MP news:बुरहानपुर में टॉर्च की रोशनी में खोद दिए 100 खेत!

MP news:बुरहानपुर में टॉर्च की रोशनी में खोद दिए 100 खेत!
बुरहानपुर. फिल्म ‘छावा’ में बुरहानपुर में मुगलों का खजाना बताया गया है। यहां मुगलों ने सोने-चांदी के सिक्के की टकसाल बनाई थी। इस तथ्य से ऐसी अफवाह फैली कि लोगों ने असीरगढ़ किले के पास खुदाई शुरू कर दी। वे सिर पर टॉर्च लगा, कुदाल लेकर रात में खुदाई कर रहे हैं। सोने के सिक्कों की तलाश में उन्होंने 100 खेतों में बड़े-बड़े गड्ढे बना दिए। इतिहासकारों की मानें तो पहले भी बुरहानपुर में सिक्के मिले हैं। अब फिल्म ‘छावा’ ने इसे हवा दी है।
ऐसे शुरू हुई खुदाई
इंदौर से हैदराबाद तक नेशनल हाइवे बनाने के लिए खुदाई चल रही है। 3 माह पहले एक खेत से सोने के सिक्के निकलने की अफवाह फैली। इसी बीच फिल्म ‘छावा’ रीलिज हुई। इसमें मुगलों का खजाने के छिपे होने की बात कही गई, तब से खुदाई करने वालों की संख्या बढ़ने लगी।
असीरगढ़ के पास खेत में सिक्के ढूंढने के लिए लोगों के पहुंचने की सूचना मिली। सोने-चांदी के सिक्के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। ऐसा मूवमेंट होगा तो प्रतिबंधित करेंगे।
देवेंद्र पाटीदार, एसपी, बुरहानपुर
इतिहासकार भी बोले-खजाना तो है
इतिहासकार कमरुद्दीन फलक ने बताया, असीरगढ़ किले के पास प्राचीन बस्ती थी। बहादुरशाह फारूखी के समय अकबर ने 1601 में बुरहानपुर फतह किया था। तब धनवान लोगों को किले पर बुलाया था। किले के पास सिक्के मिलना बड़ी बात नहीं है। पहले भी सिक्के निकले थे। यदि ग्रामीणों को सिक्के मिल रहे हैं तो प्रशासन को सिक्कों की तलाश करनी चाहिए। जांच में पता चलेगा कि सिक्के कितने पुराने है। पुरातत्व समिति सदस्य शालिकराम चौधरी ने बताया, बुरहानपुर में सोना- चांदी के सिक्कों की टकसाल थी। असीरगढ़ पर हर समय खुदाई में कुछ न कुछ मिलता है।