Rewa news, जिला पंचायत CEO ने राशि ख़यानत करने वाले सरपंच, सचिव और उपयंत्री से साढ़े सात लाख की वसूली का दिया आदेश।
Rewa news, जिला पंचायत CEO ने राशि ख़यानत करने वाले सरपंच, सचिव और उपयंत्री से साढ़े सात लाख की वसूली का दिया आदेश।
गंगेव जनपद की ग्राम पंचायत पिपरहा का मामला, पंचायत भवन की राशि में हुआ था बंदरबांट।
रीवा जिले की चर्चित रहने वाली जनपद पंचायत गंगेव अंतर्गत एक ग्राम पंचायत के भवन निर्माण की राशि में बंदरबांट करने वाले तत्कालीन सरपंच पंचायत सचिव और उपयंत्री के विरुद्ध बड़ी कार्यवाही की गई है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने तीनों से साढ़े सात लाख रुपए की वसूली के आदेश दिए हैं। यह मामला गंगेव जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत पिपरहा का है। जिला पंचायत के सूत्रों ने बताया कि वर्ष 2013-14 में ग्राम पंचायत पिपरहा में ई-पंचायत भवन बनाने की स्वीकृति मिली थी, जिसमें दीवार खड़ी करके सारी राशि 12.85 लाख रुपए की निकासी कर लिए थे।
जांच में सही मिली थी शिकायत,
साकेत पंचायत सचिव भैया लाल पांडेय और जनपद में पदस्थ उपयंत्री डोमनिक कजूर की सांठगांठ से हुए इस घोटाले की शिकायत जिला पंचायत में की गई थी। शिकायत में बताया गया था कि पंचायत भवन अधूरा बना है और उसका पैसा संबंधितों ने हजम कर लिया। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने ई-पंचायत भवन निर्माण में गड़बड़ी की जांच अनुविभागीय अधिकारी ग्रामीण यांत्रिकी सेवा उपसंभाग त्योंथर से कराई। एसडीओ ने ग्राम पंचायत पहुंच स्थल का जायजा लिया और पंचायत के लोगों से जानकारी भी ली। स्थल निरीक्षण के दौरान केवल पंचायत भवन के नाम पर ईंटों की दीवारें मिला उसमें छत नहीं डाली गई थी और अन्य कार्य भी नहीं कराये गए थे। जबकि उपयंत्री ने बकायदा कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया था। एसडीओ ने अपने प्रतिवेदन में समय लाल साकेत सरपंच, भैया लाल पांडेय सचिव और एसई डोमनिक कजूर को दोषी बताया, और तीनों से वसूली करने की बात की थी।
खुद को बचाने में एसई और सचिव रहे नाकाम,
जिला पंचायत से दी गई नोटिस के तारतम्य में एसई डोमनिक कजूर और सचिव भैया लाल पांडेय अपना बचाव नहीं कर पाए। एसई ने सरपंच और सचिव पर अधूरे निर्माण का ठीकरा फोड़ने का प्रयास किया और बताया कि उन्होंने केवल 4 लाख 97 हजार 764 रुपये का निर्माण की जानकारी दी थी। जबकि सचिव ने अधिवक्ता की मदद ली,लेकिन दोनों शेष राशि के व्यय को लेकर कोई सबूत नही दे पाए। लिहाजा जिला पंचायत सीईओ डॉ सौरभ सोनवड़े ने तीनों से शेष राशि 7 लाख 51 हजार 807 की बराबर-बराबर वसूली के आदेश दिए हैं। इसमें प्रत्येक के हिस्से में 2 लाख 50 हजार 602 रुपया आएगा, जिसे सीईओ जिला पंचायत के पक्ष में डीडी से जमा करना होगा।