भोपालमध्य प्रदेश

MP news:विधानसभा के पवित्र सदन में भी सौरभ शर्मा की “अवैध अनुकंपा नियुक्ति”पर सरकार का झूठ आश्चर्यजनक,इन प्रश्नों पर भी सरकार क्या कुछ कहेगी!

MP news:विधानसभा के पवित्र सदन में भी सौरभ शर्मा की “अवैध अनुकंपा नियुक्ति”पर सरकार का झूठ आश्चर्यजनक,इन प्रश्नों पर भी सरकार क्या कुछ कहेगी!

 

 

 

 

सौरभ के स्वर्गीय पिता स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ थे, सरकारी अनुकंपा से हुई “अवैध अनुकंपा नियुक्ति” परिवहन जैसे मलाईदार विभाग में, आरक्षक के पद पर वह भी फर्जी दस्तावेजों/ शपथ पत्र के आधार पर, कैसे हुई*”?

 

 

सदन में परिवहन मंत्री मान. राव उदयप्रताप सिंह ने उपनेता प्रतिपक्ष मान. @HemantKatareMP के प्रश्न के जवाब में कहा कि अनुकंपा नियुक्ति के जो चार मापदंड अनुशंसा,अनुमोदन,सहानुभूतिपूर्वक विचार और विभाग से अभिमत बताये हैं, क्या नियमानुसार इस प्रकरण में उनका अनुपालन हुआ है*?

 

 

 

 

इस प्रकरण में जिस तरह CMHO, तत्कालीन ज़िला कलेक्टरों और परिवहन मंत्रियों की नियम विरुद्ध भूमिकाएँ सामने आई हैं, क्या वे शासन के अंग नहीं हैं*?

 

तत्कालीन परिवहन मंत्री @bhupendrasingho जी इस नियुक्ति में अपनी भूमिका न होने की बात कह चुके हैं,तो उन्होंने अभिमत प्राप्त करने के लिए नोटशीट क्यों लिखी,उन्हें सीधे अपनी सहमति /सहमति व्यक्त करने का वैधानिक अधिकार प्राप्त था, जिसका उन्होंने पालन क्यों नहीं किया, 4 सालों तक सौरभ “परिवहन चौकियों से लूट किसके संरक्षण में करता रहा*”?

 

 

 

 

सरकारी संरक्षण में की जा रही इस “लूट” में किस-किस परिवहन मंत्री की क्या-क्या भूमिकाएं/सहयोग था ? एक अन्य परिवहन मंत्री @govinds_R बतायें कि सौरभ उनका चहेता क्यों और किसलिए था, उसे उनके द्वारा दिये गये “अपार संरक्षण” के नेपथ्य का राज़ क्या है, जिस सौरभ को बर्खास्त करना था,मंत्री जी आपने उसका इस्तीफ़ा स्वीकार कर उसे “सेफ़ पैसेज” देकर यह गंभीर अपराध क्यों व किसलिए किया*?

 

 

 

 

 

सदन में मौजूद परिवहन मंत्री “सरकार के पापों” पर आधारित अवैध अनुकंपा नियुक्ति को “क्लिनचिट” दे रहे हैं और सौरभ की अवैध नियुक्ति के एक जवाबदार तत्कालीन परिवहन मंत्री भूपेन्द्र सिंह जी उसी सदन में “अब उस नियुक्ति को ग़लत बता रहे हैं”, इस आपराधिक नौटंकी के मायने क्या हैं*?

 

 

 

 

 

भूपेन्द्रसिंह जी गत दिनों आप ही ने तो कहा था कि इस नियुक्ति में मेरी कोई भूमिका नहीं है, यदि आरोप सच हुए तो मैं “राजनीति से सन्यास” ले लूंगा,अब आप ही कह रहे हैं कि यह नियुक्ति ग़लत है, आपकी नोटशीट भी आपकी संलिप्तता को उजागर कर रही है।

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