PM मोदी और श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के जन्मदिन 17 सितंबर को CM के त्योंथर दौरे को लेकर शुरू हुई नई सियासत।
PM मोदी और श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के जन्मदिन 17 सितंबर को CM के त्योंथर दौरे को लेकर शुरू हुई नई सियासत।
विराट वसुंधरा
विंध्य क्षेत्र के दिग्गज कांग्रेसी नेता स्वर्गीय श्री युक्त श्रीनिवास तिवारी किसी परिचय के मोहताज नहीं उनका राजनीतिक जीवन काफी संघर्षपूर्ण रहा है बावजूद इसके उन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी और जो उन्होंने सोचा वही किया एक जमाना था जब 90 के दशक में कांग्रेस की सरकार रहते विंध्य क्षेत्र में दादा श्रीनिवास तिवारी का जलवा देखने लायक होता था जबकि उस दौरान श्री युत श्रीनिवास तिवारी निशाने पर विपक्ष के होते थे लेकिन उनकी लड़ाई उनकी ही पार्टी के छत्रपों से चलती थी विपक्ष को परास्त करना और अपनी पार्टी के अंदर विरोधी छत्रपों पर नकेल कसने की उनकी कला गजब की थी उस समय हालत यह थी कि सरकार भले ही कांग्रेस पार्टी की हुआ करती थी लेकिन विंध्य क्षेत्र में चलती अमहिया सरकार की थी उस दौरान ऐसे हालात थे कि जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से लेकर तहसील और जनपद स्तर के अधिकारियों की अमहिया दरबार में लाइन लगी रहती थी और वहीं पर आम जनता की शिकायतों का निराकरण करने मौखिक आदेश जारी हो जाया करते थे स्वर्गीय श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी का 17 सितंबर को जन्मदिन मनाया जाता है इस बार त्योंथर विधानसभा क्षेत्र के चाकघाट में श्री युत के पोते सिद्धार्थ तिवारी विधायक हैं अपने दादा जी के जन्मदिन पर बड़ा कार्यक्रम करने जा रहे है यह कार्यक्रम इस लिहाज से भी बड़ा खास और रोचक है कि इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी पहुंचने वाले हैं अब राजनीतिक गलियारे में इस कार्यक्रम को लेकर चर्चा भी शुरू हो गई है कि भाजपा में नवाचार होने जा रहा है बीस साल पहले तक जिनके विरोध में भाजपाइयों ने बिगुल फूंका अब जन्मदिन मनाकर नवाचार करेंगे हालांकि यह जन चर्चा तक ही सीमित है और वर्तमान राजनीति में फीलगुड का चलन काफी तेजी से बढ़ रहा है इसलिए कुछ भी असंभव नहीं है।
क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और दादा श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी का एक साथ जन्मदिन कैसे मनाएंगे भाजपाई।
जैसा कि पूरे देश को पता है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 17 सितंबर को जन्मदिन राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है तो वही विंध्य क्षेत्र के दिवंगत दिग्गज कांग्रेस नेता पूर्व विधानसभा अध्यक्ष का जन्मदिन भी खासकर रीवा में 17 सितंबर को 90 के दशक से लगातार मनाया जाता रहा है बीते वर्ष तक कांग्रेस पार्टी के बैनर तले स्वर्गीय श्री युत श्रीनिवास तिवारी का जन्मदिन मनाया जाता था लेकिन इस बार त्योंथर से भाजपा विधायक सिद्धार्थ तिवारी जो स्व श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के पोते हैं उनके द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र के चाकघाट में 17 सितंबर को बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है जिसमें मध्य प्रदेश की मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव पहुंचने वाले हैं अब इस कार्यक्रम को लेकर सबसे बड़ा सवाल यह उठने लगा है कि क्या देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता स्वर्गीय श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी का जन्मदिन एक साथ मनाया जाएगा और एक ही मंच पर मनाया जाएगा क्योंकि दादा के सभी जन्मदिन किसी न किसी पर्व के रूप में ही मनाये जाते रहे हैं वैसा ही इस बार भी होने जा रहा है लेकिन सबसे खास बात यह है कि इस बार दादा का जन्मदिन कांग्रेस पार्टी नहीं बल्कि भाजपा के वैनर तले मनाया जाने वाला है तो वहीं राजनीतिक गलियारे में इस बात को लेकर अब खुसर-फुसर शुरू हो गई है कि मोदी जी और दादा का जन्मदिन 17 सितंबर को क्या एक साथ मनाया जाएगा और विंध्य क्षेत्र की कांग्रेस धीरे-धीरे भाजपा में क्या समाहित होती जा रही है इस तरह के और भी कई सवाल है जो आगामी 17 सितंबर तक विंध्य क्षेत्र के लोगों के मन में सवाल बनकर चलते रहेंगे।
रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा के बयान पर बवाल।
बीते दिनों सिरमौर चौराहा स्थित ओवर ब्रिज लोकार्पण समारोह अवसर पर भारतीय जनता पार्टी रीवा की सांसद जनार्दन मिश्रा ने पूर्व के विकास कार्यों जो कांग्रेस पार्टी के जमाने में विंध्य क्षेत्र के दिग्गज नेता श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के कार्यकाल में और वर्तमान भाजपा सरकार के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों को तुलनात्मक रूप से जनता के बीच बड़ी बेबाकी और पारदर्शिता के साथ रखें थे सांसद ने भाजपा सरकार में और पूर्व की कांग्रेस सरकार में जो विकास कार्यों और राजनीतिक रूप से वैचारिक अंतर था उसको उन्होंने व्यक्त किया था इसके साथ ही कांग्रेस कार्यकाल में चले राजनीतिक भौकाल और उस जमाने में हुए दमनकारी घटनाओं पर भी सांसद ने नपे तुले शब्दों में ही अपने विचार रखें यह अलग बात है कि उस समय अमहिया सरकार की चलती थी तो पूर्व विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय श्री युक्त श्रीनिवास तिवारी का नाम उसमें आना ही था और वही हुआ भी सांसद जनार्दन मिश्रा ने मंच पर कहा था कि दादा नहीं दइउ आई तब जनता ने कहा बोट ना देबे तबउ आइ यह वह शब्द थे कि जिनको आज भी जानता नहीं भूल पाई है वर्तमान भाजपा सांसद जनार्दन मिश्रा कांग्रेस के उस दौर में विपक्ष में रहते कांग्रेस सरकार की नीतियों के खिलाफ मुखरित होकर पहले भी बोलते थे और अब भी कांग्रेस को कोसने में पीछे नहीं हटते लेकिन सांसद जनार्दन मिश्रा का दिया गया बयान रीवा की राजनीति में भूचाल ला दिया और एक तरफ जहां कांग्रेस पार्टी के लोग उनका पुतला दहन करने लगे तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा में कांग्रेस से आए नेताओं को नागवार गुजरने लगा इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मध्य प्रदेश शासन के उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल स्वयं मौजूद थे मनगवां क्षेत्र के विधायक इंजी नरेन्द्र प्रजापति भी शामिल थे सबसे बड़ी बात यह थी कि भाजपा के वरिष्ठ नेता एड रावेन्द्र मिश्र भी इसी मंच पर बैठे थे जिस जमाने में अमहिया सरकार चलती थी उस दौर में भाजपा की तरफ से मनगवा विधानसभा क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए कांग्रेस सरकार से लड़ने वाले योद्धा रवेन्द्र मिश्र ही थे भले ही आज वह भाजपा की पीक राजनीति में सांसद विधायक ना बनाए गए हों लेकिन सच यही है कि स्व श्रीनिवास तिवारी के कार्यकाल में रवेन्द्र मिश्रा ही वह योद्धा थे जिन्होंने नब्बे के दशक से लेकर भाजपा की सत्ता में आने तक लड़ाई लड़ते रहे हैं सांसद द्वारा स्व श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी पर दिए गए बयान के बाद उनके पोते विधायक सिद्धार्थ तिवारी द्वारा नाराजगी जाहिर की गई लेकिन संसद ने दूसरी बार भी अपनी बात को दोहराते हुए अपने पूर्व के बयान पर अडिग रहे।
कांग्रेस सरकार के कार्यकाल को कैसे भूलेंगे भाजपाई
मुख्यमंत्री डॉ मोहन के रीवा जिले के चाकघाट प्रस्तावित दौरा कार्यक्रम को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है 2003 के पूर्व की सरकार के किए गए कृत्य को जनता और भाजपाई भुला नहीं पा रहे हैं क्योंकि जिस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का आगमन हो रहा है उन्ही की एक जमाने में सरकार थी और उस दौर में भाजपाई खुद को उन्हीं से प्रताड़ित अपने आप को मनाते रहे है भले ही सांसद जनार्दन मिश्रा की तरह वेवाकी से सबमें बोलने की क्षमता ना हो या फिर किसी कारण बस बोलना ना चाहे लेकिन सच्चाई यही है कि जब कांग्रेस पार्टी की पूर्व की सरकार का विंध्य क्षेत्र में चर्चा होगी तो सबसे पहले श्री युत का ही नाम सामने आएगा यहां सबसे बड़ी चर्चा इस बात की शुरू हो चुकी है कि भाजपा में सिद्धार्थ तिवारी के आने के बाद क्या पूर्व की अमहिया सरकार को उस जमाने के भाजपाई भुला पाएंगे नौकरी ट्रांसफर और विकास कार्यों के पक्षपात पूर्ण कार्यों और पुलिस द्वारा कराई गई प्रताड़ना को लोग कैसे भूला सकते हैं।
क्या नवाचार होगा मुख्यमंत्री का चाकघाट दौरा –?
