मध्य प्रदेशसिंगरौली

Singrauli News: रौंदी के जंगल में बाघिन की संदिग्ध हालत में मौत

रौंदी के जंगल में बाघिन की संदिग्ध हालत में मौत

Singrauli News:  वन परिक्षेत्र माड़ा के बीट रौंदी जंगल में सोमवार की देर शाम बाघिन का शव मिलने से वन विभाग में सनसनी फैल गई है। बाघिन की मौत किन परिस्थितियों में और कैसे हुई इसको लेकर जिले के डीएफओ, एसडीओ(DFO, SDO) के लेकर अन्य वन अमला तलाश में जुटा है।

गौरतलब(noteworthy) हो कि बुधवार की रात से बाघिन के दस्तक देने का सुराग मिलते ही साजापानी समेत कई गांवों में हड़कप मच गया और ग्रामीणों ने इसकी जानकारी वन कर्मियों को दी थी। इस दौरान सीधी जिले के संजय टाइगर दुबरी भुईमाड़ रेंज से क्रॉस कर बाघिन के माड़ा परिक्षेत्र के डोंगरी व लंघाडोल क्षेत्र में पहुंचने की लोकेशन मिला था। वन रेंजर माड़ा ने शीघ्र संजय टाइगर वन अमले को अवगत कराते हुए 5 अलग-अलग दल गठित कर सभी परिक्षेत्र सहायकों को प्रभारी बनाते हुए रेंज स्तर पर मानिटरिंग करने लगे। संजय टाइगर टीम संयुक्त रूप से टै्रकिंग और गश्ती करते हुए नजर रख रही है। बाघिन को कॉलर आईडी भी लगा है। फिलहाल माड़ा परिक्षेत्र में बाघिन का लोकेशन मूवमेंट के मिलने से गांव के लोग दहशत में थे, अभी तक बाघिन किसी प्रकार की जनहानि नहीं पहुंचायी थी। वही रेंजर ने जंगल के आसपास के गांव में मुनादी कराते हुए लोगों को जागरूक करते हुये आसपास के इलाकों में लोगों को सतर्क करते हुये घर में रहने की सलाह दिया था।

पता चला कि संजय टाइगर रिजर्व से माड़ा के जंगल में पहुंची बाघिन अभी आसपास के जंगलों में विचरण कर रही थी। वन विभाग ने उसका लोकेशन रौंदी में ट्रेस किया था। लेकिन पिछले तीनों दिनों से बाघिन का कोई मूवमेंट न होने से वन अमला सती में आ गया और बीट रौंदी के जंगल में तलाश शुरू कर दिया। सोमवार देर शाम बाघिन का संदिग्ध परिस्थतियों में शव मिलने से वन अमले में हड़कंप मच गया। पॉच अलग-अलग वन अमले की टीमों ने शव के पास पहुंच इसकी जानकारी डीएफओ और एसडीओ एनके त्रिपाठी, रेंजर हर्षित मिश्रा को दी गई। जहां बाघिन के शव को अपने कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।

जानकारी देने से बच रहा अमला

बीट रौंदी के जंगल में सोमवार की देर शाम बाघिन का शव मिलने से वन विभाग का अमला सते में आ गया है। वन विभाग के जिमेदार अधिकारी बाघिल की मौत की पुष्टि कर रहे हैं। लेकिन अन्य विस्तार से जानकारी देने से कतरा रहे हैं। यहां तक कि मामला उजागर न हो इसके लिए भी वन अमला हर संभव प्रयास कर रहा है।

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