मध्य प्रदेश

परिवहन माफिया अपने मंसूबे पर हुए कामयाब सूबेदार अमित विश्वकर्मा के ताबड़तोड़ कार्रवाई से हो गए थे भूमिगत

परिवहन माफिया अपने मंसूबे पर हुए कामयाब सूबेदार अमित विश्वकर्मा के ताबड़तोड़ कार्रवाई से हो गए थे भूमिगत

15 अगस्त को कलेक्टर मऊगंज द्वारा उत्कृष्ट यातायात व्यवस्था हेतु प्रशास्त्री पत्र भी दिया गया था

वही नवागत एसपी रसना ठाकुर के आने के बाद परिवहन माफिया अपने मंसूबे पर हुए कामयाब सूबेदार अमित विश्वकर्मा को यातायात प्रभारी के पद से हटाया गया

बेहतर ट्रैफिक व्यवस्था करने का इससे बड़ा इनाम और किसी ट्रैफिक प्रभारी के लिए क्या मिल सकता है जैसा सूबेदार अमित कुमार विश्वकर्मा को मिला
मऊगंज-सूबेदार अमित कुमार विश्वकर्मा ने मऊगंज जिले में ट्रैफिक यातायात प्रभारी रहते हुए 1900 से ज्यादा कार्यवाही की वहीं शासन के खजाने में 16 लाख से ज्यादा का राजस्व भी जमा करवाये तत्कालीन पुलिस अधीक्षक वीरेंद्र जैन के मार्गदर्शन में जहा नए जिला में अ व्यवस्थित यातायात व्यवस्था को सुचारू एवम व्यवस्थित बनाए जाने के साथ साथ अवैध परिवहन करने वाले वाहन मालिको व यातायात नियमों का पालन न करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट की विभिन्न धाराओं में कार्यबाहिया कर 16लाख रुपए से जादा का राजस्व सासन के खाते में जमा कराए इस संबंध में जिला मऊगंज के प्रतिष्ठित व्यक्तियों से सूबेदार अमित विश्वकर्मा के बारे में यातायात व्यवस्था के बारे मे चर्चा की गई तो लोगो द्वारा बताया गया की जब तक यातायात का प्रभार था तो समय समय पर इनकी की गई कार्यवाही से अबैध काम करने वाले माफियाओं द्वारा हर संभव प्रयास पूर्व से किया जा रहा था।

 

 

 

 

 

जिस पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक के जाते ही अपने मंसूबे में कामयाब हो गए

अवैध खनिज माफिया अपने मंसूबों मे कामयाब तो हो गए क्योंकि अवैध रेत और खनिज माफिया के आँखों की किरकिरी बने हुए थे सूबेदार अमित विश्वकर्मा उनके द्वारा लगातार की जड़ी कार्यवाहियों से हड़कंप मच गया था परिवहन खनिज माफिया मऊगंज छोड़ने के लिए मजबूर हो गए थे लेकिन अगर काम करने वाले कर्मचारियों पर इस तरह कार्यवाही होगी तो उनका मनोबल नहीं टूटेगा।

 

 

 

 

बड़ा सवाल एक तरफ उत्कृष्ट कार्य करने के लिए कलेक्टर के द्वारा प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया जाता हैं एक तरफ सजा क्या संदेश देना चाहते हैं वरिष्ठ अधिकारी.
और ऐसे आरोपों में ट्रैफिक प्रभारी को हटाया जाता है जिसके लिए ट्रैफिक सूबेदार जिम्मेदार नहीं होते .क्या एक गिरोह सफ़ल हुआ आपने अवैध मंसूबे मे. पुलिस महानिरीक्षक रीवा जोन को सज्ञान लेना चाहिएऔर देखना होगा कि उनकी चौखट की परिक्रमा करने बाले कहीं परिक्रमा का नाजायज फायदा उठा कर पुलिस को दबाव में लाकर अवैध काम तो नहीं करते क्योंकि कुछ परिक्रमा धारी कमा चुके हैं अकूत सम्पत्ति और. उनके दरबारी ही सूबेदार को हटाने की घटना से दिख रहे उत्साहित।

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