रीवा

Rewa MP बीते दिन प्रशिक्षु नर्स की मौत के बाद लग रहे आरोपों पर विंध्या हास्पिटल द्वारा दी गई सफाई।

Rewa MP बीते दिन प्रशिक्षु नर्स की मौत के बाद लग रहे आरोपों पर विंध्या हास्पिटल द्वारा दी गई सफाई।

 

रीवा: विंध्या हास्पिटल के डाक्टरों ने प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि कुछ लोगों द्वारा अस्पताल के खिलाफ ब्रह्म फहराया जा रहा है इस घटना को लेकर बीते दिन पुलिस अधीक्षक रेवा को शिकायत की गई है और आरोप लगाया गया है उसकी कहानी कुछ इस प्रकार है कि कुमारी मुस्कान साकेत लगभग 6 दिनो से नर्सिंग ऑब्जर्वेशन ड्यूटी में विंध्य हॉस्पिटल में आ रही थी वह हॉस्पिटल की रेगलुर स्टाफ नही थी, दिनांक 12/12/2024 को सुबह लगभग 11 बजे एक लडका (निखिल सेन) मुस्कान साकेत को बेहोशी की हालत में विंध्य हॉस्पिटल लाया। उसने बोला कि मैं इनका परिचित हूँ। ये छोटी पुल के पास सडक में उल्टी कर रही थी और इनके मुँह से झाग निकल रहा था, शायद इन्होने सल्फास जहर खाया है, रोगी की हालत अत्यंत गम्भीर थी, उसका पल्स बी०पी० नही मिल रहा था, तुरन्त समस्त नर्सिंग स्टाफ डॉक्टर की टीम ने मिलकर इलाज शुरू किया ( सी०पी० आर० इन्ट्यूबेशन, वेंटिलेटर, जीवन रक्षक दवाएँ इत्यादि) लगभग 1 घंटे तक रोगी का आई०सी०यू० में जान बचाने का प्रयास किया गया, किंतु सफलता नहीं मिली। साथ ही परिजनों और सिविल लाइन पुलिस को सूचना देकर बुलाया और पुलिस ने मर्ग कायम किया।

पुलिस ने मृतका के शरीर को पोस्ट मार्टग के लिए भेज दिया।
कल दिनांक 13/12/2024 को कुछ लोगो ने पुलिस को आवेदन दिया कि हॉस्पिटल में इलाज में लापरवाही हुई है, इसलिए हॉस्पिटल के खिलाफ एक्शन लिया जाये। हॉस्पिटल के समस्त मेडिकल स्टॉफ और डॉक्टरों की टीम ने रोगी को बचाने की पूरी कोशिश की थी और इससे संबंधित समस्त दस्तावेज और सी०सी०टी०वी० रिकार्डिंग भी पुलिस को दिखाई गई, और सौप दी गई। जबकि मृतका मरीज का निःशुल्क उपचार किया गया था, इस तरह के झूठे आरोपो से मेडिकल स्टॉफ और हॉस्पिटल का गंभीर मरीजो के इलाज को लेकर मनोबल कम होता है, जो कि एक सभ्य और स्वस्थ्य समाज के लिए बिलकुल सही नही है।

अस्पताल प्रबंधन द्वारा कहा गया कि ऐसे झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कराई जाएगी, प्रेस कांफ्रेंस के दौरान यह तो बताया गया कि कुछ लोग ब्लैकमेल करने की नीयत से अस्पताल को बदनाम करना चाहते हैं और 15 लाख रुपए की डिमांड किए थे और अब उन्हीं लोगों के द्वारा मृतका के परिजनों को भड़काकर झूठे आरोप लगवाए जा रहे हैं।

हालांकि पत्रकारों ने जब ब्लैकमेल करने वालों नाम पूछा तब अस्पताल प्रबंधन द्वारा उन व्यक्तियों का नाम सार्वजनिक नहीं किया गया और ना ही उनकी पहचान बताई गई।

 

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