Rewa news, यहां जनता के इलाज के लिए नहीं डाक्टर के रोजगार के लिए खोला गया है अस्पताल।

Rewa news, यहां जनता के इलाज के लिए नहीं डाक्टर के रोजगार के लिए सरकार ने खोला है अस्पताल।
👉 रीवा अर्बन नोडल व डीएचओ रीवा डॉ केबी गौतम की छत्रछाया में भाई डॉ एबी गौतम घर बैठे ले रहे सरकार से मुफ्त वेतन।
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Rewa news, तत्कालीन CMHO के फर्जी हस्ताक्षर से चलता था स्वास्थ्य विभाग, भर्ती घोटाला से खुला राज।
👉 ग्रामीण क्षेत्रों की स्वास्थ्य व्यवस्था लचर अस्पतालों में लटक रहे ताले, निजी क्लीनिक में बैठकर नोट छाप रहे डॉक्टर।
रीवा । जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में हवा हवाई ही चल रही स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाएं समाचार पत्रों और टीवी चैनलों में चाहे जितनी सुर्खियां बटोर ले लेकिन धरातल में स्वास्थ्य विभाग का सिस्टम पूरी तरह फेल नजर आता है वास्तविकता यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ ऐसी सरकारी अस्पताल है जहां ताले तक नहीं खुलते इसके पीछे का कारण यह है कि राजनीतिक संरक्षण य फिर स्वास्थ्य विभाग में ऊपर तक अच्छी पकड़ होने के कारण कुछ डॉक्टर अपनी मनचाही पदस्थापना लेकर मौज कर रहे है देखने में आ रहा है कि डॉक्टर अपनी मनमानी के चलते अपनी सुविधा अनुसार निजी क्लीनिक खोलकर इलाज के नाम पर जनता से मोटी फीस वसूल रहे हैं लेकिन सरकारी अस्पताल में बैठकर मरीजों को देखना अपनी तौहीन समझते हैं रीवा जिले के सिरमौर क्षेत्र में ऐसे ही हालात बने हुए हैं जहां अस्पताल के ताले नहीं खुलते।
सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का।
यह बहुत पुरानी कहावत है की सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए बीएमओ कार्यालय सिरमौर अंतर्गत संचालित उप स्वास्थ्य केंद्र पडरी का हाल है जहां पदस्थ डॉक्टर एबी गौतम इसलिए ड्यूटी नहीं करते की सैंया तो नहीं लेकिन भैया डॉ केबी गौतम स्वास्थ्य विभाग के बड़े अधिकारी हैं हालांकि उनके खिलाफ भी विराट वसुंधरा में भर्ती घोटाला और भ्रष्टाचार की छपी खबर का कलेक्टर रीवा ने संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं और जांच जारी है लेकिन इस जांच के दौरान भी डॉक्टर केबी गौतम को रीवा सीएमएचओ द्वारा अर्बन नोडल अधिकारी और डीएचओ पद से हटाकर उसके मूल पदस्थापना जिला अस्पताल नहीं भेजा गया इससे डॉ केबी गौतम की रसूख का पता चलता है कि सिस्टम पर कितने भारी हैं। ऐसे में भैया डॉ केबी गौतम की छत्रछाया में छोटे भाई डा एबी गौतम मस्त मौला होकर बैकुंठपुर अस्पताल के बगल में अवैध क्लीनिक खोलकर खुलेआम मरीजों को देखते हैं मजाल है कि बीएमओ य स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी या फिर एसडीएम तहसीलदार इनकी मनमानी पर लगाम लगा सकें या फिर इनकी अस्पताल में झांक सकें।
बीएमओ की लापरवाही से बेलगाम स्वास्थ्य व्यवस्था।
सिरमौर क्षेत्र में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है लगभग 32 सीएचओ पदस्थ है नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ अलग से नियुक्त है लेकिन तब भी अस्पतालों में ताले लटकते नजर आते हैं डॉक्टर अपनी निजी क्लीनिक में प्रैक्टिस करते हैं कुछ अस्पतालों में डॉक्टर के अलावा अन्य कर्मचारी कुछ समय के लिए अपनी सेवाएं देते हैं लेकिन कुछ ऐसी भी अस्पताल हैं जहां अस्पताल के तले ही नहीं खुलते जिनमें उप स्वास्थ्य केंद्र पड़री है जहां डॉ एबी गौतम सहित नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ पदस्थ तो हैं लेकिन वेतन घर बैठे ही लेते हैं हालात यह है कि ग्राम पड़री और आस-पास की हजारों आबादी डॉक्टर को पहचानती ही नहीं है की कौन डॉक्टर हैं तो वहीं आस-पास के लोगों का कहना है कि मंगलवार और शनिवार को कुछ कर्मचारी आकर बैठते हैं और घंटे 2 घंटे बाद चले जाते हैं जाहिर सी बात है कि ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर की लापरवाही और मिलीभगत से ही स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारी बेलगाम है।
स्थानीय होने का दोहरा लाभ।
उप स्वास्थ्य केंद्र पड़री में पदस्थ डॉक्टर एबी गौतम स्थानीय है अपने घर बैकुंठपुर में निजी क्लीनिक खोलकर प्रैक्टिस करते हैं इसके साथ ही सरकारी अस्पताल में पदस्थ होकर शासन से मुफ्त वेतन भी ले रहे हैं हालांकि आयुर्वेद चिकित्सक होने के चलते उन्हें एलोपैथिक उपचार करने कि मान्यता नहीं है केवल स्क्रीनिंग करने तक ही उनके दायित्व सीमित रहते हैं लेकिन बैकुंठपुर क्षेत्र में जब झोलाछाप डॉक्टरों के यहां मरीजों की लाइन लगी रहती है तो डा एबी गौतम तो आयुर्वैदिक डॉक्टर हैं जनता इन्हें झोलाछाप डॉक्टरों से तो बेहतर ही मानती है तभी तो डॉ एबी गौतम एक तरफ जहां सरकार से बिना ड्यूटी किये मुफ्त वेतन ले रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अपनी निजी क्लीनिक में प्रेक्टिस करके नोट छाप रहे हैं।