रीवा

Rewa MP : आदिवासी परिवार को न्याय दिलाने धरना दे रहे आधा सैकड़ा से अधिक लोगों को पुलिस ने उठाया, मानी मांगे।

Rewa MP : आदिवासी परिवार को न्याय दिलाने धरना दे रहे आधा सैकड़ा से अधिक लोगों को पुलिस ने उठाया,

आदिवासी परिवार की जमीन भू-माफियाओं से मुक्त कराने किया जा रहा था भूंख हड़ताल,

विराट वसुंधरा समाचार/ ब्यूरो रीवा

रीवा :  जिले के सिरमौर एसडीएम कार्यालय के सामने चल रहे धरने को प्रशासन बिना अनुमति धरना प्रदर्शन मानते हुए बल पूर्वक प्रशासन ने धरना खत्म करा दिया है बताया गया है कि बिरसा मुंडा विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु कांत कुशवाहा ने पीड़ित आदिवासी धनपत कोल को न्याय दिलाने एवं प्रशासन के भ्रष्ट अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाई कि मांग को लेकर बीते 6 दिनों से सिरमौर एसडीएम कार्यालय के सामने भूंख हड़ताल पर बैठे थे और शांति पूर्ण तरीके से न्याय कि मांग कर रहे थे, आज शनिवार को सुबह प्रशासन के अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचे, और पुलिस बल का प्रयोग करते हुए धरना स्थल पर बैठे सभी लोगों को गिरफ्तार कर रीवा ले आए लिया, जहां पुलिस लाइन के सामुदायिक भवन में सभी आंदोलन कारियों को सम्मान पूर्वक रखा गया, चाय नस्ता भी कराया गया इसके बाद सभी आंदोलनकारियों की बॉन्ड कार्यवाई कर रिहा करते हुए सिरमौर पहुंचाया गया,

धरना का नेतृत्व कर रहे मप्र बिरसा मुंडा विचार मंच के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु कांत कुशवाहा ने बताया कि सिरमौर नगर में भू- माफियाओ द्वारा कूटरचित दस्तावेज तैयार कर आदिवासी धनपत कोल जो सिरमौर नगर के वार्ड 12 के निवासी है, उनकी जमीन खसरा क्रमाक- 1437 रकवा 0.053 हे. जो सिरमौर पटवारी हल्का सिरमौर तहसील सिरमौर चचाई रोड के किनारे स्थित है, बीते वर्षों में भूमाफियाओ ने फर्जी दस्तावेज बनवाकर अपने नाम करा लिया था, फर्जी नामांतरण करा लेने की जानकारी जब धनपत को हुई तब उसने सिरमौर एसडीएम, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सिरमौर, थाना प्रभारी सिरमौर एवं रीवा कलेक्टर, कमिश्नर के यहाँ आवेदन पत्र देकर मामले कि जाँच व कार्यवाई करने कि मांग कि थी, पूरे मामले में सिरमौर SDM ने कमेटी गठित कर सचरे कि जाँच कराई, जो फर्जी निकला, लेकिन न राजस्व विभाग द्वारा न ही पुलिस द्वारा आज दिनांक तक कोई कार्यवाही कि गई, और न ही धनपत कोल को न्याय मिल पाया,

श्री कुशवाहा ने कहा कि हालात यह है कि भू माफियाओं द्वारा पीड़ित गरीब को जमीन छोड़ देने के लिए धमकाया जा रहा है और उसकी जान के पीछे पड़ गए है, धनपत कोल डर और भय के साये में अपने परिवार के साथ जीवन यापन करने को मज़बूर है,

फिलहाल रीवा प्रशासन ने 15 दिनों का समय माँगा है, मामले में कार्यवाई करने के लिए,
यदि 15 दिनों के अंदर प्रशासन ने कोई कार्यवाई नहीं कि तो 16 वे दिन फिर से धरना प्रदर्शन किया जाएगा,

अब आगे देखना यह दिलचस्प होगा की रीवा जिला प्रशासन व सिरमौर राजस्व विभाग द्वारा गरीब आदिवासी पीड़ित व्यक्ति की जमीन मामले मे क्या कुछ कार्यवाई कि जाती भी है य नहीं, यह बड़ा प्रश्न चिन्ह है।

 

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