रीवा

विंध्य क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ अब औद्योगिक क्रांति की तैयारी, पतंजलि लगाएगा फूड प्लांट, बढ़ेगी किसानों की समृद्धि।

विंध्य क्षेत्र में हरित क्रांति के साथ अब औद्योगिक क्रांति की तैयारी, पतंजलि लगाएगा फूड प्लांट, बढ़ेगी किसानों की समृद्धि।

उप मुख्यमंत्री से आचार्य श्री बालकृष्ण ने की सौजन्य भेंट पतंजलि की औद्योगिक परियोजनाओं पर हुई चर्चा।

 

रीवा । उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि हाल ही में रीवा में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री के माध्यम से विंध्य क्षेत्र में निवेश के नए और अपार अवसर खुले हैं। जो विंध्य के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे। पतंजलि समूह जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों की भागीदारी से इस क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति की मजबूत आधारशिला रखी जा सकती है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल से अमहिया, रीवा स्थित निज निवास पर पतंजलि योगपीठ के संस्थापक सचिव आचार्य श्री बालकृष्ण ने सौजन्य भेंट की।

उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि जैसे हम हरित क्रांति ला रहे हैं, अब विंध्य क्षेत्र में औद्योगिक क्रांति भी जरूरी है। उन्होंने बताया कि रीवा क्षेत्र में नेचुरल रिसोर्स के आधार पर सीमेंट प्लांट तो आ ही रहे हैं, लेकिन अगर पतंजलि ग्रुप का फूड प्लांट यहां आ जाता है तो यह 1000 करोड़ रुपये के निवेश का मार्ग खोलेगा, जिससे किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब फूड प्लांट लगते हैं तो किसानों की समृद्धि बढ़ती है, क्योंकि उन्हें पता चलता है कि कौन सी फसल उगाई जाए जिससे उन्हें सीधा आर्थिक लाभ हो। पतंजलि देश में फूड क्रांति के क्षेत्र में सबसे बड़ा समूह है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण से उनकी चर्चा 2011-12 में ही हुई थी। तब बाबा रामदेव ने कहा था कि पहले वे नागपुर और इंदौर में प्लांट लगाएंगे, फिर अन्य जगहों पर विचार करेंगे।

शुक्ल ने कहा कि इसके बाद मैं लगातार इंतजार करता रहा। रीवा में जब रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव हुआ, उससे पहले मैं हरिद्वार जाकर बाबा रामदेव से मिला। मैंने पूछा कि नागपुर का क्या हुआ, उन्होंने कहा – हो गया। फिर मैंने पूछा इंदौर का क्या हुआ, उन्होंने कहा – हो गया। तब मैंने आग्रह किया – अब रीवा चलिए। हमने कहा कि 400 एकड़ जमीन मऊगंज के पास पतंजलि के लिए रिजर्व कर रखी है। यह जमीन पिछले 15 सालों से किसी को नहीं दी गई थी, हम सिर्फ पतंजलि का इंतजार कर रहे थे।

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि 2007 में बाबा रामदेव पहली बार रीवा आए थे, और तभी से उनका रीवा से विशेष स्नेह जुड़ा है। बाबा रामदेव ने बालकृष्ण जी को बुलाया और कहा कि अब हमें रीवा में फूड प्लांट लगाना चाहिए। पतंजलि ने अब 25 करोड़ रुपये जमा कर जमीन की रजिस्ट्री भी करवा ली है, जिससे स्पष्ट है कि अब उनकी रूचि रीवा में है। बालकृष्ण जी स्वत: साइट देखने भी गए। उप मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस फूड प्लांट से धरती से दौलत पैदा होगी। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कथन को दोहराते हुए कहा कि देश को समृद्धशाली बनाना है तो धरती से दौलत पैदा करनी होगी।उपमुख्यमंत्री ने कहा, पतंजलि ग्रुप का रीवा में निवेश आना एक सुखद संकेत है।

इस अवसर पर पतंजलि संस्थान के संस्थापक, सचिव, आचार्य श्री बालकृष्ण ने कहा कि रीवा में संभावनाएं भी हैं और भावनाएं भी। उपमुख्यमंत्री जी इस क्षेत्र के विकास और रोजगार के लिए प्रतिबद्ध हैं, और पतंजलि इस दिशा में एक नई योजना बनाएगा। पहला चरण पूरा हो चुका है, रजिस्ट्री का कार्य हो गया है। हमने दुनिया के लिए एक व्यापक और वृहद रूपरेखा तैयार की है। हमें विश्वास है कि विकास की गंगा के साथ-साथ किसानों के जीवन में भी समृद्धि आएगी।हम यहां एक ‘रो आधारित प्रोडक्ट’ बनाएंगे, कल्टीवेशन वगैरह भी करेंगे। जो उत्पाद हम बनाएंगे, उनका कच्चा माल किसान उगाएंगे और हम उनसे ही खरीदेंगे। इसे हम इंडस्ट्रियल फूड पार्क के रूप में विकसित करेंगे। हम प्रयास करेंगे कि और भी उद्योग जगत के लोग और संस्थाएं यहां आएं और निवेश करें। एग्रीकल्चर फील्ड में ज्यादा रोजगार मिलता है, सिर्फ फैक्ट्री में काम करने से रोजगार नहीं बढ़ता। इस पहल से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। हमने घोषणा की थी कि शुरुआत 500 करोड़ से करेंगे, लेकिन यह निवेश 1000 करोड़ तक जाएगा। यहां स्किल डेवलपमेंट और एजुकेशन के क्षेत्र में भी काम करेंगे।

उल्लेखनीय है कि गत वर्ष अक्टूबर माह में रीवा में आयोजित हुये इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव में पतंजलि समूह द्वारा उद्यम इकाई स्थापित करने की सहमति दी गयी थी तदनुक्रम में पतंजलि योग पीठ के संस्थापक सचिव आचार्य श्री बालकृष्ण पंजीकृत एग्रीमेंट के दस्तावेज प्रस्तुत करने रीवा आये थे।

 

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