Rews news, 31 दिसंबर से पहले बनवा लें यह दस्तावेज नहीं तो नहीं मिलेगी सरकार द्वारा दी जाने वाली किसान सम्मान निधि।

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Rews news, 31 दिसंबर से पहले बनवा लें यह दस्तावेज नहीं तो नहीं मिलेगी सरकार द्वारा दी जाने वाली किसान सम्मान निधि।

 

रीवा: इस समय किसानों की फार्मर आईडी बनाई जा रही है इस आईडी में कृषकों की आरजी के नंबर दर्ज किए जाते हैं और फिर एक कार्ड बनता है फार्मर आईडी का महत्व इस लिहाज से है कि केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सम्मान निधि इस आईडी में दर्ज हुए किसानों को ही दी जाएगी इसके लिए शासन स्तर से समस्त जिलों में तहसील स्तर पर फार्मर आईडी बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं शासन द्वारा यह कार्य पटवारी, सर्वेयर, कियोस्क सेंटरों से बनवा सकते हैं इसके साथ ही किसान स्वयं अपने मोबाइल से भी बना सकते हैं फार्मर आईडी के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है जिसमें प्रति आराजी नंबर₹10 शुल्क लेने का प्रावधान है। फार्मर आईडी बनाने का कार्य बीते 1 अक्टूबर से शुरू है और 31 दिसंबर तक बनाया जाएगा लेकिन अभी तक लगभग 20% किसानों की फार्मर आईडी बन पाई है ऐसे में 31 दिसंबर तक सत प्रतिशत फार्मर आईडी बन पाना संभव नहीं दिखता।

फार्मर आईडी बनाने के नाम पर अवैध वसूली।

ग्रामीण क्षेत्रों में इस बात की चर्चा है कि इन दिनों शासन द्वारा सभी किसानों को आधार कार्ड की तरह ही फार्मर आईडी कार्ड बनवाना आवश्यक है कुछ जगह तो इस तरह की भी चर्चा है कि कम पढ़े-लिखे किसानों को फार्मर आईडी को रजिस्ट्री बताकर ठगी की जा रही है इसके लिए दलाल भी सक्रिय है जो कियोस्क सेंटर में ले जाकर भोले भाले किसानों को फार्मर आईडी बनाने के नाम पर 200 से लेकर 500 तक की वसूली प्रति किसान कर लेते हैं हालांकि यह जन चर्चा मात्र है अभी इस तरह से कोई प्रमाणित शिकायत या आरोप सामने नहीं आया है लेकिन इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता कि कियोस्क सेंटरों में किसानों के साथ ठगी नहीं की जाती होगी क्योंकि दलालों द्वारा इससे पहले आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज बनाने के नाम पर काफी लूट खसोट की जा चुकी है।

क्यों आवश्यक है फार्मर आइडी।

इस मामले में नायब तहसीलदार वृत्त गंगेव तहसील क्षेत्र मनगवां द्वारा बताया गया कि फार्मर आईडी बनवाना हर किसान को आवश्यक है क्योंकि किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि और मुख्यमंत्री किसान सम्मन निधि शासन द्वारा प्राप्त हो रही है फार्मर आईडी में ऐसे किसानों के नाम जमीन के नंबर दर्ज किए जाएंगे और उन्हें कार्ड प्राप्त होगा उन्होंने यह भी बताया कि जिन किसानों का फार्मर आईडी नहीं बनेगा उन्हें आने वाले समय में किसान सम्मन निधि से वंचित होना पड़ेगा ऐसे में आवश्यक है कि सभी किसान फार्मर आईडी आवश्यक रूप से बनवा ले इसके लिए शासन ने पटवारी सर्वेयर और कियोस्क सेंटरों को अधिकृत किया है इसके अलावा किसान स्वयं मोबाइल से कार्ड बना सकते हैं इसमें प्रति जमीन के नंबर पर ₹10 शुल्क निर्धारित किया गया है अगर किसी किसान से अतिरिक्त राशि मांगी जाती है या ली जाती है तो तहसील या वरिष्ठ अधिकारियों को संबंधित किसान शिकायत कर सकते है गलत करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

 

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