singrauli news : अव्यवस्थाओं से घिरा कस्तूरबा बालिका छात्रावास,छात्राओं को उठानी पड़ रही तरह-तरह की परेशानी

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सिंगरौली: जिले के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास (Kasturba Girls Hostel) से संबंधित बलियारी, बराका, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, पड़री, गोड़बहरा और बगैया बालिका छात्रावास के भवनों की मरम्मत का काम करीब चार माह पहले शुरू हो चुका है. लेकिन अभी तक काम पूरा नहीं होने के कारण छात्रावास प्रबंधन ने भी डीपीसी को लिखित रूप से सूचित कर दिया है कि वे संचालन करने में असमर्थ हैं. दरअसल, जिले में बलियारी में कस्तूरबा गांधी आवासीय छात्रावास के साथ-साथ गोड़बहरा, पड़री में बालिका छात्रावास हैं. बड़का एवं बगैया छात्रावास भवन की मरम्मत का कार्य लगभग चार माह पूर्व सहायक अभियंता के पास पहुंच कर ठेकेदार के माध्यम से भवन को तोड़ कर शुरू किया गया था. लेकिन संविदाकार ने भवन के कीचन, टॉयलेट,फर्स, बिजली तार बोर्ड, बॉथरूम, हॉल एवं कमरों के फर्स को तोड़फोड़ कर आधा अधूरा कार्यकर क छुए की गति से करने लगा। जिसके चलते बालिका आवासीय छात्रावासों में अव्यवस्थाएं ही फै ल गई। सवाल उठाया जा रहा है कि छात्रावास के भवन का मरम्मत किस मध्य से हो रहा है।

 

एनओसी किसने दिया और इसका टेंडर कहा हैं। इसका आज तक पता नही चल पाया है। इधर छात्रावासों का कार्य अधूरा होने पर छात्रावासों के बार्डन ने अपनी-अपनी अलग-अलग समस्याएं लिखित तौर पर देकर डीपीसी को अवगत करा दी है। यहां तक कि अव्यवस्थाओं के चलते छात्राओं को भी कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। लेकिन फिर भी जिला पंचायत के अधिकारी मौन धारण कर लिये हैं। सूत्र बता रहे हैं कि भवनों के मरम्मत कार्य के आड़ में बड़े खेल करने की तैयारी है। अब धीरे-धीरे इनके कारनामें भी बे पर्दा हो रहे हैं।

बार्डन ने संचालन करने से खड़े की हाथ

छात्रावासों में व्याप्त अव्यवस्थाओं के चलते बार्डनों ने परिसर में कक्षा संचालन करने से ही असर्मथता जाहिर करने लगे हैं। यहां तक कि कई बार्डनों ने छात्रावास बन्द करने के लिए डीपीसी को अवगत करा चुके हैं। आवेदन पत्र में मरम्मत कार्य धीमी गति होने का जिक्र की है और यहां तक अवगत कराया है कि छात्रावासों के कक्ष, शौचालय को तोड़फोड कर रख दिये हैें। यहां तक कि बिजली व्यवस्था भी ठप है। भवनों के कार्य को शीघ्र पूर्ण कराने की मांग की है। अब सवाल उठ रहा है कि करीब चार महीने के पूर्व से उक्त छात्रावासों में अव्यवस्थाएं फैली हैं तो इसके जिम्मेदार कौन हैं। क्या उनपर जिम्मेदारी थोप कर कार्रवाई की जाएगी। या फिर इस खेला को छुुपाने के लिए कोशिशे की जाएंगी।

सहायक यंत्री की भूमिका संदिग्ध

बालिका आवासीय छात्रावासों के मरम्मत कार्य किस मद से किया जा रहा है और इसकी लागत कितनी है। टेंडर कब हुआ इसकी जानकारी अब तक नही मिल पा रही है। लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि छात्रावासों का मरम्मत कार्य के लिए सहायक यंत्री विनोद शाह कुछ छात्रावासों में पहुंचे थे और सीईओ जिला पंचायत का हवालात देकर बार्डनों पर दबाव बना दिया था। लेकिन सूत्र बता रहे थे कि जिला पंचायत सीईओ का नाम सामने आने पर बार्डन भी मौन धारण कर ली। अब सवाल उठाया जा रहा है कि टेंडर, एनआईटी एवं वर्कऑर्डर कहांं है इसक ा भी पता लगाया जाना शुरू हो गया है। उक्त मामला की जानकारी क लेक्टर तक पहुंच गई है।

इनका कहना

छात्रावासों का मरम्मत कार्य चल रहा है। बच्चियों को मूलभूत समस्याओं से सामना करना पड़ रहा है। क्रि यान्वयन एजेंसी शीघ्र लेट-बॉथरूम का कार्य पूर्ण कराएं
आरएल शुक्ला
डीपीसी
जिला शिक्षा केन्द्र्र, सिंगरौली

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