को विन्ध्य क्षेत्र के पौराणिक और ऐतिहासिक श्री राधा कृष्ण प्रणामी मंदिर फूलपुर टिकुरी 37 में बृहद बृक्षारोपण कार्यक्रम सम्पन्न हुआ ज्ञात हो कि श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर फूलपुर टिकुरी 37 के पीठाधीश्वर परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 श्री अखण्डानन्द जी महाराज के अथक प्रयासों से बृहद बृक्षारोपण कार्यक्रम किया गया। इस अवसर काफी संख्या में श्रद्धालुओं समाजसेवियों को संबोधित करते हुए महाराज जी ने कहा कि प्रकृति के उथल-पुथल बदले स्वरूप के लिए मनुष्य जिम्मेदार है प्राकृतिक संसाधनों का दोहन जिस गति से हो रहा है उस गति से प्रकृति की धरोहर का संरक्षण संवर्धन नहीं किया जा रहा है ऐसे में हम सब का दायित्व बनता है कि पर्यावरण को बनायें रखने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को ज्यादा से ज्यादा बृक्षारोपण करना चाहिए इसी में मानव समाज की भलाई हैं और सर्व कल्याण की कल्पना की जा सकती है उन्होंने कहा कि पूर्व के समय में प्रकृति के स्वरूप और वर्तमान के प्रकृति के स्वरूप में हुए बदलाव के लिए दूषित पर्यावरण के लिए वृक्षों की कमी और नदियों तालाबों का विलुप्त होना है भौतिक सुख साधन प्राप्त करने के लिए मनुष्य ने प्रकृति का बड़ी तेजी के साथ दोहन किया है उन्होंने कहा कि जब तक आपका कोई विशेष प्रयोजन या नुकसान ना हो रहा हो तब तक पुराने वृक्ष को ना काटा जाए और अगर किसी भी रूप में वृक्ष काट दिया गया है तो उसकी भरपाई 4 गुना अधिक वृक्षों को लगाकर करना चाहिए।
वृक्षारोपण कार्यक्रम में समाजसेवी एवं जनपद पंचायत गंगेव के अध्यक्ष विकास तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे थे विकास तिवारी और मंदिर के पीठाधीश्वर महाराज द्वारा बृहद रूप से वृक्षारोपण किया गया इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष विकास तिवारी ने कहा कि देखते ही देखते समय इतनी तेजी से बदल गया कि इस समय हम पानी के लिए तरस रहे हैं भीषण गर्मी में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो रहा है पर्यावरण में प्रदूषण होने और मौसम में बदलाव के कारण कई तरह की बीमारियां मनुष्य को घेरे हुए हैं निश्चित तौर पर कहीं ना कहीं हम सभी इसके लिए जिम्मेदार हैं प्रकृति ने हमें सब कुछ दिया है लेकिन हम अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति की धरोहरों को संरक्षित नहीं कर पाते वृक्षों की अंधाधुंध कटाई प्रकृति के बदले हुए स्वरूप और प्रदूषण के लिए जिम्मेदार है। जुलाई का आधा महीना निकल रहा है और पानी नहीं गिरा तापमान 45 डिग्री से ऊपर चला जाता है अगर यही हाल रहा तो आने वाले समय में लोगों का जीना मुश्किल हो जाएगा।