पृथ्वी अगर घूमती है, तो दिखाई क्यों नहीं देती? कभी एस्ट्रोनॉट्स भी क्यू नही रिकॉर्ड कर पाए कोई video

पृथ्वी अगर घूमती है, तो दिखाई क्यों नहीं देती? कभी एस्ट्रोनॉट्स भी क्यू नही रिकॉर्ड कर पाए कोई video

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पृथ्वी अगर घूमती है, तो दिखाई क्यों नहीं देती? कभी एस्ट्रोनॉट्स भी क्यू नही रिकॉर्ड कर पाए कोई video

धरती अपनी धुरी धूमती है और अपनी कक्षा में भी लगातार चक्कर लगाती रहती हैं. अंतरिक्षयात्रियों के स्पेस में पहुंचने के बाद भी कभी हम इसे कभी आंखों से देख नहीं पाए. सोचिए भला ऐसा क्यों है कि हम इसे देख नहीं सकते?

जैसे-जैसे विज्ञान ने उन्नति की है, हम जिस धरती पर रहते हैं, उसके बारे में तमाम रहस्य हमें पता चलते गए. इसकी सुंदरता और हरी-भरी वादियों के अलावा यहां ऐसी तमाम चीज़ें भी हैं, जो अब तक रहस्य बनी हुई हैं. कुछ खगोलीय घटनाएं भी ऐसी होती हैं, जिसके पीछे की वजह विज्ञान भले ही जान ले लेकिन आंखों से हम इन्हें नहीं देख पाए हैं. मसलन धरती लगातार घूमती रहती है लेकिन कभी भी हम इसे घूमते हुए देख नहीं पाए.

आपने भी कभी न कभी सोचा होगा कि आखिर घूमती हुई धरती में हम और हमारे आसपास मौजूद चीज़ें कैसी दिखती होंगी. इसका जवाब आप सिर्फ कल्पना में ही देख सकते हैं. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कोरा पर किसी ने यही पूछा कि आखिर घूमती हुई धरती का कोई वीडियो कभी अंतरिक्षयात्री क्यों नहीं बना पाए? क्यों इसका आंखों देखा सबूत नहीं मिल पाया.

धरती घूमती है, तो दिख क्यों नहीं सकती?
इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको ज़रा गहराई से सोचना होगा. ऑनलाइन प्लेटफॉर्म कोरा पर जब ये सवाल लोगों ने पूछा तो इसका जवाब अलग-अलग तरह से सामने आया. एक यूज़र ने कहा कि अंतरिक्ष में भी गुरुत्वाकर्षण बल की वजह से अंतरिक्षयात्री पृथ्वी के साथ घूमते होंगे, यही वजह है वे उसे रिकॉर्ड नहीं कर सकते. हालांकि इस जवाब के बजाय ये तर्क ज्यादा ठीक है कि अंतरिक्षयात्रियों को इतनी ट्रेनिंग के बाद किसी तरह खुद को स्थिर रखना सिखाया जाता है, उनके लिए पृथ्वी का घूमते हुए वीडियो बनाना बहुत कठिन है. इसकी वजह ये भी है कि पृथ्वी की गति इतनी ज्यादा धीमी है कि उनके लिए इंतजार मुश्किल है. एक यूज़र ने ये भी कहा कि पृथ्वी के बाह्य दृश्य रिकॉर्ड करने वाले उपकरण नहीं बनाए गए हैं क्योंकि अंतरिक्ष मिशन बहुत महंगे होते हैं और ऐसा वीडियो उनकी प्राथमिकता में नहीं है. हालांकि इसके कुछ टाइमलैप्स वीडियो इंटरनेट पर मौजूद हैं.

बहुत धीमी गति से चलती है धरती
अगर एक उदाहरण से समझें तो घड़ी की घंटे वाली सूई 12 घंटे में एक चक्कर लगाती है और आप उसे ऐसा करते हुए देख नहीं सकते हैं क्योंकि उसकी गति काफी धीमी है. धरती को एक चक्कर लगाने में 24 घंटे लगते हैं और उसकी गति घड़ी की सूई से भी दोगुना कम है. वहीं अंतरिक्षयात्री पृथ्वी से करीब 400 किलोमीटर ऊपर होते हैं और उन्हें नीचे की चीज़ों का वीडियो बनाने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी की ज़ूमिंग चाहिए.

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