MP के शहडोल जिले के आदिवासी किसानों ने इस खास किस्म की खेती से हासिल किया जीआई टैग अब देश-विदेश तक इस प्रोडक्ट का होगा निर्यात।

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MP के शहडोल जिले के आदिवासी किसानों ने इस खास किस्म की खेती से हासिल किया जीआई टैग अब देश-विदेश तक इस प्रोडक्ट का होगा निर्यात।

एक जिला एक उत्पाद के तहत शहडोल जिले को हल्दी की खेती में मिला जी आई टैग।

देश और राज्य की सरकार कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए लगातार विभिन्न योजनाओं के तहत किसने और कृषि कार्य को प्रोत्साहन दे रही है किसानों को रियायत दर पर आर्थिक मदद भी दी जाती है खेती लाभ का धंधा बने इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार एक जिला एक उत्पाद के तहत विभिन्न प्रकार से खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है इसी कड़ी में मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में हल्दी की खेती को जीआई टैग मिला है बता दें कि हल्दी की खेती के लिए यहां की जलवायु अनुकूल है, और यहां हल्दी का पर्याप्त उत्पादन होता है शहडोल जिले में विशेष गुणवत्ता वाली हल्दी का उत्पादन होने से शहडोल की हल्दी विक्री के लिए दूसरे प्रदेशों में भी जाती है।

यहां हो रही प्रचुर मात्रा में हल्दी की खेती।

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले के आदिवासी किसान हल्दी का भरपूर उत्पादन करते हैं शहडोल जिले जिले के तहसील गोहपारु, जयसिंहनगर एवं बुढ़ार क्षेत्र में हजारों की संख्या में किसान हल्दी की खेती कर रहे हैं और सभी किसान लगभग 5 से 10 क्विंटल तक हल्दी का उत्पादन कर रहे हैं देखा जाए तो जिले के गोहपारु, जयसिंहनगर एवं बुढ़ार के आदिवासी किसान बीते पांच साल से हल्दी की खेती कर रहे हैं. गोहपारू विकासखंड क्षेत्र के सरहिट गांव में लगभग सभी किसान हल्दी की खेती करते हैं शहडोल जिले में हल्दी की खेती की शुरुआत भी सरहिट गांव से हुई है इसलिये हल्दी को सरिहट की हल्दी के नाम से जाना जाता है।

जीआई टैग मिलने से यह होगा लाभ।

शहडोल जिले की हल्दी अब मध्य प्रदेश ही नहीं दूसरे प्रदेशों में भी जाने लगी है सरकार ने यहां हल्दी की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत हल्दी की खेती को चुना था अच्छे किस्म की हल्दी की खेती होने से शहडोल की हल्दी को जीआई टैग मिलने से किसानों को अब मार्केटिंग में मदद मिलेगी जीआई टैग मिलने से खरीदारों को भी अच्छी गुणवत्ता वाला प्रोडक्ट मिलेगा सामान मिल सकेगा हल्दी की मांग भारत देश ही नहीं दुनिया भर में है ऐसे में एक तरफ जहां हल्दी की खेती से किसान समृद्ध होगा तो वहीं शहडोल की हल्दी का निर्यात भारी मात्रा में दूसरे प्रदेशों और विदेशों तक किया जा सकेगा।

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