Rewa news:अफसरों की नहीं चलेगी मर्जी, एआइ डाटा से तय होगी कलेक्टर गाइडलाइन!
Rewa news:अफसरों की नहीं चलेगी मर्जी, एआइ डाटा से तय होगी कलेक्टर गाइडलाइन!
जिला पंजीयक कार्यालय को भेजा गया एआइ से जारी डाटा
रीवा. हर साल संपत्ति पंजीकरण के लिए निर्धारित की जाने वाली कलेक्टर गाइडलाइन अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) की मदद से तय होगी। पहले की तरह अब अफसर अपनी मर्जी के अनुसार कलेक्टर गाइडलाइन की दर को बढ़ा और घटा नहीं पाएंगे। जिस स्थान पर अधिकारी ऐसा करेंगे, उसके लिए ठोस साक्ष्य भी प्रस्तुत करने होंगे।
एआइ द्वारा जारी किए गए डाटा को जिला पंजीयक कार्यालय के पास भेजा गया है। कहा गया है कि इसी के आधार पर आगामी वित्तीय वर्ष के लिए जारी की जाने वाली गाइडलाइन बनाई जाए। एआइ द्वारा जारी किए डाटा में पूर्व के वर्षों का विश्लेषण है। जिन क्षेत्रों में अधिक संख्या में संपत्ति की खरीदी-बिक्री हुई है, उसे प्राइम लोकेशन मानते हुए उस क्षेत्र की भूमि की दर बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। साथ ही हाइवे, प्रमुख सड़कों के साथ ही बड़े संस्थानों के आसपास की भूमि के दाम भी बढ़ेंगे।
पिछले वर्ष दो बार बढ़ाई गई थी दर
पिछले वर्ष कलेक्टर गाइडलाइन एक वित्तीय वर्ष में दो बार बढ़ाई गई थी। जिले से भेजी गई प्रस्ताव की पहली गाइडलाइन में 34 लोकेशन विलोपित की गई थी और 31 नई जोड़ी गई थी। इस पर अक्टूबर महीने में फिर से संशोधित गाइडलाइन जारी करने के निर्देश जारी किए गए। इसमें एआइ द्वारा जारी किए गए डाटा को भी भेजा गया था, उसी के आधार पर नई गाइडलाइन तैयार की गई थी। हालांकि बाद में शासन के स्तर से इसे रोक दिया गया और कहा गया कि नए वित्तीय वर्ष में एआइ द्वारा जारी होने वाले डाटा के आधार पर गाइडलाइन तय की जाएगी। माना जा रहा कि इस बार एआइ जनरेटेड डाटा के माध्यम से गाइडलाइन तय की जाएगी, जिससे साल में दो बार संशोधन की जरूरत नहीं होगी।
पांच साल के डाटा का होगा परीक्षण
एआइ डाटा के साथ ही राजस्व अधिकारी और सब रजिस्ट्रार पिछले पांच वर्ष का डाटा खंगाल कर उसका परीक्षण करेंगे। पता लगाएंगे कि एआई द्वारा जारी किए गए डाटा में किसी क्षेत्र विशेष में संशोधन की जरूरत है अथवा नहीं। जिन स्थानों पर संशोधन होगा उसका अनुमोदन कलेक्टर की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में लिया जाएगा। मुख्यालय का आदेश आते ही जिला पंजीयक ने सभी उप पंजीयकों को नई गाइडलाइन तैयार करने के लिए जारी किए गए दिशा निर्देश देकर कहा कि जल्द ही इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। राजस्व अधिकारियों के साथ बैठक भी अगले सप्ताह होने की संभावना है।
संपदा-1 साफ्टवेयर पर काम की सीमा तय
नए वित्तीय वर्ष में एक और बदलाव की तैयारी है। संपदा-1 साफ्टवेयर पर होने वाली रजिस्ट्री को लेकर काम करने की सीमा तय की गई है। हर उप पंजीयक की आइडी पर 65 स्लॉट की संख्या घटाते हुए 18 कर दी गई है। एक दिन में 18 स्लॉट ही बुक करने का कार्य शुरू हो गया है। इस कारण अब संपदा-2 सॉफ्टवेयर पर काम करने पर जोर दिया जा रहा है। आगामी 1 अप्रेल से संपदा-2 सॉफ्टवेयर को लागू किए जाने की संभावना है। पुराना साफ्टवेयर बंद करने की तैयारी के तहत यह कदम उठाया गया है। अभी पंजीयन विभाग में संपदा-1 व संपदा-2 दोनों ही चल रहे हैं। संपदा-1 पर सिर्फ वसीयत व रजिस्ट्री के दस्तावेज पंजीकृत करने की अनुमति है। अनुबंध पत्र, डी मोरगेज, मोरगेज, पट्टा हस्तांतरण के दस्तावेज संपदा-2 पर किए जा रहे हैं। संपदा-2 पर रजिस्ट्री कराने पर तत्काल दस्तावेज मिल रहा है। संपदा-2 नए सॉफ्टवेयर में गवाह साथ लाने की जरूरत नहीं है। उप पंजीयकों के यहां भीड़ कम हो रही है।
एआइ से जनरेटेड डाटा आया है, उसके आधार पर ही नई गाइडलाइन बनाई जानी है। जल्द ही बैठक में रूपरेखा तय की जाएगी। संपदा-1 में काम करने की सीमा तय कर दी गई है। संभावना है कि आगामी कुछ महीने के बाद इसकी जगह नए साफ्टेयवर में काम होगा।
संध्या सिंह, जिला पंजीयक रीवा