Rewa news करे कोई भरे कोई, लोगों ने कहा बोरवेल हादसे में निर्दोष CEO बन गए बलि का बकरा।

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Rewa news करे कोई भरे कोई, बोरवेल हादसे को लेकर लोगों ने कहा निर्दोष CEO बन गए बलि का बकरा।

बोरवेल घटना को लेकर लापरवाह पंचायत सचिव को किया गया निलंबित बोरवेल का मालिक पहुंचा सलाखों के पीछे।

विराट वसुंधरा,
बीते दिनों रीवा जिले के त्योंथर जनपद पंचायत क्षेत्र के मनिका गांव में हुई हृदय विदारक घटना से हर व्यक्ति दु:खी हैं इसी घटना को लेकर रविवार की रात कमिश्नर रीवा संभाग ने जनपद पंचायत त्योंथर के सीईओ द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र को आधार मानते हुए सीईओ राहुल पाण्डेय को निलंबित कर दिया था हालांकि यह प्रमाण पत्र अक्टूबर माह 2023 में पंचायत सचिव द्वारा बिना परीक्षण किये भ्रामक रूप से जारी किया था उसी प्रमाण पत्र को आधार मानते हुए सीईओ को निलंबित किया गया है जबकि उस दौरान सीईओ जनपद पंचायत त्योंथर राहुल पाण्डेय के पास तीन जनपद पंचायतों त्योंथर, जवा और गंगेव का प्रभार था जाहिर सी बात है कि पंचायत स्तर पर सीईओ खुले बोरवेल की जानकारी अपने अधीनस्थ कर्मचारी के मातहत ही प्राप्त करेंगे और ऐसा ही हुआ था देखा जाए तो एक तरफ सरकार के पास अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी है और सरकार की सैकड़ो योजनाएं क्रियान्वित करना इन्हीं अधिकारियों पर निर्भर है तो वहीं दूसरी तरफ लापरवाह जमीनी कर्मचारियों की गलती का खामियाजा बड़े अधिकारी को भुगतना पड़ता है,बोरवेल की  घटना को लेकर स्थानीय पत्रकार विजय तिवारी ने जो ग्राउंड रिपोर्ट दी है उसके अनुसार स्थानीय लोग कहते हैं कि 6 वर्षीय बालक मयंक खेत में गेहूं की बाली बिन रहा था और एक बोरी में उसको समेट कर चल रहा था खेत में ही खुले पड़े बोरवेल में गिर कर काल के गाल में समा गया मासूम बालक की इस तरह से मृत्यु होना काफी दु:खद है लेकिन यहां माता-पिता पालक की जिम्मेवारी होती है कि भले ही कितनी गरीबी हो नौनिहाल बच्चों को अपने निगरानी में रखना चाहिए खेत में गेहूं की बाली बिनना घरवालों की रजामंदी और निर्देश पर ही संभव है, इस घटना में यह नहीं कहा जा सकता कि बच्चा खेत में खेल रहा था।

घटना के लिए जिम्मेदार कौन -?

रीवा जिले की इस हृदय विधायक घटना से पूरा प्रदेश हिल गया
घटना स्थल पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी त्योंथर ने लगभग 44 घंटे खड़े रहकर रेस्क्यू ऑपरेशन का नेतृत्व किया और शासन ने दोषी मानते हुए निलंबित कर दिया शासन की नजर से अधिकारी पर दोष इसलिए बनता है कि प्रमाण पत्र अधिकारी द्वारा ही जारी किया जाता है लेकिन इसके पीछे जो मूल वजह है उसे नजर अंदाज नहीं किया जा सकता पंचायत स्तर पर सरपंच ग्राम पंचायत के सचिव रोजगार सहायक और पटवारी आखिर ऐसे कर्मचारी किस काम के हैं जो आंख मूंद कर कोई भी जानकारी अपने विभाग के अधिकारियों को दे देते है शासन की तरफ से अगर किसी से गलती हुई है तो यही तीनों वह कर्मचारी है जिनके खिलाफ कठोर कार्यवाही होनी चाहिए तो वही दूसरी तरफ सबसे बड़े अपराधी भूमि स्वामी है जिन्होंने बोरवेल को खुला रखा हालांकि उनके विरुद्ध पुलिस ने विभिन्न धाराओं में अपराध पंजीबद्ध कर आज सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है। इसके साथ ही नौनिहाल बच्चों के माता-पिता और पालक भी लापरवाही पूर्वक काम करते हैं जिसके कारण ऐसी घटनाएं हो जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि लापरवाह भूमि स्वामी, सरपंच, पंच, सचिव ,रोजगार सहायक और पटवारी, के साथ ही पालक /माता- पिता की लापरवाही घटना के लिए वास्तविक जिम्मेदार हैं।

