singrauli news : ओबी कंपनी डीबीएल से दिवाली का नही मिला था बोनस, 5 जनवरी तक वितरण करने का दिया वक्त, एनसीएल को हुआ करोड़ो का नुकसान
जब निगाही परियोजना में अठारह सौ श्रमिक धरने पर बैठे
ओबी कंपनी डीबीएल से दिवाली का नही मिला था बोनस, 5 जनवरी तक वितरण करने का दिया वक्त, एनसीएल को हुआ करोड़ो का नुकसान
सिंगरौली : एनसीएल परियोजना निगाही में आज दिन गुरूवार की अल सुबह करीब 5 बजे से 18 सौ से अधिक श्रमिक धरने पर बैठ गये। इसकी जानकारी मिलते ही एनसीएल परियोजना में हड़कंप मच गया और मौके से अधिकारी पहुंच श्रमिको का मान-मन्नोवल करने लगे। लेकिन उनकी दाल एक भी नही गली। अंतत: तहसीलदार एवं टीआई के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ।
दरअसल यहां बताते चले कि एनसीएल परियोजना निगाही में ओवर वर्डन का काम डीबीएल कंपनी कर रही थी।
संविदा कंपनी का कार्य पूर्ण होने पर अब यहां कंडोई कंपनी कार्य कर रही है। इसी बीच डीबीएल कंपनी में कार्य करने वाले श्रमिको को 30 हजार रूपये की दर से दिपावली पर पीएलआई बोनस देने का प्रावधान था। प्रति श्रमिको को 30 हजार रूपये दिया जाना था। किन्तु डीबीएन कंपनी परियोजना से जाने के बाद श्रमिको को बोनस देना भूल सी गई थी। इसी बात को लेकर कई बार परियोजना के ओबी कंपनी कंडोई में काम करने वाले श्रमिक एनसीएल निगाही परियोजना के महाप्रबंधक को आवेदन देकर पीएलआई बोनस भुगतान शीघ्र कराये जाने का मांग किया था। आरोप है कि एनसीएल के जिम्मेदार अधिकारियों ने श्रमिको के उक्त मांगों को गंभीरता से नही लिया , बल्कि आवेदन पत्रों को ठण्डेबस्ते में डालकर कोई ठोस जवाब देने से कतराने लगे।
आज दिन गुरूवार की अल सुबह करीब 5 बजे पहले सिफ्ट के करीब 18 सौ श्रमिक एनसीएल परियोजना निगाही के बैरियर नम्बर 1 खदान रोड में धरने पर बैठ गये। इसकी जानकारी मिलते ही एनसीएल परियोजना के हाथ-पैर फूलने लगे। करीब डेढ़ हजार से अधिक श्रमिको के अचानक धरने पर बैठ जाने से परियोजना का उत्खनन, परिवहन, डिस्पैज सब कुछ बन्द हो गया। यहां तक की डोजर से लेकर डम्फ र ऑपरेटर भी सौ फीसदी हड़ताल पर चले गये। जिसक चलते दोपहर करीब 1 बजे तक करोड़ों रूपये का नुकसान उठाना पड़ा। नवानगर टीआई डॉ. ज्ञानेन्द्र सिंह एवं तहसीलदार सिंगरौली मौके से पहुंच करीब 5 घंटे तक समझाईसे देने के बाद मामला शांत हुआ। एनसीएल परियोजना की ओर से एसओपी, पीओ, थाने के एएसआई अरविन्द चतुर्वेदी, पिन्टू राय समेत भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहे।
एनसीएल एवं डीबीएल कंपनी के बीच उलझा है मामला
जानकारी के मुताबिक श्रमिको के लंबित बोनस को लेकर एनसीएल परियोजना निगाही एवं पूर्व में कार्यरत डीबीएल कंपनी के बीच मामला उलझा हुआ है। धरने पर बैठे श्रमिको के बीच मामला सामने आया कि डीबीएल का भुगतान करीब 4 करोड़ से अधिक एनसीएल ने रोक रखा है। जिसके चलते डीबीएल कंपनी श्रमिको को भुगतान नही कर रही है। उक्त भुगतान श्रमिको से जुड़ा नही है। मौके पर मौजूद एनसीएल के अधिकारियों ने डीबीएल कंपनी के मौजूद विनोद सिंह से कहा है कि श्रमिको का बोनस भुगतान करते हुये स्लीप उपलब्ध करायें। अन्य भुगतान कर दिया जाएगा। लेकिन जिस भुगतान की बात की जा रही है वह मामला एनसीएल हेड क्वाटर में गया हुआ है। वहां से भुगतान होगा। अंतत: बात सामने निकल कर आई की एनसीएल एवं डीबीएल के बीच पेंच फसा है। जिसका खामियाजा उक्त श्रमिको को भुगतना पड़ रहा है।
5 जनवरी तक का दिया वक्त
सैकड़ों श्रमिको के अचानक हड़ताल पर चले जाने से एनसीएल परियोजना को करीब 8 घंटे में करोड़ों रूपये का नुकसान होने का अनुमान लगाया जा रहा है। इसी बीच परियोजन का प्रोडक्सन एवं डिस्पैच सौ फीसदी बन्द रहा है। इतनी बड़ी नुकसानी होते देख एनसीएल अधिकारियों को भी दिनमान भी आसमान में भी तारे नजर आने लगे। आलम यह था कि इस कड़ाके के ठण्ड में भी एनसीएल के अधिकरी पसीना-पसीना नजर आ रहे थे। उनके माथे पर पसीना झलक रहा था। श्रमिको की मांग थी कि जब तक बोनस के लिए निश्चित समय नही मिल जाता तब तक कामकाज ठप रहेगा। टीआई नवानगर ने एनसीएल एवं डीबीएल के मौजूद अधिकारियों से वार्ता किया और 5 जनवरी के अन्दर भुगतान कराने के लिए आश्वस्त किया। तब कही जाकर मामला शांत हुआ है।