रीवा

Rewa news, 2 माह से गांव अंधेरा था कायम बिजली विभाग की मनमानी से जनता में मचा है त्राहिमाम।

Rewa news, 2 माह से गांव अंधेरा था कायम बिजली विभाग की मनमानी से जनता में मचा है त्राहिमाम।

विराट वसुंधरा/ निशांत मिश्रा
रीवा। भीषण गर्मी के थपेड़ों के बीच, रीवा जिले जनपद पंचायत के ग्राम बांस में पिछले 2 महीने से अंधेरा कायम है 100 केवी के ट्रांसफार्मर के जल जाने से पूरे गांव में अंधेरा छा गया है, जिससे सैकड़ों घरों में उजाले की किरणें गायब हो गई हैं। इस अंधेरे की आगोश में ग्रामीणों का जीवन बेहद मुश्किल हो गया है खासकर किसानों के लिए तो यह अंधेरा मुसीबत बनकर टूट पड़ा है। सिंचाई बाधित होने से उनकी फसलें सूखने के कगार पर हैं। बार-बार शिकायतों के बावजूद बिजली विभाग की ओर से कोई कार्रवाई न होने से ग्रामीणों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

सामाजिक कार्यकर्ता पंकज मिश्रा ने बताया कि उन्होंने सभी अधिकारियों को अवगत करा दिया था, साथ ही उन्होंने सीएम हेल्पलाइन में भी शिकायत दर्ज कराई थी [कंप्लेंट नंबर 27659397] , लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा था। अंततः, ग्रामीणों की पीड़ा विधायक नरेंद्र प्रजापति के कानों तक पहुंची। विधायक प्रजापति ने तुरंत संज्ञान लेते हुए बिजली विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया और जल्द से जल्द ट्रांसफार्मर बदलने के निर्देश दिए। उनकी त्वरित पहल से ग्रामीणों में राहत की किरण जगी। लेकिन, क्या यह राहत क्षणिक थी? विधायक जी के निर्देशों के बावजूद बिजली विभाग के अधिकारियों ने अपनी लापरवाही का परिचय देते हुए कोई कार्रवाई नहीं की।

ग्रामीणों को यह हास्यास्पद जवाब दिया गया कि कुछ लोगों ने बिजली का बिल जमा नहीं किया है और उनकी सजा पूरे गांव को भुगतनी पड़ रही है।यह हास्यास्पद जवाब सुनकर ग्रामीणों का गुस्सा और भी बढ़ गया। ग्रामीणों का कहना है कि जिन लोगों ने बिल जमा नहीं किया था, उन लोगों ने भी अब बकाया राशि जमा कर दी है, फिर भी बिजली विभाग किस बात का इंतजार कर रहा है?

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ट्रांसफार्मर 2 महीने से अधिक समय से जला हुआ है और लगातार समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हो रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि विधायक जी के हस्तक्षेप के बाद भी बिजली विभाग की लापरवाही जारी रही, तो वे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

क्या बांस गांव को अंधेरे से मुक्ति मिलेगी? क्या बिजली विभाग अपनी लापरवाही छोड़ेगा? यह देखना बाकी है।
लेकिन एक बात तो पक्की है, ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब दे रहा है और वे अब इस अंधेरे में जीने को तैयार नहीं हैं।
यह न्यूज़ रिपोर्ट बांस गांव के ग्रामीणों की पीड़ा को उजागर करती है और बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवालिया निशान उठता है। ग्राम बांस के ग्रामीणों ने एक बार फिर समस्या का जल्द से जल्द समाधान किये जाने की मांग की है।

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