Singrauli News: पूर्व विधायक रामलल्लू बैस के नेतृत्व में सीएमडी से मिला प्रतिनिधि मंडल

पूर्व विधायक रामलल्लू बैस के नेतृत्व में सीएमडी से मिला प्रतिनिधि मंडल
एनसीएल सीएमडी ने दिया उचित मुआवजा का आश्वासन
सिंगरौली-पूर्व विधायक सिंगरौली के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के पदाधिकारियों ने एनसीएल सीएमडी से मुलाक़ात कर सरकारी भूमि/वन भूमि/ एग्रीमेंट की भूमि पर घर बनाकर वर्षों से निवासरत लोगों को भी विस्थापित की श्रेणी में समाहित कर उन्हें भी उचित मुआवजा देने की माँग करते हुए ज्ञापन सौंपा गया। एनसीएल सीएमडी ने इस मुद्दे पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने तथा इस श्रेणी के विस्थापितों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया है। ज्ञापन में बताया गया कि शासकीय भूमि/वन भूमि/ एग्रीमेंट की भूमि पर घर बनाकर निवसरत परियोजना प्रभावित परिवारो को भी उचित प्रतिकर विस्थापन पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन लाभ दिलाए जाने व प्रमाणित बुकलेट के माध्य से इसकी जानकारी साझा की जानी चाहिए। वर्तमान में जारी बुकलेट में शासकीय भूमि, वन भूमि, अनुबंध की भूमि पर बिना किसी धारणाधिकार के घर बनाकर निवासरत परियोजना प्रभावित परिवारो को समावेशित नही गया है। मोरवा में बड़ी आबादी पिछले कई वर्षो से शासकीय जमीनों पर मकान बनाकर, मेहनत मजदूरी व नौकरी य छोटे मोटे काम कर अपनी आजीविका चला रहे हैं। इस अवसर पर मुख्य रूप से पूर्व विधायक रामलल्लू बैस, अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार एवं अपराध नियंत्रण संगठन के राष्ट्रीय महासचिव अमित कुमार तिवारी, प्रदेश महामंत्री सत्येंद्र पासवान, रमन सिन्हा, हरेन्द्र राय के साथ राजेश गुप्ता उपस्थित रहे।
परसंपत्तियों पर 12 प्रतिशत अतिरिक्त की मांग
सिंगरौली विस्थापन मंच द्वारा यह मुद्दा रखा गया की एनसीएल द्वारा जयंत एवं दुधीचुआ विस्तार के लिए भवनो का चल रहा सर्वेक्षण के दौरान प्रभावितो द्वारा बताया गया कि कोयला खदान य नॉर्दर्न कोलफील्ड लिमिटेड को छोड़कर बाकी राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे, द्वारा किए गए अधिग्रहण में पर संपत्तियों पर 12 प्रतिशत अतिरिक्त वार्षिक रूप से दिया जाता है। एनसीएल द्वारा पर संपत्तियों का मूल्यांकन धारा 4 की तिथि पर किया जा रहा है यानी 5 वर्ष पूर्व का जबकि 5 वर्ष पूर्व लोहा, सरिया, सीमेंट, और मजदूर सब कुछ सस्ता था। धारा 4 की तिथि पर मूल्यांकन करना और 6- 7 वर्ष बाद पैसा देना बिना किसी अतिरिक्त फायदे के विधि संगत नहीं है। इसी अधिसूचना को पढ़कर रेलवे 12 प्रतिशत अतिरिक्त पर संपत्तियों पर देता है किंतु इसी भारत सरकार की अधिसूचना को एनसीएल अपने फायदे के लिए अलग ढंग से पड़ता है और 12 प्रतिशत अलग से विस्थापितों को नहीं दिया जा रहा है। कलेक्टर सिंगरौली द्वारा जारी अवार्ड में रेलवे में पर संपत्तियां पर अतिरिक्त 12 प्रतिशत दिया गया है।