भोपालमध्य प्रदेश

MP news, 40 हजार रिश्वत लेते पकड़े गए बाबू के पास अकूत संपत्ति, लोकायुक्त ने इस ओर क्यों नहीं दिया ध्यान।

MP news, 40 हजार रिश्वत लेते पकड़े गए बाबू के पास अकूत संपत्ति, लोकायुक्त ने इस ओर क्यों नहीं दिया ध्यान।

यज्ञ प्रताप सिंह, क्राइम रिपोर्टर

भोपाल। बीते दो दिन पहले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक रिश्वतखोर बाबू लोकायुक्त टीम द्वारा रंगे हाथों रिश्वत लेते पकड़ा गया है जो अब तक चर्चा का विषय बना हुआ है लोकायुक्त टीम ने उसे 40000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था आरोप है कि बाबू ने किसान से 3.35 लाख रिश्वत की मांग की थी जिसे लोकायुक्त पुलिस ने धर दबोचा, लोकायुक्त टीम द्वारा उक्त कार्यवाही BDA, भोपाल विकास प्राधिकरण में पदस्थ उच्च श्रेणी लिपिक सहायक ग्रेड 1 तारकचंद दास के विरुद्ध की गई है भ्रष्ट बाबू तारकचंद के खिलाफ एक किसान ने लोकायुक्त को शिकायत दर्ज कराई थी फरियादी द्वारा की गई शिकायत की तस्दीक के बाद लोकायुक्त टीम ने 40 हजार रुपए रिश्वत लेते बाबू को रंगे हाथों पकड़ा है और भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही कर रही है।

किसान से मांगी थी 3.35 लाख रिश्वत।

भोपाल विकास प्राधिकरण कार्यालय में रिश्वतखोरी किस प्रकार चल रही है इस कार्रवाई से ही पता चलता है बताया जाता है कि लिपिक तारकचंद दास द्वारा फरियादी किसान से मकान की लीज के नवीनीकरण के एवज में 3 लाख 35 हजार रुपयों रिश्वत की मांग हुई थी मकान की लीज के लिए किसान कई महीनो से परेशान था जब बाबू ने उसे मोटी रकम रिश्वत के रूप में मांगी तो उसने लोकायुक्त पुलिस भोपाल कार्यालय पहुंचकर शिकायत की मांगी गई रकम के रूप में पहली किस्त 40000 रुपए किसान द्वारा जब दिया जा रहा था इस दौरान रिश्वतखोर आप बाबू को लोकायुक्त टीम ने भोपाल विकास प्राधिकरण कार्यालय में पकड़ लिया और धारा 7 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

भ्रष्ट बाबू का पूरा परिवार लग्जरी।

बताया जाता है कि दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के तौर पर तारकचंद्र दास वर्ष 1994-95 में भोपाल विकास प्राधिकरण कार्यालय में भर्ती हुआ था और वर्ष 1997 में नियमित कर्मचारियों के रूप में रखा गया वर्तमान समय में सहायक ग्रेड- 1 पद पर पदस्थ है और सेवानिवृत होने में अभी 4 वर्ष बाकी है बीडीए में पदस्थ बाबू तारकचंद्र दास का पूरा परिवार लग्जरी लाइफ जी रहा है और उनके पास अकूत संपदा है इसके साथ ही हाई प्रोफाइल इनका स्टेटस है जिस प्रकार से यह बाबू लग्जरी लाइफ जी रहा है इससे यह पता चलता है कि उसने नौकरी में रहते जमकर रिश्वतखोरी की है लोकायुक्त टीम द्वारा जब रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया तो भोपाल शहर में इस बात की चर्चा होने लगी थी कि लोकायुक्त टीम  उसकी सारी संपत्ति की जांच भी कर सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुआ लोकायुक्त ने जब उसे पकड़ उसके बाद उसके संपत्ति संबंधित दस्तावेजों की छानबीन नहीं की, अगर ऐसा होता तो शायद उसके पास कुबेर का खजाना भी लोकायुक्त टीम के हाथों लग सकता था।

बाबू की संपति बनी हुई है चर्चा का विषय।

भोपाल विकास प्राधिकरण विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी के तौर पर पदस्थ हुए तारकचंद्र दास सहायक ग्रेड-1 को लगभग 70 हजार रु. महीने वेतन प्राप्त होता है लेकिन उनकी संपत्ति काफी अधिक है सोशल मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार बाबू तारकचंद की पत्नी मंदिरा दास के नाम पर कस्तूरबा नगर में दो फ्लोर मां गंगा होटल और दो फ्लोर हॉस्टल के साथ ही एक फ्लोर और अभी निर्माणाधीन है, उनकी पत्नी का BDA के सामने शेड में स्वयं का कार्यालय भी है जिसमें वह स्टांप वेंडर का काम करती हैं इसके अलावा पंचशील नगर में बाबू के मां के मकान में ग्राहक सेवा केंद्र SBI कियोस्क सेंटर और MP online का भी कारोबार कर रही हैं, उनके पंचशील नगर स्थित मकान में 14 किराएदार रहते हैं और उनकी मां ईवा चटर्जी के नाम जो मकान है उसमें 16 किराएदार रहते हैं जिसका सारा हिसाब किताब बाबू की पत्नी मंदिरा ही देखती हैं।

लोकायुक्त की कार्यवाही के बाद भी उठे सवाल।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकायुक्त द्वारा प्रदेश भर में की जा रही कार्यवाही सराहनीय है लोकायुक्त पुलिस को काफी सम्मान की दृष्टि से भी देखा जाता है लोकायुक्त टीम द्वारा जो भी कार्यवाही की जाती है उसके बाद आर्थिक अपराध मामलों में लोकायुक्त की वाहवाही होना भी किसी से छिपा नहीं है लेकिन इस कार्यवाही के बाद अब सोशल मीडिया में चल रही खबरों में लोकायुक्त की कार्यवाही पर भी लोग शंका जता रहे हैं की रिश्वतखोर बाबू के पास अकूत संपदा है लोकायुक्त टीम ने उसके अन्य ठिकानों में छापामार कार्यवाही क्यों नहीं की और उसके संपत्ति संबंधित दस्तावेज क्यों नहीं खगाले गए।

 

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