Rewa news CMHO रीवा की अध्यक्षता में संयुक्त परामर्शदात्री बैठक हुई संपन्न 

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Rewa news CMHO रीवा की अध्यक्षता में संयुक्त परामर्शदात्री बैठक हुई संपन्न

 

 

 

 

रीवा में चलाया जायेगा कृमि मुक्ति दिवस सभी बच्चों को दिनांक 10 एवं 13 सितंबर को खिलाया जायेगा अल्बेंडाजोल की गोली महिला बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग, जनजातीय विभाग के सयुंत प्रयासों से चलाया जाएगा

 

 

आगामी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम (NDD Program) का आयोजन 10 एवं 13 सितंबर,को जिले के समस्त विद्यालय एवं आगनवाड़ी केद्रों मे बच्चों को खिलाया जाएगा अल्बेंडाजोल की गोली

 

लक्षित आयुवर्ग : 1 -19 वर्ष के सभी बच्चे और किशोर / किशोरियां

 

क्रियान्वयन स्थानः।   इस अभियान के अंतर्गत शासकीय / शासकीय अनुदान प्राप्त शालाओ, आदिवासी आश्रम शालाओ, प्राइवेट / प्राइवेट अनुदान प्राप्त शॉलाओ, केंद्र शासित शालाओ, मदरसों, स्थानीय निकाय की शालाओं, आंगनवाड़ी केन्द्रों तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 अंतर्गत संचालित चाइल्ड केयर इंस्टिट्यूट में।

 

दवा प्रदाता: मैदानी कार्यकर्ता, जैसे आशा, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम या आशा सहयोगिनी, शालाओ में शिक्षको के द्वारा निर्धारित खुराक के अनुसार कृमिनाशन की दवा दी जाएगा।

 

आयुवर्ग।  1 से 2 वर्ष,2 से 3 वर्ष

 

मात्रा। एल्बेंडाजॉल की 400 मि. ग्रा. की आधी गोली चुरा करके पीने के साफ़ पानी के साथ

 

3 से 19 वर्ष एल्बेंडाजॉल की 400 मि. ग्रा. की पूरी गोली चबाकर पीने के साफ़ पानी के साथ

 

कृमिः संक्रमण के लक्षण और संचरण चक्र

 

 

कृमि ऐसे परजीवी हैं जो मनुष्य के आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं

 

 

बच्चों और किशोर-किशोरियों पर कृमि के दुष्प्रभाव

 

 

कृमि पोषक तत्वों के अवशोषण में बाधा डालते हैं, जिसके कारण एनीमिया, कुपोषण, और मानसिक और शारीरिक विकास में बाधा होता है। संक्रमित बच्चे अक्सर स्कूल जाने के लिए बहुत थके हुए या बीमार होते हैं: आंतों के कृमि संक्रमण से हर साल मिलियन स्कूली बच्चो की शिक्षा का नुकसान होने का अनुमान है। वयस्क होने पर आर्थिक विकास के लिए भी।

 

 

अध्ययनों से पता चलता है कि नियमित रूप से कृमि मुक्ति के साथ स्कूलों में अनुपस्थिति 25% कम हो जाती है।
कृमि के प्रकार

हुक कृमि
व्हिप कृमि
राउंड कृमि

 

 

1. संक्रमित बच्चे के शौच में कृमि के अंडे होते हैं। खुले में शौच करने से ये अंडे मिट्टी में मिल जाते है और विकसित होते हैं।
अन्य बच्चे नंगे पैर चलने से, गंदे हाथों से खाना खाने से या फिर बिना ढ़का हुआ भोजन खाने से, लार्वा के संपर्क में आने से संक्रमित हो जाते हैं।

 

 

कृमि संक्रमणः बचाव, इलाज़ और फायदे

 

 

नाखून साफ और छोटे रखें
हमेशा साफ पानी पीएं
खाने को ड़क कर रखें
साफ पानी से फल व सब्ज़ियाँ धोएं

 

 

अपने हाथ साबुन से धोएं, विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने के बाद आस पास सफाई रखेंजूते पहने,खुले में शौच ना करें, हमेशा शौचालय का प्रयोग करें

 

 

लक्षण

 

 

गंभीर कृमि संक्रमण से दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख ना लगना सहित कई लक्षण हो सकते हैं एक बच्चे में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमण उनता तेज है

 

 

इलाज़।  कृमि संक्रमण का इलाज एल्बेंडाजॉल का उपयोग करके किया जा सकता है

 

 

दवा वितरण योजना

 

 

जिला स्तर तक प्रदायित एल्बेंडाजॉल गोलियों का विकासखंड स्तर तक आपूर्ति सुनिश्चित की जाये. विकासखंड स्तरीय प्रशिक्षण के दौरान स्कूल एवं आंगनवाडी केन्द्रों हेतु एन.डी.डी किट (एल्बेंडाजॉल की गोली, आई.ई.सी. सामग्री, रिपोर्टिंग प्रपत् आदि) का वितरण समस्त नोडल शिक्षको तथा आंगनवाडी कार्यकर्ताओ को किया जाये

 

 

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र/सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र

 

एएनएम/आशा सहयोगिनी
आशा/ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता
स्कूल/आंगनवाड़ी केंद्र पर
शिक्षकों/आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा
दवा खिलाई जाएगी

 

ब्लॉक।   आवश्यकता के अनुसार एएनएम को दवाएं (बफर सहित) वितरित करेंगे

एएनएम, आशा/ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता तथा शिक्षको को एल्बेंडाजॉल की गोलियों की आवश्यक मात्रा प्रदान करेंगी

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