अमानत में ख़यानत करने वाले को मिला स्टोर का प्रभार चुरहट नगर परिषद का मामला।

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अमानत में ख़यानत करने वाले को मिला स्टोर का प्रभार चुरहट नगर परिषद का मामला।

लाखों का गोलमाल करने वाले टाइम कीपर को सौंप दिया स्टोर का प्रभार, ईओडब्ल्यू में भी दर्ज हैं मामला।

विराट वसुंधरा, ब्यूरो
सीधी:- जिले के चुरहट नगर परिषद का नया मामला प्रकाश में आया है, अभी यहां अध्यक्ष के खिलाफ भर्ती निरस्त करने के साथ- साथ बाजार बैठकी की बसूली में गोलमाल करने सहित कई गंभीर आरोप लग चुके हैं अब अपने करीबी को नियम विरुद्ध तरीके से प्रभार देने का मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। उल्लेखनीय हैं कि नगर पंचायत चुरहट में कांग्रेस की नगर सरकार बनने के बाद से उन पर आरोप लगने शुरू हो गए थे जिसका सिलसिला लगातार जारी है। बताया गया हैं कि यहां पदस्थ टाइम कीपर रामसहाय गुप्ता को इन दिनों स्टोर व बाहन तथा डीजल का प्रभारी बनाया गया है जिसके द्वारा जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है, हैरानी की बात यह है कि जिस रामसहाय गुप्ता को नियम विरुद्ध तरीके कई महत्वपूर्ण विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है उन पर पहले से ही गंभीर आरोप लग चुके हैं जिसका मामला भी ईओडब्ल्यू में दर्ज हैं।

क्या कहता है नियम:-
विभागीय सूत्रों की मानें तो स्टोर का प्रभार तकनीकी इंजीनियर को दिया जाता हैं जो इसके जानकर होते हैं वहीं वाहन शाखा का प्रभार वरिष्ठ चालक को दिया जाना चाहिए लेकिन यहां अध्यक्ष के इशारे में नियम विरुद्ध तरीकें से प्रभार सौंपा गया है। नाम न छापने की शर्त पर नगर परिषद के कर्मचारियों ने बताया कि इन दिनों कार्यालय में अध्यक्ष पति की दखलंदाजी बढ़ जाने के चलते जमकर धांधली की जा रही हैं, ऐसा नहीं है कि इसकी जानकारी सीएमओ को नहीं है लेकिन वह भी अध्यक्ष पति के साथ मिलकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में जुटे हुए हैं।

ईओडब्ल्यू में दर्ज हैं मामला:-
टाइम कीपर रामसहाय गुप्ता के ऊपर पूर्व से ईओडब्ल्यू में अलग अलग मामले दर्ज हैं वाबजूद इसके उन्हें मलाईदार पदों में बैठाया गया है।यही नहीं सिविल न्यायालय द्वारा भी फर्जी हस्ताक्षर कर पेमेंट निकलने के मामले में भी सह आरोपी बनाया गया हैं फिर भी इनकी ईनाम स्वरूप कई शाखा का प्रभार दिया गया है जिसकी प्रमुख वजह यह बताई जा रही हैं कि वह अध्यक्ष के करीबी माने जाते हैं जिसके चलते उनके लिए सभी नियमों को अनदेखा करते हुए प्रभार की झड़ी लगा दी गई हैं।

रिपेयरिंग एवं मेंटीनेंस के नाम हेराफेरी।
बताया गया हैं कि टाइम कीपर रामसहाय गुप्ता के खिलाफ फर्जी भुगतान के भी आरोप लगें हैं। जानकारी के अनुसार श्री गुप्ता द्वारा फर्जी बिल वाउचर के सहारे लाखों रुपए का भुगतान कराया गया है जिसमें अधिकांश बिल बिना जीएसटी के हैं जिससे साफ जाहिर हो रहा है कि सरकारी खजाने में सेंध लगाने के साथ साथ सरकार को अच्छी खासी चपत लगाई गई है। यहीं नहीं स्टोर सामग्री क्रय में भी इनके द्वारा जमकर फर्जीवाड़ा किया गया है।

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