Rewa news:संभाग की पूर्व सैनिक कैंटिन मे करोड़ो का महाघोटाला अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद।

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Rewa news:संभाग की पूर्व सैनिक कैंटिन मे करोड़ो का महाघोटाला अधिकारियों की भूमिका संदेहास्पद।

 

 

 

 

 

 

 

रीवा संभाग की पूर्व सैनिक कैंटीन में पूर्व सैनिकों ने करोड़ों का महाघोटाला! होने की बताई बात अधिकारियों की साजिश से पूर्व सैनिकों के हक का सामान गायब

पूर्व सैनिकों का गुस्सा फूटा: भ्रष्टाचार के जाल में फंसी कैंटीन, मास्टरमाइंड अधिकारी सुरेश द्विवेदी को हटाने की मांग

रीवा, मध्य प्रदेश। पूर्व सैनिकों के लिए बनाई गई रीवा संभाग की कैंटीन भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुकी है, जिसमें करोड़ों रुपये के घोटाले का सनसनीखेज खुलासा पूर्व सैनिकों के द्वारा हुआ है। पूर्व सैनिकों ने आरोप लगाया है कि सेना से सेवानिवृत्त हुए जवानों के लिए उपलब्ध करवाया जाने वाला सामान कैंटीन संचालक सुरेश द्विवेदी की साजिश के चलते बाजार में बेच दिया जाता है। यह महाघोटाला अधिकारियों की मिलीभगत से अंजाम दिया जा रहा है, और पूर्व सैनिकों के हक का सामान उनसे छीना जा रहा है।

कैंटीन संचालक सुरेश द्विवेदी पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप, जांच के बावजूद बना हुआ है पद पर

पूर्व सैनिकों का कहना है कि कैंटीन संचालक जेसीओ सुरेश द्विवेदी पर पहले से ही भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन उसे ऊपरी संरक्षण में पद पर बरकरार रखा गया है। पूर्व सैनिकों ने खुलासा किया कि महीने की शुरुआत में तो कुछ दिनों तक सामान उपलब्ध कराया जाता है, लेकिन 10 तारीख के बाद दूर-दराज से आने वाले पूर्व सैनिकों को खाली हाथ लौटना पड़ता है। कैंटीन में हर महीने भरपूर मात्रा में सामान आता है, जो संभाग के सभी पूर्व सैनिकों की जरूरतें पूरी कर सकता है, फिर भी यह सामान सैनिकों तक क्यों नहीं पहुंचता?

 

 

 

 

 

बड़े अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार के संरक्षण का आरोप

पूर्व सैनिकों का आरोप है कि कैंटीन के उच्च अधिकारी इस घोटाले में शामिल हैं और उनकी शह पर यह घपला जारी है। वरिष्ठ अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए पूर्व सैनिकों ने कहा कि बार-बार शिकायतों के बावजूद भ्रष्ट अधिकारी को हटाया नहीं गया। इससे स्पष्ट होता है कि अधिकारी जानबूझकर आंख मूंदकर बैठे हैं या फिर स्वयं इस भ्रष्टाचार का हिस्सा हैं।

 

 

 

पूर्व सैनिकों की एकजुट मांग: तत्काल कार्रवाई हो, भ्रष्ट अधिकारी को हटाया जाए

रीवा संभाग के हजारों पूर्व सैनिकों ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ एकजुट होकर आवाज उठाई है। उनका कहना है कि कैंटीन संचालन की जिम्मेदारी तुरंत किसी ईमानदार अधिकारी को दी जाए, ताकि पूर्व सैनिकों को उनका अधिकार मिल सके। उनका प्रशासन से यह भी सवाल है कि आखिर कब तक पूर्व सैनिकों के हक पर डाका डाला जाएगा और कब तक भ्रष्टाचारियों को संरक्षण मिलता रहेगा?

 

 

 

क्या प्रशासन उठाएगा सख्त कदम या पूर्व सैनिकों को मिलेगा केवल आश्वासन?

पूर्व सैनिकों की मांगें स्पष्ट हैं—तत्काल जांच, भ्रष्ट संचालक की बर्खास्तगी और ईमानदार व्यक्ति की नियुक्ति। प्रशासन की ओर से क्या त्वरित और सख्त कार्रवाई होगी या फिर यह मुद्दा भी केवल जांच और आश्वासन में ही दफन हो जाएगा? पूरे रीवा संभाग में इस घोटाले को लेकर गुस्सा और असंतोष बढ़ता जा रहा है।

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