Hyderabad: तेलंगाना में 400 एकड़ जंगल पर इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का विवाद, छात्रों का विरोध तेज, चीफ सेक्रेटरी पर गिरी गाज!

तेलंगाना में 400 एकड़ जंगल पर इंडस्ट्रियल एरिया बनाने का विवाद, छात्रों का विरोध तेज, चीफ सेक्रेटरी पर गिरी गाज!
Hyderabad: तेलंगाना सरकार द्वारा 401 एकड़ वन भूमि को इंडस्ट्रियल एरिया में तब्दील करने की योजना पर जबरदस्त बवाल मचा हुआ है। हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्रों का दावा है कि विवादित इलाके में वनस्पतियों और जीवों की 450 से ज्यादा प्रजातियां हैं.सरकार उस जमीन को जंगल नहीं मानती है लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने वहां पेड़ गिराने पर रोक लगा दी है.तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 400 एकड़ जमीन को लेकर विवाद हो रहा है.यह जमीन हैदराबाद विश्वविद्यालय के पास स्थित है. हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पर्यावरणविदों ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया, जिसके चलते यह मामला राजनीतिक और कानूनी तूल पकड़ चुका है। इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर है कि तेलंगाना की चीफ सेक्रेटरी को जेल भेजे जाने की संभावना है।
क्या है पूरा मामला?
तेलंगाना सरकार ने गाचीबोवली क्षेत्र के पास 401 एकड़ वन भूमि को इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए आवंटित किया था। सरकार का दावा है कि यह जमीन सरकारी स्वामित्व में है और इसे औद्योगिक विकास के लिए उपयोग किया जाएगा। लेकिन हैदराबाद यूनिवर्सिटी के छात्रों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं* का कहना है कि इस जमीन पर 455 से ज्यादा वनस्पति और जीवों की प्रजातियां मौजूद हैं, और इसका विनाश पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक होगा।
छात्रों ने इस फैसले के खिलाफ प्रदर्शन तेज कर दिया, और मामला **तेलंगाना हाईकोर्ट तक पहुंच गया। अदालत ने 3 अप्रैल तक इस भूमि पर किसी भी निर्माण कार्य पर रोक लगा दी।
चीफ सेक्रेटरी पर गिरी गाज?
सूत्रों के अनुसार, इस पूरे मामले में तेलंगाना की चीफ सेक्रेटरी को दोषी ठहराया जा सकता है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई संभव है। खबरों की मानें तो, उन पर सरकारी जमीन के गबन और पर्यावरण नियमों की अनदेखी के आरोप लगे हैं, जिसके चलते उन्हें जल्द ही जेल भेजे जाने की संभावना जताई जा रही है।
सरकार का पक्ष
तेलंगाना सरकार का कहना है कि यह जमीन सरकार के अधीन आती है और इसका उपयोग विकास कार्यों के लिए किया जाएगा। सरकार के मुताबिक, औद्योगिक क्षेत्र बनने से लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
अब आगे क्या?
अब यह देखना होगा कि तेलंगाना हाईकोर्ट इस मामले में क्या अंतिम फैसला सुनाती है। अगर चीफ सेक्रेटरी पर लगे आरोप सही साबित होते हैं, तो यह राज्य सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है। वहीं, छात्रों और पर्यावरणविदों ने साफ कर दिया है कि अगर जंगल को काटने की कोशिश की गई, तो वे इसका जबरदस्त विरोध करेंगे।
क्या तेलंगाना में जंगल बचेगा या इंडस्ट्रियल एरिया बनेगा? क्या सच में चीफ सेक्रेटरी को जेल भेजा जाएगा? इसको जाने के लिए जुड़े रहेगा हमारे साथ