MP news, डॉ मोहन सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं, हाइवे सड़कों सहित विभिन्न योजनाओं से प्रदेश का कायाकल्प करने लिया निर्णय।

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MP news, डॉ मोहन सरकार ने सिंचाई परियोजनाओं, हाइवे सड़कों सहित विभिन्न योजनाओं से प्रदेश का कायाकल्प करने लिया निर्णय।

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में बीते दिन मंत्रालय में हुई कैबिनेट बैठक में मध्य प्रदेश के लिए सिंचाई परियोजनाओं और नेशनल हाईवे सड़कों के उन्नयन को लेकर स्वीकृति दी गई है लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में विकास के लिहाज से कैबिनेट से मिली मंजूरी काफी अहम मानी जा रही है मध्य प्रदेश में सिंचाई परियोजनाओं की गति जिस प्रकार से बढ़ रही है आने वाले समय में मध्य प्रदेश के सभी जिलों के किसान समृद्ध और खुशहाल होंगे और धरती से दौलत बरसेगी इसके साथ ही हाईवे सड़कों का उन्नयन और अन्य विकास की परियोजनाओं से मध्य प्रदेश सभी क्षेत्रों में विकास के सभी आयाम को छुएगा कैबिनेट में मिली मंजूरी को बताते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि भारत सरकार ने स्मार्ट सिटी 2.0 योजना की शुरूआत की है. योजना के तहत 100 स्मार्ट शहरों में से 18 शहरों का चयन किया जाएगा, इन शहरों को लगभग ₹135 करोड़ की राशि दी जाएगी. जिसमें 50% राज्य शासन का समावेश भी होगा. आज मंत्रिमंडल की बैठक में इस योजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है।

राष्ट्रीय राजमार्गों का उन्नयन।

5812 राज्य राजमार्गों के उन्नयन के लिये स्वीकृत
कैबिनेट ने न्यू डेव्हलपमेंट बैंक की सहायता से प्रदेश में राज्य राजमागों के उन्नयन के लिये 5 हजार 812 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति दी। परियोजना के लिए 4 हजार 68 करोड़ रूपये का ऋण न्यू डेव्हलपमेंट बैंक द्वारा प्रदाय किया जायेगा एवं शेष 1 हजार 744 करोड़ रूपये राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। योजनांतर्गत प्रदेश में लगभग 884.63 कि.मी. राज्य राजमार्गों/मुख्य जिला मार्गों का विकास 2-लेन मय पेव्हड शोल्डर/4-लेन में इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट एण्ड कंसस्ट्रक्शन (ई.पी.सी.) मॉडल पर किया जाएगा।
– शहडोल के नगर ब्यौहारी के लिए प्रथम चरण में 14.50 किमी रिंग रोड के निर्माण के लिये 81 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।
– जबलपुर से लम्हेटा के मध्य नर्मदा नदी पर पहुंच मार्ग सहित उच्चस्तरीय झूला पुल (केबल स्टे) के निर्माण के लिये लागत राशि 177 करोड़ 12 लाख 97 हजार रूपये की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
– नीमच जिले में 111 करोड़ 67 लाख रूपये की लागत से बनने वाले नीमच बायपास व्हाया जयसिंहपुरा बघराना नयागांव मार्ग लंबाई 21.20 कि.मी. के निर्माण के लिये प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।
– अशोकनगर जिले में शाढ़ौरा (एस.एच.-20) से करीला माता मंदिर (बेलई करीला मुख्य जिला मार्ग) व्हाया बामोरी ताल, ककरुआ राय, पिपरिया राय, कचनार, झितिया, करैया बुदधू, राजपुर, फतेहपुर, खिरिया, हरिपुर चक्क, पीपलखेडा, दंगलिया,जमुनिया मार्ग लंबाई 54.40 कि.मी. के निर्माण के लिए 134.43 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई।

ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे निर्माण की स्वीकृति।

उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये 102.80 किमी लम्बे ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड हाइवे के निर्माण की स्वीकृति दी है। इस परियोजना का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप हाइब्रिड एनयूटी आधार पर होगा। परियोजना की लागत 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख रूपए है। परियोजना पर 17 वर्षों में कुल खर्च 5 हजार 17 करोड़ 22 लाख में से 557 करोड़ रूपए का भुगतान सड़क विकास निगम और 4460 करोड़ रूपए का भुगतान राज्य बजट से किया जायेगा। इस मार्ग पर 7 बड़े पुल, 26 छोटे पुल, 270 पुलिया, 5 फ्लाई ओवर, 2 रेलवे ओवरब्रिज आदि बनाये जाएंगे।
भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा दिल्ली एवं मुम्बई के मध्य 8 लेन एक्सप्रेस-वे का निर्माण किया जा रहा है। इस राजमार्ग की 247 कि.मी. लम्बाई राज्य के मंदसौर, रतलाम एवं झाबुआ जिलों से गुजरता है। एक्सप्रेस-वे के गुजरता इस भाग में 7 स्थानों पर एक्सप्रेस-वे से जुडने के लिये इंटरचेंज दिये गये हैं। इनमें से एक इंटरचेंज जावरा के पास भूतेड़ा पर स्थित है। क्षेत्र के औद्योगिक विकास एवं अर्थव्यवस्था में गुणात्मक सुधार को दृष्टिगत रखते हुये उज्जैन शहर को जावरा स्थित एक्सप्रेस-वे इंटरचेंज से जोड़ने के लिये यह निर्णय लिया गया है।

सिंचाई परियोजनाओं को मंजूरी।

5180 करोड़ की सिंचाई परियोजना की स्वीकृति
कैबिनेट ने प्रदेश में विभिनन सिंचाई परियोजनाओं के क्रियान्यन के लिए 5 हजार 180 करोड़ रूपये से अधिक की स्वीकृति दी गई। जिसमें से 5 हजार 42 करोड़ रूपये की पुनरीक्षित और 137 करोड़ रूपये से अधिक प्रशासकीय स्वीकृति दी गई। पन्ना जिले की विकासखंड शाहनगर में हनगर में 600 करोड़ रूपए के स्थान पर 775 करोड़ रूपए।
– बुरहानपुर जिले के विकासखंड बुरहानपुर में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 144 करोड़ 72 लाख रुपए।
– सागर जिले की बंडा तहसील में 3 हजार 219 करोड़ 62 लाख करोड़ रूपए।
– सतना जिले के विकासखंड रामनगर में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 53 करोड़ 69 लाख रूपए।
– विदिशा जिले के विकासखंड लटेरी में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 627 करोड़ 45 लाख रूपए।
– सीहोर जिले की जावर तहसील में सिंचाई क्षेत्र बढ़ने से 222 करोड़ 03 लाख रूपये लागत की कान्याखेडी मध्यम सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 4605 हेक्टेयर)।
– बुरहानपुर जिले में 137 करोड़ 77 लाख रूपये लागत की छोटी उतावली मध्यम सिंचाई परियोजना (सैंच्य क्षेत्र 4000 हेक्टेयर) की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है।

 

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