सिंगरौली

singrauli news : दो संवेदनशील थाने जूझ रहे बल की कमी से

माड़ा व लंघाडोल में 50 फीसदी बल की कमी, बल उपलब्ध कराने में नही दिखा रहे जिम्मेदार दिलचस्पी

सिंगरौली : जिले के दो थाना छत्तीसगढ़ सीमा से लगे हुये हैं। माड़ा एवं लंघाडोल थाने में 50 फीसदी के करीब बल की कमी है। लेकिन इन दो संवेदनशील थानों में भारी पुलिस बल की कमी को भरने में जिम्मेदारों के द्वारा दिलचस्पी नही दिखाई दे रही है।गौरतलब है कि सिंगरौली जिले का माड़ा थाना और लंघाडोल थाना पुलिस बल की कमी से जूझ रहा है। वैसे तो जिले के सभी थानों में पुलिस बल की कमी बनी हुई है। जब इस संबंध में जिम्मेदारों से बात की जाती है तो जिम्मेदार अधिकारियों का एक ही बयान रहता है कि पत्राचार किया गया है। बल उपलब्ध कराया जाएगा। लेकिन इस तरह की बयानबाजी वर्षो से चली आ रही है।

सभी थाना में बल की कमी बनी हुई है। बल की कमी होने के चलते शिकायतों का निराकरण समय से नही हो पाता है। आम जनता परेशान रहती है। लेकिन पुलिस बल की कमी की वजह से आम जनता को समय से शिकायतों का निराकरण या फिर मामलों की विवेचना नही हो पाती है। यही कारण है कि मामले लंबित पड़े रह जाते हैं। सूत्रों की माने तो इस समय तो स्थिति और भी गंभीर बनी हुई है। महाराष्ट में विधानसभा चुनाव है।

जिसके चलते सिंगरौली से बल भेजा गया। वही इस समय सूत्र बताते हैं कि माड़ा इलाके में नक्सलियों की मूवमेंट मिल रही है। वही जिला बल की कमी से जूझ रहा है। सिंगरौली जिले में बल की कमी हमेशा से बनी रही है। बल की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए कोई सार्थक पहल नही की जा रही है। जिले के माड़ा और लंघाडोल थाना क्षेत्र संवेदनशील है। यहां छत्तीसगढ़ का वार्डर है। इन थाना क्षेत्रो में बल की कमी नही होनी चाहिए। लेकिन जिम्मेदारों ने इन दोनों थानो को शायद भूल गये हैं। यही वजह है कि माड़ा थाना लगभग 7 माह से थाना प्रभारी विहीन बना हुआ है। यहां उप निरीक्षक के भरोसे थाना चलाया जा रहा है। हकीकत देखें तो इन दोनों थाना की स्थिति बेहद बदहाल है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों के द्वारा बल उपलब्ध नही कराया जा रहा है। आम जनता को समय से समस्याओं का निराकरण नही हो पा रहा है। आम जनता काफी परेशान है।

माड़ा थाना में 31 पद पड़े हैं रिक्त

विभागीय सूत्रों की बातों पर गौर करें तो जिले के माड़ा थाना की स्थिति पुलिस बल की कमी को लेकर बेहद गंभीर है। बताया जाता है कि माड़ा थाना के लिए टीआई सहित 67 पद स्वीकृत हैं। इतने बल माड़ा थाना में होने चाहिये। लेकिन सिर्फ 26 पद भरें हुये हैं। 31 पद रिक्त पड़े हुये हैं। हकीकत देखें तो माड़ा थाना में बीते 7 माह से टीआई नही है। यह थाना 7 माह से टीआई विहीन पड़ा हुआ है। ऐसा भी नही कि जिले में टीआई नही है। जबकि जिले में लाईन में कई टीआई आकर आमद दे चुके हैं। लेकिन अभी तक इन टीआई को किसी भी थाने में पोस्टिंग नही की गई है। आखिर कौन सी वजह है कि माड़ा थाने में टीआई की पोस्टिंग नही की जा रही है। सिर्फ उप निरीक्षक के भरोसे थाने को चलाया जा रहा है। इसी वानिकी से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि थाने में पोस्टिंग न होने की वजह क्या है?

लंघाडोल में 39 की जगह 19 भरें

जिले के लंघाडोल थाने की बाद की जाये तो उक्त थाने में 39 विभिन्न पदों की स्वीकृति होनी चाहिए। ताकि क्षेत्र की आम जनता को उनकी शिकायतों का समय से निराकरण किया जा सके। लेकिन 39 के जगह पर महज 19 पद भरे हुये हैं और 20 पद खाली हैं। जबकि इन थानों में बल की कमी नही होनी चाहिए। बताया जाता है कि सबसे ज्यादा माड़ा व लंघाडोल में आरक्षक और मददगार की कमी से जूझ रहा है। इन थानों में बल की उपलब्धता बढ़ाने न तो जिला स्तर से कोई प्रयास किया जा रहा है और न ही वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा ध्यान दिया जा रहा है। कई बार इस मामले को लेकर अधिकारियों से पूछा जाता है तो पत्राचार की बात कही जाती है। अधिकारियों के यह सूर वर्षो से सुनने को मिल रहा है। लेकिन आज तक जिले के थानों को पर्याप्त पुलिस बल उपलब्ध कराने में जनप्रतिनिधि व जिम्मेदार उदासीन बने रहें।
इनका कहना
तबादला होने के साथ-साथ सेवानिवृत्त होने के कारण थानों में पुलिस बल कम हो गयें हैं। इस संबंध में शासन को अवगत कराया जा चुका है।
निवेदिता गुप्ता
पुलिस अधीक्षक, सिंगरौली

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button