मध्य प्रदेश

आठ दुकानों के किराया वसूली में भी लाखों का गोलमाल किराए के भवन में संचालित है झगरहा पंचायत भवन।

आठ दुकानों के किराया वसूली में भी लाखों का गोलमाल
किराए के भवन में संचालित है झगरहा पंचायत भवन।

डिप्टी कलेक्टर ने सरपंच को अभिलेख के साथ किया तलब।

विराट वसुंधरा सीधी:-
जनपद पंचायत सीधी अंतर्गत ग्राम पंचायत क्षेत्र झगरहा की तत्कालीन सरपंच शांति मनोज कोल द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान किए गए फर्जीवाडे का दंश आज भी यहां के विकास कार्यों पर हावी है। वर्ष 2010 में ग्राम पंचायत की ओर से आठ पक्की दुकानें बाजार क्षेत्र में निर्मित कराई गई थी। जिसे बाद में शांति मनोज कोल द्वारा अपने जेठ छोटेलाल कोल पिता दुदुनी कोल के नाम पर आवंटित कर दिया गया। दुकान आबंटित होने के बाद से एक भी रुपया ग्राम पंचायत के खाते में किराया जमा नहीं हुआ। विडंबना यह है कि ग्राम पंचायत झगरहा के पास स्वयं का भवन भी नहीं है जिससे किराए के मकान में भवन संचालित हो रहा है। वहीं गल्ला गोदाम एवं एक आंगनवाड़ी केंद्र भी किराए के भवन में संचालित हो रहा है। यदि 8 बनाई गई दुकानें ग्राम पंचायत को ही उपयोग के लिए मिल जाएं तो काफी बड़ी समस्या दूर हो सकती है। जिसकी शिकायत पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष केके तिवारी द्वारा अपर मुख्य सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग भोपाल से की गई थी। शिकायत में कहा गया था कि ग्राम पंचायत झगरहा के पूर्व सरपंच द्वारा ग्राम पंचायत में बनी शासकीय दुकानों पर अवैध कब्जा किया गया है। जिसकी जांच कार्रवाई होनी चाहिए। शिकायत की जांच खंड पंचायत अधिकारी वीडी वर्मा द्वारा की गई प्रस्तुत जांच प्रतिवेदन के अनुसार ग्राम पंचायत झगरहा में हाट बाजार में आठ कमरों की दुकानें निर्मित है। जिसमें गांव के बाहरी व्यक्तियों को किराए से दिया गया है। गांव वालों को दुकान किराए से नहीं दिया गया है। एक हजार रुपए प्रति दुकान किराए से सरपंच पति ने आठ हजार रुपए प्रति माह दिया जाना किराएदारों के कथन अनुसार पाया गया है। जांच प्रतिवेदन में कहा गया है कि तत्कालीन सरपंच श्रीमती शांति कोल से 3 लाख 84 हजार की राशि वसूली करना प्रस्तावित है। उक्त मामले के संबंध में न्यायालय कलेक्टर सीधी के यहां शिकायत पहुंचने पर संबंधित डिप्टी कलेक्टर द्वारा 4 जुलाई 2023 को पत्र क्रमांक/0001/अ-89(19)/2022-23/ प्रवाचक/2023/157 जनपद पंचायत सीधी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को भेजा गया था। भेजे गए पत्र में कहा गया था कि वर्तमान सचिव ग्राम पंचायत झगरहा को अभिलेख सहित कार्यालय के समक्ष उपस्थित कराया जाए। जिससे आठ दुकानों के किराए में चल रहे गोलमाल की जांच की जा सके।
*राजनैतिक रसूख के चलते नहीं हो रही कार्रवाई :-*
ग्राम पंचायत झगरहा की तत्कालीन सरपंच शांति मनोज कोल द्वारा अपने कार्यकाल के दौरान यहां भ्रष्टाचार एवं फर्जीवाड़ा को लेकर नए कीर्तिमान स्थापित किए गए थे। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है कि शांति कोल के सरपंच बनने के बाद उनके पति मनोज कोल का पुलिस विभाग के आरक्षक पद की नौकरी से मोह भंग होने लगा था। इसी वजह से कुछ समय बाद ही उनके द्वारा नौकरी को बाय-बाय कह दिया गया। ग्राम पंचायत को ज्यादा से ज्यादा कार्यों के लिए बजट मिले इसके लिए सभी तरीके अपनाए जाते रहे और उसमें उन्हें सफलता भी मिली। कुछ कार्य मौके पर हुए और कुछ आधे-अधूरे तो कुछ कागजों में पूरे कर दिए गए। यहां 25 लाख रुपए के गबन का मामला जांच में प्रमाणित पाए जाने के कारण भी जिम्मेदार अधिकारियों के हांथ-पांव राशि की वसूली करने में फूल रहे हैं। उनको मालूम है कि राजनैतिक रसूख के चलते कार्रवाई करना कभी भी भारी पड़ सकता है। शांति मनोज कोल द्वारा अपने राजनैतिक रसूख का खुल कर फायदा भी उठाया जा रहा है। अधिकारियों के सामने सीधे जो कुछ कहना होता है बोल दिया जाता है। इसी वजह से सालों से वसूली की फाईल लंबित है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button