मॉडल रोड में करोड़ों रुपये का भ्रष्टाचार, कोर्ट के निर्देश पर दोबारा शुरू हुई जांच

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सिंगरौली. शहर के माजन मोड़ से इंदिरा चौक तक मॉडल रोड के निर्माण में हुई अनियमितता के मामले की दोबारा जांच शुरू हो गयी है. हाईकोर्ट के निर्देश पर शुरू हुई जांच को लेकर नगर निगम कार्यालय में एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है। मामले में लोकायुक्त और नगर निगम द्वारा की गई जांच में भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। इसके लिए एमआईसी ने कार्यपालन अधिकारी समेत अन्य आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई की भी मंजूरी दे दी है।

 

भ्रष्टाचार की दोबारा शुरू की गई जांच की कमान डिप्टी कमिश्नर आरपी वैश्य को सौंपी गई है। हाईकोर्ट ने जांच अधिकारी बदलने की मांग खारिज कर दी है. कोर्ट ने पहले की जांच का पालन नहीं होने का हवाला देते हुए दोबारा जांच का आदेश दिया है.

 

दोबारा शुरू हुई जांच में शिकायत सही पाए जाने पर भ्रष्टाचार में शामिल कार्यपालक पर कड़ी कार्रवाई हो सकती है, क्योंकि माजनमोड़ से इंदिरा चौक तक मॉडल रोड के निर्माण में कार्यपालक अभियंता वीबी उपाध्याय और पी के सिंह अन्य अधिकारियों ने करोड़ों रुपये का टैक्स गबन किया है. उस दौरान जब भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त तक पहुंची तो अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गईं..

 

ननि अध्यक्ष ने दिखाई दरियादिली

 

अनियमितता करने वाले भ्रष्ट कार्यपालन यंत्री वर्तमान में कई प्रभार संभाल रहे हैं। नगर निगम आयुक्त की ओर से उन्हें प्रभार नहीं दिया जा रहा था लेकिन ननि अध्यक्ष ने दरियादिली दिखाया और अनियमितता करने वाले अधिकारी को स्वच्छता का नोडल बना दिया गया। इसके अतिरिक्त भी कार्यपालन यंत्री कई प्रभार संभाल रहे हैं। नगर निगम में चर्चा है कि अध्यक्ष की मेहरबानी से भ्रष्टाचार में संलिप्त कार्यपालन यंत्री को प्रभार दिए गए हैं। अध्यक्ष ने हाईकमान से सिफारिश कर ननि आयुक्त पर दबाव बनाया गया। इसके बाद भ्रष्ट अधिकारी को स्वच्छता का नोडल प्रभारी बनाया गया है।

 

पार्षदों ने की निष्पक्ष जांच की मांग

 

नगर निगम में लंबित सभी तरह की जांच को पार्षदों ने निष्पक्ष तरीके से जल्द पूरा करने की मांग किया है। एक ओर जहां मॉडल रोड की शुरू हुई दोबारा जांच तो वहीं स्टोर शाखा की चल रही जांच को निष्पक्ष और समय पर पूरा करने की मांग की गई है। पार्षदों ने कहा है कि भ्रष्टाचार में संलिप्त नगर निगम के कार्यपालन यंत्री वीबी उपाध्याय ने मॉडल रोड में करोड़ों का भ्रष्टाचार किया है। वहीं दूसरी ओर स्टोर प्रभारी सहित दो अन्य लोगों ने स्टोर में अनियमितता किया है। ये जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। जिससे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित हो सके।

नगर निगम कमिश्नर से कार्यवाही की नहीं है उम्मीद

नगर निगम से डीके शर्मा जब से आए हैं तब से नगर निगम में भ्रष्टाचार की जांच चल रही है लेकिन अभी तक एक भी जांच पूरी नहीं हुई.ना ही किसी जांच के बारे में कुछ बोलते हैं ना ही सवालों का जवाब देते हैं बल्कि पत्रकारों के सवालों से काफी दूर बने रहने का प्रयास करते हैं जिसके कारण नगर निगम के कमिश्नर पर भी कई सवाल खड़े हो रहे

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