singrauli news : गढ्ढों में तब्दील परसौना से बंधौरा की सड़क,दुर्घटना के इंतजार में कंपनी प्रबंधन..?अडानी की पोल खोलती परसौना से बंधौरा सड़क की तस्वीरें..?
गढ्ढों में तब्दील परसौना से बंधौरा की सड़क,दुर्घटना के इंतजार में कंपनी प्रबंधन..?
अडानी की पोल खोलती परसौना से बंधौरा सड़क की तस्वीरें..?
सड़क सुधार के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने लिखा कई बार पत्र….
सिंगरौली_एक बार फिर जनता की आवाज़ लेकर आशीष उपाध्याय….
______________
इन दिनों बरसात का मौसम अपने शिखर पर है,बरसात लगभग रोज ही हो रही है,हो भी क्यों न आखिर महीना भी बरसात का है…
लेकिन इन सब के बीच परेशान सड़क में प्रतिदिन चलने वाले स्थानीय राहगीर हो रहे हैं..
अडानी कंपनी में प्रतिदिन सैकड़ों वाहन कोयला लेकर परसौना वाया रजमिलान मार्ग होकर ही बांधौरा तक पहुंचते हैं,ऐसे में सड़क की दुर्दशा देखने लायक है…
यही नहीं अडानी के उच्च अधिकारी भी इसी रास्ते से प्लांट(अपने दफ्तर) तक पहुंचते हैं लेकिन मजाल की किसी भी अधिकारी के कानों में जूं तक रेंगी हो.?
खैर उन्हें क्या बड़ी_बड़ी गाडियों में जाना है आधे घंटे का सफर है कब निकल जाता है पता ही नहीं चलता…
मुसीबत तो आम जन मानस के लिए बना हुआ है की कब कौन सा पानी से लबालब भरा गड्ढा उनके लिए मुसीबत खड़ी कर दे….
सड़क सुधार के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधि ने लिखा था पत्र..नतीजा शून्य
सड़क की स्थिति ऐसी बदहाल पड़ी है मानों कभी कोई इस रास्ते से गुजरता भी है या नहीं…
स्थानीय लोगों के गुहार पर जनपद सदस्य हर्षित सिंह (रिशु) ने कंपनी प्रबंधन को बरसात शुरू होते ही पत्र लिखकर अवगत कराया था लेकिन आज तक सड़क दुरस्त कराने में नाकाम अडानी प्रबंधन ने आज तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जिसका खामियाजा स्थानीय राहगीरों को भुगतना पड़ रहा है…
पत्थर डाल कर कोरमपूर्ति,कंपनी प्रबंधन बड़े हादसे के इंतजार में..?
बरसात ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है और वर्तमान समय में भरी बरसात ने स्थानीय सड़कों की पोल खोलकर रख दी है…
आपको बताते चलें की अडानी के बड़े बड़े कोयला वाहन सड़क की धज्जियां उड़ा चुके हैं.? बहुत सी ऐसी जगहों में तो मानों कभी सड़क थी ही नहीं वहां कुंआ था की स्थिति निर्मित हो गई है..
हालांकि कंपनी प्रबंधन ने सड़कों में पत्थर डलवा कर को कोरमपूर्ति का कार्य जरूर किया था लेकिन वर्तमान समय में ना वो पत्थर दिखाई देते हैं,न हीं सड़क दिखाई देती है..दिखाई देता है तो केवल पानी से लबरेज गढ्ढा…
कंपनी के कार्य प्रणाली को देखकर मानो ऐसा लगता है की नाम केवल बड़े-बड़े, काम बिल्कुल शून्य (0)…
कब जगेगा कंपनी प्रबंधन इस गहरी निद्रा से..?या फिर किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है..?