रीवा जिले में व्यय निगरानी के लिए गठित दलों के अधिकारियों को व्यय प्रेक्षकों की उपस्थिति में दिया गया प्रशिक्षण।

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रीवा जिले में व्यय निगरानी के लिए गठित दलों के अधिकारियों को व्यय प्रेक्षकों की उपस्थिति में दिया गया प्रशिक्षण।

रीवा। विधानसभा निर्वाचन 2023 अन्तर्गत निर्वाचन व्यय अनुवीक्षण में संलग्न सहायक व्यय प्रेक्षक, उड़नदस्ता, स्थैतिक निगरानी दल, वीडियो निगरानी दल, वीडियो अवलोकन दल एवं लेखा दल में संलग्न समस्त अधिकारियों को कलेक्ट्रेट के मोहन सभागार में प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान रीवा जिले के विधानसभा क्षेत्रों के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त व्यय प्रेक्षक निष्ठा तिवारी, वी सौम्या एवं सुदीप्ता पाल उपस्थित रहे।

प्रशिक्षण के दौरान व्यय प्रेक्षकों ने अपने उद्बोधन में कहा कि निर्वाचन व्यय निगरानी के लिए नियुक्त सभी दल व्यय की मॉनीटरिंग का कार्य पूरी जिम्मेदारी से करें। निर्वाचन में धन बल के उपयोग से निष्पक्ष मतदान को प्रभावित करने के प्रयास उम्मीदवार द्वारा किए जा सकते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए निर्वाचन आयोग ने कई दलों को चुनाव खर्च की निगरानी के लिए तैनात किया है। इसमें शामिल अधिकारी आयोग के निर्देशों का पालन करते हुए पूरी जिम्मेदारी से चुनाव खर्च की निगरानी निर्भय होकर करें। वाहनों और व्यक्तियों की तलाशी में किसी तरह की कमी न रहे। उडनदस्ता, स्थैतिक दल तथा वीडियो सर्विलान्स दल लगातार कार्यवाही करें। समस्त दल आवंटित विधानसभा क्षेत्रों का लगातार भ्रमण करें तथा दैनिक गतिविधियों की रिपोर्ट निर्धारित फार्मेंट में प्रति दिवस संबंधितों को भेजना सुनिश्चित करें। सभी दलों को अपना कार्य सम्पादित करने के लिए उचित प्रशिक्षण दिया गया है। उडनदस्ता, वाहनों की जांच, नगद राशि तथा शराब के अवैध परिवहन, हथियार ले जाने पर कार्यवाही करें। स्थैतिक दल निर्धारित नाकों में लगातार जांच की कार्यवाही करें। समस्त कार्यवाहियों की वीडियो ग्राफी अनिवार्य रूप से कराई जाए। वीडियो सर्विलांस दल के सदस्य पूरी सावधानी से वीडियो बनाएं। सभा, जुलूस, रैली आदि के वीडियो बनाते समय उसमें शामिल वाहनों की संख्या, नम्बर, प्रचार सामग्री, तम्बू, कुर्सियों, लाउड स्पीकर लेकर चुनाव प्रचार के लिए उपयोग प्रत्येक सामग्री का स्पष्ट वीडियो तैयार करें। इसका परीक्षण करके वीडियो निगरानी दल चुनाव खर्च निर्धारित कर सहायक व्यय प्रेक्षक को प्रस्तुत करें।

नोडल अधिकारी प्रशिक्षण डॉ अमरजीत सिंह ने व्यय अनुवीक्षण में संलग्न सभी दलों को विस्तार से पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार अधिकतम 40 लाख रुपए तक की राशि खर्च कर सकते हैं। चुनाव खर्च के लिए उम्मीदवार को पृथक बैंक खाता खुलवाना होगा और इस खाते से ही चुनाव संबंधी सभी व्यय का भुगतान किया जाएगा। उम्मीदवार प्रतिदिन का चुनाव खर्च व्यय पंजी में दर्ज करेंगे। नगद राशि का विवरण भी पंजी में दर्ज किया जाएगा तथा बैंक से लेनदेन का पूरा विवरण पंजी में दर्ज होगा। प्रत्येक उम्मीदवार के नामांकन पत्र दाखिल करने की तिथि से लेकर मतगणना तक की तिथि तक चुनाव खर्च दर्ज किया जाएगा। राजनैतिक दलों द्वारा सूचीबद्ध स्टार प्रचारकों की सभा का चुनाव खर्च उम्मीदवार के स्थान पर उसके दल के खर्च में जोडा जाएगा।

उन्होंने बताया कि उम्मीदवार विज्ञापन, पेड न्यूज तथा इलैक्ट्रानिक चैनल एवं सोशल मीडिया में भी यदि विज्ञापन करेंगे तो उसका खर्च जोडा जाएगा। इसकी निगरानी एमसीएमसी समिति द्वारा लगातार की जा रही है। चुनाव खर्च में अनियमितता पाए जाने पर सहायक व्यय प्रेक्षक प्रतिवेदन रिटर्निंग आफीसर को देंगे। उम्मीदवार को नोटिस रिटर्निंग आफीसर द्वारा जारी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवारों द्वारा नगद राशि बांटने, स्व-सहायता समूहों, साहूकारों तथा गांव के प्रभावशाली व्यक्तियों के माध्यम से मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास करेंगे, इन पर कडी निगरानी रखें। वीडियो दल तथा अन्य अधिकारी उम्मीदवार के विरूद्ध कार्यवाही करते समय पर्याप्त साक्ष्यों का अभिलेखीकरण करें। बैठक में उप जिला निर्वाचन अधिकारी श्रेयस गोखले, नोडल अधिकारी व्यय लेखा आरके प्रजापति सहित व्यय अनुवीक्षण के लिए नियुक्त विभिन्न दलों के अधिकारी उपस्थित रहे।

 

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