पंचायत सचिव पर हुए निलंबन की कार्यवाही।

मनिका गांव में मासूम बालक के बोरवेल में गिरने के बाद लगभग 40 घंटे तक जिला कलेक्टर प्रतिभा पाल पुलिस अधीक्षक विवेक सिंह जिला पंचायत सीईओ, और एसडीएम /एसडीओपी ,जनपद सीईओ, तहसीलदार तथा थाना प्रभारी घटनास्थल पर ही आम जनता के साथ खड़े रहे और सबसे बड़ी बात यहां यह भी देखने को मिली की क्षेत्रीय विधायक सिद्धार्थ तिवारी घटना के बाद से बोरवेल से मासूम बालक का शव निकाले जाने तक खड़े रहे देखा जाए तो रीवा जिले में इस तरह की बड़ी घटना होने के बाद शायद पहली बार किसी कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक और अधिकारियों को संवेदनशीलता के साथ घटनास्थल पर डटे रहना देखा गया है सरकार के निर्देश पर त्वरित कार्यवाही जनपद पंचायत त्योंथर सीईओ पर की गई थी अब वास्तविक दोषियों पर कार्यवाही होना शुरू हो गया है जहां एक तरफ रीवा पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर प्रमुख आरोपी भूमि स्वामी को पुलिस ने विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज करते हुए गिरफ्तार कर लिया है तो वहीं दूसरी तरफ जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे ने त्योंथर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत मनिका के ग्राम पंचायत सचिव अशोक कुमार तिवारी को निलंबित करने के आदेश दिए हैं। यह कार्यवाही मध्यप्रदेश पंचायत सेवा अनुशासन तथा अपील नियम 1999 के तहत की गई है। गांव में अनुपयोगी तथा खुले बोरवेल को बंद न कराने तथा इस संबंध में दिए गए निर्देशों के पालन में लापरवाही बरतने एवं भ्रामक प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने पर यह कार्यवाही की गई है।

कलेक्टर ने खुले बोरवेलों को बंद करने के दिए आदेश

रीवा कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती प्रतिभा पाल ने जिले के सभी अनुपयोगी और खुले बोरवेलों को मजबूत लोहे के ढक्कनों से बंद करने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने सभी एसडीएम, सीएमओ, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, उप संचालक कृषि तथा तहसीलदारों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। कलेक्टर ने कहा है कि अपने कार्यक्षेत्र के अनुपयोगी बोरवेल, कुंओं तथा अन्य खतरनाक जल स्त्रोतों को मजबूत ढक्कन से बंद कराकर तीन दिवस में निर्धारित प्रपत्र में प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। बोरवेल के खुले रहने, उसकी क्रेसिंग पाइप निकाल लेने अथवा पानी न रहने पर उसे खुला छोड़ देने पर इनसे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है, इसे रोकने के लिए इन्हें बंद करने के तत्काल उपाय कराएं।

शासकीय विभागों को भी जारी हुआ निर्देश।

कलेक्टर ने कहा है कि विभिन्न शासकीय विभागों द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में पेयजल के लिए बड़ी संख्या में बोरवेल बनाए गए हैं। इनमें से जो बोरवेल अनुपयोगी हो गए हैं उनकी सूची बनाकर उन्हें मजबूती से बंद करने के उपाय करें। उनमें मजबूत कैप लगाएं। निजी भूमि स्वामियों द्वारा भी यदि बोरवेल, कुंआ अथवा अन्य जल स्त्रोत अनुपयोगी मानकर खुले छोड़ दिए गए हैं तो उनकी भी सूची बनाकर उन्हे लोहे के कैप से बंद कराने अथवा पाटने की कार्यवाही कराएं। जो कुंएं बिना जगत के हैं उनमें भी दुर्घटना की आशंका रहती है। ऐसे कुंओं को जाली लगाकर बंद कराएं। समस्त कार्यवाही तीन दिवस में सुनिश्चित कर एसडीएम के माध्यम से नगरीय निकाय और ग्राम पंचायतें प्रतिवेदन प्रस्तुत करें। इस कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

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