Mauganj news:कमलेश पुरी ने संभाला हनुमना एसडीएम का पदभार !

Mauganj news:कमलेश पुरी ने संभाला हनुमना एसडीएम का पदभार !
दलालों के चंगुल से मुक्त होगा एसडीएम कार्यालय!
मेहता के हटते ही कई दलाल हुए बेरोजगार मातमी खबरों का दौर से अपने दर्द को कर रहे बयां,हनुमना के लोगों ने जताई खुशी!
आप को बता दें की मऊगंज कलेक्टर का ने आदेश जारी करते हुए हनुमना एसडीएम राजेश मेहता को हनुमना से हटाकर कलेक्ट्रेट कार्यालय में अटैच कर दिया गया है वहीं हनुमना अनुभाग की जिम्मेदारी कमलेश पुरी को दी गई है कमलेश पुरी ने अनुविभागीय अधिकारी हनुमना का पदभार ग्रहण कर लिया है कमलेश पुरी को हनुमना एसडीएम बनाएं जाने पर लोगों ने कलेक्टर मऊगंज और विधायक के प्रति आभार जताते हुए हनुमना अनुभाग से राजेश मेहता के भ्रष्टाचार और काले अध्याय को समाप्त होने पर खुशी जाहिर की गई है!
अभी लगभग चार दिन पूर्व ही राजेश मेहता द्वारा दलालों के माध्यम से उगाही करवाने का विडियो सोशल मिडिया में वायरल हुआ था! इसके पूर्व में भी राजेश मेहता का विवादित आडियो वायरल हुआ था साथ ही न्यायालीन कार्यों में दलालो के माध्यम से उगाही और सांठगांठ करने का आरोप भी राजेश मेहता पर लग चुके थे! जिसको मऊगंज कलेक्टर अजय श्रीवास्तव द्वारा गंभीरता से लेते हुए उन्हें हनुमना से हटाकर कलेक्ट्रेट कार्यालय में अटैच कर दिया गया है! राजेश मेहता को हटाएं जाने से जहां आमजन मानस में खुशी व्यक्त की है तो वहीं उनके पालें हुए दलालों को आर्थिक संकट भी आ गया है! कुछ तथाकथित दलाल जो एसडीएम कार्यालय के इर्द-गिर्द सुबह से ही मंडराते हुए मुर्गा फंसाने के इंतजार में बैठे रहते थे ! और क्षेत्र की भोली भाली जनता को उनके पक्ष में फैसला करवाने के नाम पर उगाही करते थे अब उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है!
बड़ी बात यह है कि मऊगंज जिले में ऐसे झोलाछाप तथाकथित दलाल जो इतने कर्तव्यों के प्रति इतने गम्भीर है कि अल सुबह ही बगैर ब्रश मंजन किए ही अपने मिशन पर लग जाते थे और फिर रोज की तरह शुरू होता है मुर्गा तलाश और उनके हलाल करने का सिलसिला अब थम गया है ! एसडीएम राजेश मेहता के हटते ही जहां ऐसे लोग मातम मना रहे हैं! तो वहीं आमजनता की बीच उत्सव का माहौल है!
अब देखना यह है की राजेश मेहता के पाले हुए दलाल अपना झोला और रसीद कट्टा लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय की ओर कब तक कूच करते हैं!
अपने यहां एक बघेली में कहावत है की
लगी बानि ना छूटय चाहें ओंठ जीभ जरिजाय!