REWA NEWS: अफसरों की बैठक में रही व्यस्तता, जनसुनवाई खानापूर्ति तक सीमित
रीवा. लोकसभा चुनाव के बाद फिर से शुरू जनसुनवाई में शिकायतकर्ता तो बड़ी संख्या में आए, लेकिन उनकी सुनवाई सही तरीके से नहीं हो पाई। कलेक्ट्रेट में जहां जनसुनवाई होती है, वहां कलेक्टर सहित अन्य अधिकारी एक बैठक में व्यस्त रहे। इसकी वजह से काफी देर तक सभागार के बाहर ही लोगों की भीड़ जमा रही।
इस बीच कलेक्टर ने सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक अनिल दुबे को लोगों के आवेदन लेने के लिए कहा। दुबे ने दूसरे कक्ष में आवेदन सभी के लिए और संबंधित विभागों के लिए फार्वर्ड कर दिया है। जो आवेदक आए वह कलेक्टर से मुलाकात करने की बात करते रहे। आम रास्ते में अतिक्रमण की समस्या लेकर चौड़ियार से आई महिलाओं ने तो आवेदन देने से ही इनकार कर दिया। कहा कि कलेक्टर से मिले बिना नहीं जाएंगी। काफी देर तक कलेक्ट्रेट के मुख्य द्वार पर नारेबाजी भी की। लंबे समय के बाद जनसुनवाई प्रारंभ हुई है, इस कारण लोगों की पहले की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वह संबंधित अधिकारियों की शिकायत कलेक्टर से करना चाह रहे थे।
दुर्घटना बीमा के लिए चार माह से भटका रहे
बजरंगपुर गांव से आए विजय पटेल ने बताया कि कुछ समय पहले वह दुर्घटनाग्रस्त हो गए। जिसके चलते विकलांग हो गए हैं और दुर्घटना बीमा के तहत मदद के लिए चार माह से चक्कर लगा रहे हैं। श्रम विभाग द्वारा कहा जा रहा है कि भवन संनिर्माण का पहले से कार्ड नहीं था। कलेक्टर के आश्वासन के बाद भी सहायता नहीं मिल रही है।
गुढ़ के ग्राम पंचायत चौड़ियार में भी आम रास्ते की समस्या है। गांव के वार्ड एक में अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लोगों की बस्ती है। जहां तक पहुंचने के लिए बनाए गए आम रास्ते पर लंबे समय से कुछ लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। इसे हटाने की मांग उठाई गई है। ग्रामीणों ने कहा, मामले की शिकायत वह लगातार कर रहे हैं। विधायक नागेन्द्र सिंह को भी ज्ञापन सौंपा था। उन्होंने कलेक्टर और तहसीलदार को पत्र लिखकर अतिक्रमण हटाए जाने के लिए कहा है। शिकायत करने वालों में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं।
पटवारी ने खसरा नंबर गलत कर दिया
नईगढ़ी के मैरहा से पहुंचे गुलेशर अहमद ने बताया कि तीन साल से किसान सम्मान निधि के लिए कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं। इसके पहले चार बार आवेदन दे रखा है। पटवारी ने गलत खसरा नंबर फीड कर दिया है, जिसकी वजह से योजना के तहत किसान सम्मान निधि की राशि नहीं मिल रही है।