रीवा शहर में तथा कथित पत्रकार दांपत्ति ने बीच सड़क किया हंगामा कार सवार लोगों से मारपीट और रुपए छीनने का लगा आरोप।

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रीवा शहर में कथित पत्रकार दांपत्ति ने बीच सड़क किया हंगामा कार सवार के साथ मारपीट और रुपए का लगा आरोप।

रीवा जिले में एक स्वयंघोषित तथा कथित पत्रकार दांपत्ति है जो अक्सर अपनी सनसनीखेज खबरों से झूठ और नफ़रत फैलाने का कारनामा कर सुर्खियां बटोरते रहते हैं। बीते दिन दोपहर बाद रीवा शहर के उर्रहट में बीच सड़क पर लगभग आधा घंटा हंगामा किए घटना के बारे में बताया गया है कि कार सवार रमाशंकर चतुर्वेदी जो मनिकवार के रहने वाले हैं अपने परिवार के साथ सिरमौर चौराहा की ओर से सामान की तरफ जा रहे थे और उर्रहट में रुके थे अचानक सड़क पर तथा कथित पत्रकार रामानंद पांडे की पत्नी अनीता पांडे की स्कूटर को कार मोड़ते समय धक्का लगा तो पैर के अंगूठे में चोट लग गई घटना के बाद अनीता पांडे ने कार की चाबी छीन लीं और बीच सड़क पर कार खड़ी रही और काफी लंबा जाम लगा था कुछ देर बाद उनके पति रामानंद पांडेय घटनास्थल पहुंचे और कार चालक व्यक्ति को पीटने लगे इस बीच अपने पिता को बचाने छोटी-छोटी बच्चियां पहुंची तो उनके साथ भी धक्का मुक्की और अभद्रता किए जाने की बात बताई गई है।

इस घटना को लेकर कथित पत्रकार रामानंद पांडेय से पिटे व्यक्ति ने बताया कि उनके साथ कथित पत्रकार ने जमकर मारपीट किया है और उनसे लगभग ₹5000 भी छीन ले गये इसके साथ ही बीच बचाव करने जब उनकी बच्चियों पहुंची तो उनके साथ भी अभद्रता की गई है हालांकि जब यह सब हो रहा था उस बीच पूरी सड़क में जाम लगा था और लगभग सैकड़ो लोग तमसबीन बनकर पूरे घटनाक्रम को देखते रहे किसी में इतनी हिम्मत नहीं थी की कथित पत्रकार से पिट रहे व्यक्ति को बचा सकें मारपीट करने के बाद कथित पत्रकार रामानंद पांडे अपनी पत्नी को लेकर अस्पताल चले गए जहां उपचार कराया और पैर के अंगूठे में चोट लगने की बात सामने आई है।

यहां सबसे ताज्जुब की बात तो यह रही कि खुद को पत्रकार कहने वाले गुंडा प्रवृत्ति के व्यक्ति रामानंद पांडेय ने मारपीट की घटना को अंजाम दिया और लगभग आधा घंटे तक कार सवार लोगों में दहशत फैला कर रखा और सड़क पर लंबा जाम भी लग रहा जबकि एक्सीडेंट होना कोई नई बात नहीं है ऐसे किसी के साथ भी घटना हो सकती है इसका यह मतलब नहीं है कि मारपीट किया जाए कानून भी इस बात के लिए इजाजत नहीं देता।

हालांकि पत्रकार से पीड़ित व्यक्ति ने समान थाने में मारपीट और लूट की शिकायत दर्ज कराने पहुंचा था जहां थाना प्रभारी उप मुख्यमंत्री के प्रोटोकॉल में व्यस्त थे तो वहीं समान थाने में मौजूद पुलिस ने तीन घंटे तक उनकी फरियाद नहीं सुनी और कथित पत्रकार के दबाव में पुलिस ने पीड़ित व्यक्ति को बिना उनकी रिपोर्ट दर्ज किए वापस जाने पर मजबूर कर दिया कथित पत्रकार की दहशत का शिकार हुए पीड़ित व्यक्ति को कोर्ट कचहरी और पत्रकार से दुश्मनी का हवाला देकर लोगों ने समझा-बुझाकर देर शाम घर भेज दिया।

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