अगर ऐसा होता है कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के चाकघाट में होने जा रहे कार्यक्रम में श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी का जन्मोत्सव मनाया जाता है तो देशभर में प्रधानमंत्री का जन्मदिन उसी दिन मनाया जाता है तो वहां भी प्रधानमंत्री का जन्मदिन मनाया जाना तय है भाजपा से विधायक सिद्धार्थ तिवारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन मनाएंगे लेकिन अपने दादा का जन्मदिन नहीं मनाएंगे ऐसा भी संभव नहीं है हालांकि पूर्व मंत्री और त्योथर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले स्वर्गीय रमाकांत तिवारी की पुण्यतिथि भी 18 सितंबर को होती है लेकिन इसकी चर्चा अभी राजनीतिक गलियारे में कहीं भी नहीं हो रही है जबकि भाजपा के लिए रमाकांत तिवारी जैसे दिग्गज नेता ने कांग्रेस के जमाने में मोर्चा संभाला था और अपने क्षेत्र में भाजपा को कई बार सफलता दिलाई थी। हालांकि जन चर्चा इस बात की भी है कि दादा का जन्मोत्सव कांग्रेस भी मनाएगी और भाजपा के विधायक सिद्धार्थ तिवारी भी आगमी 17 सितंबर को जन्मोत्सव मनाएंगे यहां सबसे बड़ी दिलचस्प बात यह होगी कि भारतीय जनता पार्टी के वह सभी नेता इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे जो एक जमाने में अमहिया सरकार के खिलाफ मुखरित होकर विरोध करते थे और सबसे बड़ी बात यह है कि इस कार्यक्रम में स्वयं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की उपस्थिति में यह नवाचार होने जा रहा है।
चाकघाट कार्यक्रम के क्या निकाले जा रहे राजनीतिक मायने।
त्यौंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी राज जो कि दादा के पोते हैं राज के द्वारा मुख्यमंत्री को त्यौंथर विधानसभा के चाकघाट में दादा के जन्मोत्सव के दिन आयोजित किए जाने वाले कार्यक्रम में आने का निमंत्रण दिया गया है इस कार्यक्रम को जानकर यह मान कर चल रहे है कि राजनीति में सब कुछ जायज है भाजपा की धुर विरोधी रहे स्वर्गीय श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के जन्मदिन में भाजपा के उन नेताओं की मौजूदगी देखने लायक होगी जिन्होंने एक जमाने में न सिर्फ यातनाएं झेली है बल्कि उनके विरोध के कारण ही नेता बने हैं कुछ लोगों का यह भी मानना है कि दादा श्रीनिवास तिवारी को भाजपा से जोड़कर राजनीति में नया चलन शुरू करने का यह कार्यक्रम प्रयास है वैसे देखा जाए तो दादा के बिना आज भी विंध्य की राजनीति गौण प्रतीत होती है यह कहावत कि “दादा न होय दऊ आय – वोट न देवे तऊ आय” की पुष्टि अब भी होती दिख रही है यदि प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव रीवा त्यौंथर विधानसभा में चाकघाट आते हैं यह जाहिर सी बात है कि जब प्रदेश का मुखिया दादा के जन्मोत्सव में आयेगा तो प्रदेश का भारतीय जनता पार्टी का संगठन एवं जिला इकाई की समूची टीम – जिला प्रभारी पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल सांसद जनार्दन मिश्रा उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला पूर्व अध्यक्ष विधानसभा मध्यप्रदेश एवं वर्तमान विधायक गिरीश गौतम वरिष्ठ विधायक नागेन्द्र सिंह विधायक प्रदीप पटेल विधायक दिव्यराज सिंह विधायक इन्जीनियर नरेन्द्र प्रजापति की उपस्थिति अनिवार्य हो जाती है एवं श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी के प्रति श्रद्धाभाव एवं समर्पण रखने वालों की प्रदेश में भी एक लम्बी फेहरिश्त है जो 17 सितम्बर के दिन चाकघाट में ही दिखाई देगा हालांकि राजनीति है और राजनीति का ऊंट कभी भी करवट बदल सकता है।