मध्य प्रदेश

Satna News: जिला चिकित्सालय की चर्म रोग ओपीडी पर भी लटका ताला

सहायक प्राध्यापक और सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक ने दिया त्यागपत्र, नई नियुक्ति होने तक बंद रहेगा उपचार

Satna News:  एक ओर जहां कैंसर युनिट और न्यूरो सर्जरी का ऑपरेशन थियेटर जैसी सुविधाएं जिला चिकित्सालय के लिए पहले से ही दूरी की कौड़ी बनी हुई हैं, वहीं दूसरी ओर यहां पर उपलब्ध चिकित्सा सेवाएं भी धीरे-धीरे घटती चली जा रही हैं. इसी कड़ी में जिले के लोगों को एक और झटका तब लगा है जब चिकित्सालय में संचालित होने वाली चर्म रोग की ओपीडी बंद कर दी गई है. चर्म रोग विभाग में पदस्थ रहे दो चिकित्सकों के त्यागपत्र देकर अन्यत्र चले जाने के कारण यह स्थिति सामने आई.

शासकीय मेडिकल कॉलेज(Government Medical College) से संबद्ध जिला चिकित्सालय में चर्म रोग की ओपीडी संचालित होती आ रही थी. जहां पर सहायक प्राध्यापक डॉ. विनीत साहू और सीनियर रेजीडेंट डॉ. वाहे गुरु शरण द्वारा जूनियर चिकित्सकों की टीम के साथ लगातार सेवाएं दी जा रही थीं. जिसके चलते शहर सहित जिले भर के मरीज खासी संख्या में पहुंचने लगे थे. वहीं अस्पताल में चर्म रोग की ओपीडी संचालित होने के कारण संबंधित मरीजों के निजी क्लीनिकों में जाकर बेहद खर्चीला इलाज कराने की मजूबरी भी समाप्त होने लगी थी. लेकिन इस मामले में पेंच तब फंस गया जब चर्म रोग विभाग के सहायक प्राध्यापक त्यागपत्र देकर भोपाल चले गए. उनके जाने के फौरन बाद ही सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक ने भी त्यागपत्र दे दिया. नतीजतन जूनियर चिकित्सकों के भरोसे कुछ दिनों तक ओपीडी संचालित होती रही. लेकिन विशेषज्ञ चिकित्सकों की अनुपस्थिति में जूनियर चिकित्सकों की भी सीमाएं थीं. लिहाजा चिकित्सालय में संचालित ओपीडी पर ताला लगा दिया गया. इस मामले में अब राज्य शासन स्तर से विज्ञप्ति जारी की जाएगी. जिसके जरिए यदि किसी चर्म रोग चिकित्सक की नियुक्ति शासकीय मेडिकल कॉलेज सतना में होती है तब कहीं जाकर जिला चिकित्सालय में चर्म रोग की ओपीडी की सेवाएं बहाल हो पाएंगी. लेकिन जब तक शासकीय स्तर पर तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी होंगी तब तक जिलेवासी इन सेवाओं से मरहूम बने रहेंगे. बदले हुए घटनाक्रम का नतीजा यह हुआ कि चर्म रोग का इलाज कराने के लिए अस्पताल पहुंचने वाले सैकड़ों मरीज असमंजस में फंस गए हैं. चर्म रोग से संबंधित मरीजों के पास अब दो ही विकल्प बचे हैं, या तो वे मेडिसिन ओपीडी में दिखाएं अथवा एक बार फिर से निजी चिकित्सकों की मंहगी क्लीनिकों के फेर में जाकर फंसें. राज्य शासन स्तर पर विज्ञप्ति जारी किए जाने के बाद यदि किसी नए चिकित्सक की भर्ती होती है

मेडिसिन विभाग ही विकल्प

इस संबंध में शासकीय मेडिकल कॉलेज सतना के डीन डॉ. शशिधर गर्ग का कहना है कि चर्म रोग विभाग के सहायक प्राध्यापक और सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक द्वारा त्यागपत्र दे दिया गया है. लिहाजा वरिष्ठ चिकित्सकों की अनुपस्थिति में ओपीडी संचालित कर पाना संभव नहीं है. संभावना जताई जा रही है कि इसी माह राज्य शासन स्तर पर विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी. जिसके माध्यम से यदि शासकीय मेडिकल कॉलेज के चर्म रोग विभाग में चिकित्सक की नियुक्ति होती है, तो फिर ओपीडी का संचालन पुन: आरंभ हो जाएगा. लेकिन तब तक के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के अंतर्गत मेडिसिन ओपीडी में जाकर मरीज चिकित्सकीय सलाह ले सकते हैं.

मेडिकल कॉलेज का मामला

जिला चिकित्सालय में चर्म रोग की ओपीडी बंद होने के मामले पर सीएमएचओ डा. एल के तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि मूल रुप से जिला अस्पताल में चर्म रोग विभाग अलग से नहीं होता है. मेडिकल कॉलेज से संबद्ध होने के चलते यह चिकित्सा सेवा अस्पताल में आरंभ हुई है. वहीं इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. मनोज शुक्ला का कहना है कि चर्म रोग विभाग में चिकित्सकों की नियुक्ति मेडिकल कॉलेज स्तर पर होती है. लिहाजा यह अस्पताल प्रशासन चाह कर भी इसमें कुछ नहीं कर सकता. वहीं सीएमएचओ और सीएस दोनों ने इस बात पर सहमति जताई कि मेडिसिन ओपीडी का विकल्प मरीजों के लिए उपलब्ध है. यह बात और है कि मेडिसिन ओपीडी पर वर्क लोड काफी अधिक है.

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