सिंगरौली

Singrauli news: खुटार पशु बाजार में अवैध वसूली का खेल जारी, नगर निगम की चुप्पी पर उठे सवाल..?

खुटार पशु बाजार में अवैध वसूली का खेल जारी, नगर निगम की चुप्पी पर उठे सवाल..?

सिंगरौली (खुटार)सिंगरौली जिले के खुटार स्थित पशु बाजार में एक बार फिर से अवैध वसूली का सिलसिला ज़ोरों पर है। स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीण पशुपालकों के अनुसार, नगर निगम की आड़ में “निकासी शुल्क” के नाम पर ₹700 प्रति पशु की दर से मनमानी वसूली की जा रही है। यह शुल्क बिना किसी वैध दस्तावेज या सरकारी आदेश के वसूला जा रहा है, जबकि इसकी कोई विधिक मान्यता नहीं है।

रसीद के नाम पर ठगी, वैधता का कोई प्रमाण नहीं..?

इस वसूली में शामिल तथाकथित कर्मचारियों द्वारा रसीदें दी जा रही हैं, लेकिन इन रसीदों पर न तो कोई सरकारी मुहर है, न ही कोई वैध कोड या रजिस्ट्रेशन नंबर। स्थानीय पशु व्यापारियों का कहना है कि पहले भी जब यह मामला उजागर हुआ था, तब कुछ समय के लिए वसूली पर रोक लगी थी, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के अभाव में यह गोरखधंधा दोबारा शुरू हो गया।

राजनीतिक संरक्षण का आरोप, शिक्षकों के नाम भी सामने..?

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस अवैध वसूली को कुछ स्थानीय प्रभावशाली लोगों का संरक्षण प्राप्त है। खासतौर पर एक सरकारी शिक्षक मनोज और दूसरा राहुल शाह के नाम सामने आ रहे हैं, जिन पर यह आरोप लगाया जा रहा है कि वे या तो सीधे तौर पर इस अवैध निकासी से जुड़े हैं या फिर पर्दे के पीछे भूमिका निभा रहे हैं।

नगर निगम की चुप्पी संदिग्ध..?

इस पूरे प्रकरण में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि नगर निगम की ओर से अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। जबकि नगर निगम अध्यक्ष देवेश पांडे और कमिश्नर को इस बारे में पूर्व में सूचित किया जा चुका है। इसके बावजूद केवल आश्वासन दिए गए, लेकिन ज़मीनी स्तर पर न तो कोई जांच शुरू हुई और न ही जिम्मेदारों पर कोई सख्त कार्रवाई हुई।

रसीद काटने वाले का कबूलनामा, अधिकारियों की भूमिका पर सवाल..?

एक स्थानीय व्यक्ति, जो पशु बाजार में रसीद काटने का काम करता है, ने कैमरे के सामने बयान देते हुए यह दावा किया है कि पूरी वसूली नगर निगम के निर्देश पर की जा रही है और हर हफ्ते की रकम नगर के ही एक अधिकारी को सौंप दी जाती है। यदि यह बयान सत्य है, तो यह दर्शाता है कि निगम के उच्च पदस्थ अधिकारी भी इस अवैध वसूली में कहीं न कहीं संलिप्त हैं।

स्थानीयों में रोष, कार्रवाई की मांग..?

बाजार आने वाले पशुपालकों और ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि नगर निगम इस वसूली में शामिल नहीं है, तो फिर अब तक दोषियों के खिलाफ सख्त कदम क्यों नहीं उठाए गए? यदि प्रशासन मूकदर्शक बना रहता है, तो यह साबित करता है कि कहीं न कहीं निगम भी इस पूरे भ्रष्ट तंत्र का हिस्सा है।

ग्राहकों का मांग है कि दोषियों की पहचान कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो रसीद वितरण व्यवस्था पर निगरानी की जाए ,अवैध वसूली में संलिप्त अधिकारी और कर्मचारियों को निलंबित किया जाए, खुटार पशु बाजार में हो रही अवैध वसूली न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि ग्रामीणों की आर्थिक रीढ़ पर सीधा हमला है। यदि प्रशासन समय रहते सख्त कदम नहीं उठाता, तो यह मामला और अधिक विकराल रूप ले सकता है। ज़रूरत है पारदर्शिता, जवाबदेही और ईमानदारी की वरना भ्रष्टाचार की यह जड़ें और गहरी होती जाएंगी।

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