मध्य प्रदेश

बबुनी करी है क्या पढ़ाई, इनको प्यार हो गइल, सतना डिग्री कॉलेज बना रिल्स बनाने का अड्डा, बबुनी काट रहीं बवाल।

Satna, बबुनी करी है क्या पढ़ाई, इनको प्यार हो गइल, सतना डिग्री कॉलेज बना रिल्स बनाने का अड्डा, बबुनी काट रहीं बवाल।

 

सतना : डिग्री कॉलेज बना रील बनाने का अड्डा इस कॉलेज में आए दिन एक न एक नए-नए कारनामे सुर्खियों में बने ही रहते हैं और फिर भी जवाब दार अधिकारी कुम्भ करण कि निंद में सो रहे हैं इसमें क्या मना जाए किसकी सह से छात्र छात्राएं का भय खत्म हो गया और खुलीं चुनौती छात्र छात्राएं दे रहे हैं क्या भाजपा सरकार के राज में अब कॉलेजों में शिक्षको के द्वारा इसी तरह की पढ़ाई करवाई जा रही है जो खुले आम कॉलेज में रिल्स बनाकर कालेजों को बदनाम किया जा रहा है सतना जिला में डिग्री कॉलेज में रिल्स बनाने का भूत छात्र-छात्राओं में बड़ी तेजी के साथ फैल रहा है और जवाबदार शिक्षक प्रिंसिपल ए. सी. कि हवा लेते बैठे हैं क्या इनके आंख में मोतियाबिंद हो गई जो शिक्षको को दिखाई नहीं दे रहा इन छात्रों के ऊपर कड़ी सी कड़ी करवाही करना चाहिए जिससे सतना जिला का और कालेज का नाम बदनाम होने से बचा रहे अब देखना यह होगा आखिर कब तक ऐसे छात्र-छात्राओं के ऊपर रिल्स बनाने का भूत सवार रहेगा और ज्ञान देने वाली पवित्र।

सतना: कॉलेज बना रील्स बनाने का अड्डा, अधिकारी बेखबर

सतना जिले के डिग्री कॉलेज में इन दिनों रील्स बनाने का फैशन तेजी से बढ़ता जा रहा है। छात्र-छात्राएं शिक्षा के मंदिर को छोड़कर फूहड़ गानों पर रील्स बनाकर सोशल मीडिया पर लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश में लगे हैं। यह प्रवृत्ति न केवल सभ्य समाज पर नकारात्मक असर डाल रही है, बल्कि अन्य छात्रों को भी गलत दिशा में प्रभावित कर रही है।

ताजा मामला सतना जिले के डिग्री कॉलेज से सामने आया है, जहां आए दिन छात्र-छात्राएं रील्स बनाते हुए देखे जा रहे हैं। इस बीच कॉलेज के जिम्मेदार अधिकारी और शिक्षक कुम्भकर्ण की नींद में सोए हुए प्रतीत हो रहे हैं। कॉलेज प्रशासन की अनदेखी के चलते छात्रों में अनुशासन का अभाव साफ दिखाई दे रहा है, और वे खुलेआम रील्स बनाकर कॉलेज की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं।

यह सवाल उठता है कि क्या भाजपा सरकार के अधीन ऐसे शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई का यह हाल है? क्या शिक्षकों की नजरें इन हरकतों से बची हुई हैं, या वे इसे नजरअंदाज कर रहे हैं? कॉलेज प्रशासन और शिक्षकों की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए लोग मांग कर रहे हैं कि दोषी छात्रों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि कॉलेज और जिले की प्रतिष्ठा बनी रहे।

आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि कब तक छात्र-छात्राओं में रील्स बनाने का यह भूत सवार रहेगा, और कब प्रशासन इस पर उचित कदम उठाएगा। शिक्षा के पवित्र स्थल को इस प्रकार की गतिविधियों से बचाने के लिए ठोस कदम उठाना अब अनिवार्य हो गया है।

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