मध्य प्रदेश

सीधी विधानसभा: कांग्रेस से लगातार बढ़ रही दावेदारों की संख्या – कांग्रेस के लिए आसान नही होगा यह चुनाव।

सीधी विधानसभा: कांग्रेस से लगातार बढ़ रही दावेदारों की संख्या
– कांग्रेस के लिए आसान नही होगा यह चुनाव।

– धौहनी व सीधी में प्रत्याशी चयन को लेकर पार्टी आला कमान भी उलझे।

विराट वसुंधरा सीधी:-
जिले मे विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हो गई है। एक तरफ भाजपा जहां जन-जन तक पहुंचने के लिए आशीर्वाद यात्रा निकाल रही है तो वहीं दूसरी तरफ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस भी मतदाताओं को रिझाने में जुटी हुई है।मिशन-2023 कांग्रेस के लिए जहां बड़ी चुनौती है वहीं भाजपा भी प्रदेश में अपना कब्जा बरकरार रखने हेतु इस चुनाव को चुनौतीपूर्ण ले रही है। ऐसे में सीधी जिले में तीन-एक के बीच चल रहे समर से निकलने कांग्रेस पूरी तरह से जी जान लगा रही है हलाकि धौहनी व सीधी विधानसभा में प्रत्याशी चयन को लेकर वरिष्ठ नेताओं की भी सांसे फूल रही है। धौहनी विधानसभा से जहां पूर्व विधानसभा प्रत्याशी कमलेश सिंह के अलावा तिलकराज सिंह डाला पीपर, जनपद अध्यक्ष श्यामवती सिंह प्रमुख दावेदार बताए जा रहे है। वहीं सीधी विधानसभा कमलेश्वर द्विवेदी के साथ-साथ कांग्रेस जिलाध्यक्ष ज्ञान सिंह,नपा उपाध्यक्ष दानबहादुर सिंह,पूर्व युकां अध्यक्ष रंजना मिश्रा,पूर्व नपाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह मुन्नू का नाम तेजी से चल रहा है। समीकरण की बात करें तो सीधी विधानसभा कांग्रेस ने ब्राह्मण कोटे के लिए सुरक्षित रखा है ऐसे में कमलेश्वर द्विवेदी के बाद रंजना मिश्रा का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है।

 

*टिकट नहीं मिला तो पार्टी मे बढ़ेगा विरोध:-*
सीधी विधानसभा से इस बार कांग्रेस पार्टी के चौहान परिवार से तीन नेताओं का नाम सुर्खियों में बना हुआ है जिसमें कांग्रेस जिलाध्यक्ष ज्ञान सिंह,पूर्व नपा अध्यक्ष देवेन्द्र मुन्नू,वरिष्ठ कांग्रेस नेता नपा उपाध्यक्ष दानबहादुर सिंह का नाम बताया जा रहा है। सूत्रों की माने तो अगर कांग्रेस सीधी विधानसभा से चौहान परिवार के नेताओं को टिकट नही देती है तो इनमें से कुछ चेहरे बगावत पर भी उतर सकते है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस से जुड़े चौहान परिवार के नेता गत चुनाव से सीधी विधानसभा से टिकट की आश लगाए बैठे है। ऐसे में इन्हे अगर टिकट नही मिला तो परिणाम पर बड़ा असर दिखाई दे सकता है।
*ज्ञान के सपनों पर सुरजेवाला के बयान से फेरा पानी:-*
मध्यप्रदेश के चुनाव प्रभारी व राष्ट्रीय नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हाल ही में दिए अपने बयान में यह साफ कर दिया है कि पार्टी जिलाध्यक्षों को विधानसभा चुनाव में टिकट नही देगी ऐसे में सीधी विधानसभा से विधायकी के चुनाव लड़ने का सपना देख रहे जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ज्ञान सिंह के सपनों पर पानी फिर गया है हलाकि सुरजेवाला का यह बयान कितना खरा उतरेगा यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन उनके बयान के बाद कांग्रेस जिलाध्यक्षों में खलबली मच गई है। यहां बीते दो पंचवर्षीय से सीधी विधानसभा से चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे जिलाध्यक्ष ज्ञान सिंह के नाम पर भी संकट खड़ा गया हो गया है।

 

*कांग्रेस मे बढ़ रही लगातार दावेदारों की संख्या:-*
सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल को सीडब्ल्यूसी सदस्य बनाए जाने के बाद उनके करीबियों ने भी सीधी विधानसभा से टिकट को लेकर दावेदारी शुरू कर दी है। जिसमें पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चिंतामणि तिवारी,वरिष्ठ कांग्रेस नेता जीवेन्द्र सिंह लल्लू, पूर्व नपा उपाध्यक्ष विक्रम सिंह चौहान का नाम चर्चा में शामिल हो गया है। ऐसे में बढ़ती दावेदारों की संख्या सीधी विधानसभा की राह आसान नही दिख रही है। कहा जा रहा है कि जितनी भारी संख्या दावेदारों की हो रही है टिकट वितरण के बाद इनमें असंतोष की भावना भी पैदा होगी जो प्रत्याशी के लिए फायदेमंद नही रहेगी।

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