सिंगरौली

Singrauli news:जिला अस्पताल में पहुंच रहे लावारिसों के लिए स्थान नहीं!

Singrauli news:जिला अस्पताल में पहुंच रहे लावारिसों के लिए स्थान नहीं!

 

 

 

 

 

सिंगरौली. जिला अस्पताल ट्रामा सेंटर में लावारिस घूमते हुए आसानी से देखने को मिल जाते हैं। कई बार हाथ-पांव में चोट लेकर अस्पताल परिसर में घूम रहे लावरिसों को इलाज के साथ भोजन मुहैया कराया जाता है लेकिन जब वह अस्पताल में डेरा जमा लेते हैं। तब भर्ती मरीज व उनके परिजनों को परेशनियों का सामना करना पड़ता है। पूर्व में स्वास्थ्य समिति की बैठक में सिविल सर्जन ने उक्त समस्या से कलेक्टर को अवगत कराया है। अस्पताल प्रबंधन ने बताया कि ट्रामा सेंटर में कई ऐसे लावारिस पहुंच जाते हैं जो घायल अवस्था में रहते हैं। अस्पताल की ओर से उन्हें उपचार दे दिया जाता है। साथ ही भोजन भी उपलब्ध करा दिया जाता है लेकिन कभी-कभी ऐसी स्थिति बनती है कि मरीजों का उपचार करने में भी परेशनियां होती हैं। सिविल सर्जन डॉ. देवेन्द्र सिंह ने बताया कि जिला अस्पताल में लावारिस मरीजों की संया बढ़ती जा रही है। पिछले एक माह में ही दस से अधिक लावारिस मरीज यहां भर्ती कराए जा चुके हैं। जो मानसिक रोगी व अन्य बीमारी से पीड़ित रहते हैं। वहीं कुछ सामान्य चोट की वजह से घायलावस्था में अस्पताल पहुंचते हैं। लावारिस मरीजों से स्वास्थ्य अमला ही नहीं जिस वार्ड में भर्ती किया जाता है वहां मरीज भयभीत रहते हैं।

 

 

 

कहीं भी दिखें पहुंचा देते हैं अस्पताल

शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में घायलावस्था में लावारिस कहीं भी दिखाई देते हैं तो उन्हें सीधा अस्पताल पहुंचा दिया जाता है। जहां उनका उपचार तो किया जाता है लेकिन फिर उसके बाद वहां से लावारिस कहीं जाते नहीं है। बल्कि अस्पताल परिसर में डेरा जमा लेते हैं। ऐसे में ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। स्वास्थ्य समिति की बैठक में उक्त समस्या का समाधान करने जिला प्रशासन की ओर से आश्वस्त किया गया है।

 

 

लावारिसों के लिए नहीं है कोई व्यवस्था

शहर में लावारिसों के लिए कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है। जहां उन्हें रोका जा सके। जिला अस्पताल प्रबंधन की ओर से इस समस्या को लेकर नगर निगम को भी कई बार अवगत कराया गया है। मगर कोई हल नहीं निकला। स्थिति यह है कि दिनभर शहर में घूम रहे लावारिस रात के समय में अस्पताल परिसर में पहुंचकर डेरा जमा लेते हैं। हालांकि इस समस्या का समाधान करने के लिए जिला प्रशासन की ओर से नगर निगम को जिमेदारी सौंपी गई है।

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