Rewa news, स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था पर पतीला फेर रहे कामचोर डॉक्टर

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Rewa news, बीएमओ की छत्रछाया में घर बैठे वेतन ले रहे सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर,

पैरामेडिकल और नर्सिंग स्टाफ के सहारे चल रहे ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पताल,

 

रीवा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था कामचोर डॉक्टरों के हवाले करके सरकार बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं दे पा रही है ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उप स्वास्थ्य केंद्र के हालात ऐसे हैं कि सरकार ने जनता की सेवा के लिए डॉक्टर तो दिए हैं लेकिन वो डॉक्टर वेतन तो सरकार से लेते हैं लेकिन ड्यूटी नहीं करते स्वास्थ्य विभाग की नाकामी देखिए की जनवरी माह से सार्थक एप्प द्वारा अटेंडेंस लिया जाना था लेकिन डॉक्टर से सार्थक ऐप पर अटेंडेंस लेना स्वास्थ्य विभाग के लिए टेढ़ी खीर है और अब तक सार्थक ऐप से उपस्थित दर्ज नहीं कराई जा सकी ग्रामीण क्षेत्रों में देखने को मिलता है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी छोला छाप डॉक्टर मानकर जिनकी क्लीनिक बंद करवाते हैं वही गांव की जनता के लिए अच्छे डॉक्टर इसलिए माने जाते हैं कि कम से कम वह क्लीनिक खोलकर लोगों का उपचार तो कर रहे हैं इसके ठीक उल्टा अगर देखे तो सरकारी अस्पताल सिर्फ कर्मचारियों को रोजगार देने तक सीमित रह गई हैं सिरमौर जनपद क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चचाई में कई डॉक्टर पदस्थ हैं लेकिन एक महिला डॉक्टर के अलावा अन्य डॉक्टर ड्यूटी करने नहीं आते जबकि 8000 से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र में यही एक अस्पताल है मजबूरन लोगों को सिरमौर और सेमरिया या फिर बंगाली डॉक्टर के यहां उपचार करवाना पड़ता है।

झूठी जानकारी देकर जिला प्रशासन को धोखा दे रहे बीएमओ।

स्वास्थ्य विभाग सिरमौर के बीएमओ की बेशर्मी तो इस हद तक है कि उप स्वास्थ्य केंद्र पड़री अस्पताल के लगातार बंद रहने की खबरें बीते कई महीनो से चल रही है जनता चिल्लाकर कह रही है कि अस्पताल नहीं खुलता डॉक्टर बैकुंठपुर में अपनी निजी क्लीनिक खोलकर बैठे रहते हैं लेकिन हद तो तब हो गई जब जिला प्रशासन ने खबरों को संज्ञान लेकर जांच कराया तो बीएमओ सिरमौर कार्यालय से जारी जांच प्रतिवेदन में जनता और मीडिया को झूठा साबित करते हुए कूट रचित पंचनामा और ग्रामीणों के बयान बदलवाकर प्रतिवेदन देकर सी एच ओ एबी गौतम सहित सभी कर्मचारियों को बचाने का प्रयास किया गया है जबकि अगर इस मामले में केवल कर्मचारियों के द्वारा उपयोग किये जा रहे मोबाइल नंबरों की लोकेशन ट्रेस की जाए तो पूरे झूठ जांच प्रतिवेदन देने वाले भ्रष्ट अधिकारी की कलई खुल जाएगी जिला प्रशासन को चाहिए कि पुलिस अधीक्षक रेवा को सभी संबंधित कर्मचारियों के मोबाइल नंबर भेज कर लोकेशन ट्रेस कराया जाना चाहिए क्योंकि यह मामला बहुत ही गंभीर है ऐसे लापरवाह कर्मचारियों सरकार से लाखों में वेतन तो ले रहे हैं लेकिन सरकार द्वारा दी गई नौकरी नहीं करते।

बीएमओ सिरमौर की छत्रछाया में हो रही गड़बड़ी।

सिरमौर क्षेत्र की हम कई अस्पतालों की खबरें दिखा चुके हैं खबरों को संज्ञान लेकर जिला प्रशासन द्वारा जब जांच कराई जाती है तो भ्रष्ट सिरमौर बीएमओ प्रशांत शुक्ला द्वारा मीडिया की खबरों को झूठा बता कर दोषी कर्मचारियों को बचाने का काम किया जाता है बीएमओ सिरमौर प्रशांत शुक्ला के तेवर सरकारी नौकर की तरह नहीं बल्कि सिरमौर क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था के मलिक जैसे हैं।  वरिष्ठ अधिकारियों को झूठी जानकारी देकर गुमराह करना उनकी आदत में शुमार है स्वयं तो सिरमौर सिविल अस्पताल में कम बैठते हैं और प्राइवेट दलाल लगाकर मनमानी तरीके से अस्पताल चला रहे हैं बीएमओ है इसलिए मरीज को भी नहीं देखते और सिरमौर क्षेत्र में जितनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र उप स्वास्थ्य केंद्र चल रही है सभी में डॉक्टरों की मनमानी बीएमओ प्रशांत शुक्ला की मेहरबानी से ही जारी है।

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