कौआ कान ले गया..? आरक्षण को लेकर भारत बंद , एड प्रवीण पाण्डेय की खरी-खरी।

0

कौआ कान ले गया..? आरक्षण को लेकर भारत बंद , एड प्रवीण पाण्डेय की खरी-खरी।

भारत बंद किस बात पर हो रहा है भाई, भारत बंद में वही लोग शामिल थे जिनके लिए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पहल किया है, क्या एससी एसटी का गरीब वर्ग आरक्षण नहीं लेना चाहता-? क्या एससी एसटी का गरीब वर्ग यही चाहता है कि जो अमीर हो चुके हैं जिनको एक बार दो बार चार बार आरक्षण का लाभ मिल चुका है उन्हीं को बार-बार आरक्षण का लाभ मिलता रहे, यदि ऐसा ही सभी गरीबों की सोच है तो बहुत अच्छी बात है, भारत बंद का यही मातलब है कि आपको गरीबी में ही जीना पसंद है, क्या आप गरीब लोग अमीर नहीं बनना चाहते -? क्या आप आरक्षण का लाभ नहीं लेना चाहते -? क्या आपके समाज के लोगों जिन्होंने आरक्षण का लाभ लिया सुविधा संपन्न हैं उन्होंने आपके बच्चों को अच्छी स्कूल कोचिंग में अपने खर्च पर पढ़ाई कराने भेजा है नहीं भेजा है सरकार के पास नौकरी कम है और आरक्षण का लाभ लेने वालों में भी काफी भीड़ है प्रतिस्पर्धा है जो सुविधा संपन्न है वह अपने बच्चों को अच्छी स्कूल कोचिंग में पढ़ाकर अपने बच्चों को मैरिट सूची में पहुंचा देते हैं तो उनके बच्चों का भविष्य सुरक्षित हो जाता है लेकिन इस समाज में जो गरीब तबका है दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहा है तो क्या समाज के ठेकेदारों को यह नहीं दिखाई देता कि उन्ही के समाज के लोग जो बेघर हैं गरीब हैं उन्हें आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए – किंतु ऐसा नहीं है जहां तक मेरा मानना है कि,, कौवा कान ले गया जो कहावत बनी है वह भारत बंद आंदोलन से चरितार्थ हो रही है लोगों ने कह दिया आरक्षण समाप्त हो रहा है गरीबों ने मान लिया और सड़क पर आंदोलन करने टूट पड़े और
आरक्षण का लाभ ले चुके एससी एसटी वर्ग में सक्षम लोगों को विरोध करने की आवश्यकता ही ना पड़े ऐसा ही हो रहा है इस तरह के आंदोलन से उन गरीबों का ही नुकसान होता है जो अपने फायदे ऐसे आंदोलनों में ढूंढते हैं क्योंकि नौकरी कम है भीड़ यहां भी अधिक है।

हमारा मानना है एससी-एसटी का गरीब वर्ग आज भी गीली मिट्टी के समान है उसे जैसा चाहो वैसा बना लो जिस पर उसका विश्वास होता है उसके अनुसार चलता है जिस पर विश्वास नहीं होता उसके खिलाफ चलता है कुछ नेताओं ने कुछ कह दिया गरीब वर्ग अपने ही खिलाफ रोड पर आ गया जिस दिन एससी एसटी का गरीब वर्ग शिक्षित होगा कुछ चिंतन करेगा चिंतन के लायक बनेगा उस दिन ऐसी अफवाह पर विश्वास न कर सार्थक पहल करेगा कुछ नेता प्रवृत्ति के लोग जो जातिगत जहर फैला कर इन गरीबों का उपयोग करते हैं उनकी राजनीति समाप्त हो जावेगी जिस दिन एससी एसटी का गरीब वर्ग शिक्षित होगा साधन सुविधा संपन्न होगा अपनी ही बिरादरी के छत्रपों की बराबरी में खड़ा हो जाएगा तभी सही मायने में बाबा साहब का सपना साकार होगा।

देश का बहुत बड़ा दुर्भाग्य है देश की आजादी के 78 वर्ष के बाद भी गरीब गरीब होता गया अमीर अमीर होता गया मेरे एससी एसटी के गरीब भाइयों आप अपने अधिकार को समझो यह लड़ाई आपके ग़रीबी के खिलाफ है आपको अपनी ही बिरादरी के छात्रपों से खतरा है यही जात – पांत का विष घोलकर अपना फायदा तो ले रहे हैं लेकिन अपने ही समाज के गरीबों का हक छीनकर अपनी सगी पीढ़ी को आवाद कर रहे हैं
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझिए चिंतन मनन कीजिए और समर्थन कीजिए तभी आपके बच्चे आरक्षण का लाभ ले सकेंगे अन्यथा जीवन पर्यंत आरक्षण नहीं मिलेगा उन्हीं को मिलेगा जो अमीर है जो पैसे वाले हैं जो अपने बच्चों को अच्छे कोचिंग संस्थान में पढ़ा रहे हैं अच्छी नौकरी पर हैं।

आजादी के बाद से सभी सरकारों ने आरक्षण को संरक्षण दिया है आरक्षण का लाभ सुविधा संपन्न और शिक्षित लोगों को ही मिलता रहा है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने उन गरीब तबकों को लाभ देने का प्रयास शुरू किया है जिन्हें वास्तव में आरक्षण की जरूरत है यह समझने की जरूरत है कि सुप्रीम कोर्ट कोई राजनीतिक दल या फिर जाति समाज नहीं है सुप्रीम कोर्ट न्याय की सर्वोच्च संस्था है जो वास्तविक गरीबों के हित के लिए चिंतित है यह आपको समझने की जरूरत है अफवाहों से सावधान रहें भारत बंद करने, तोड़फोड़ – आगजनी करना न तो आपके हित में है और न ही देश के हित में है।

  प्रवीण कुमार पाण्डेय
अधिवक्ता उच्च न्यायालय जबलपुर

- Advertisement -

Leave A Reply

Your email address will not be published.