SINGRAULI NEWS : रेत माफियाओं का गढ़ बना बलियरी, पुलिस का मिला संरक्षण
रेत कारोबार की फोटो खींचने पर ट्रेक्टर चढ़ाने की धमकी, बिना नंबर ट्रैक्टर से हो रहा रेत का अवैध कारोबार

अनिल वैश्य ,सिंगरौली : कोतवाली क्षेत्र अंतर्गत रिहंद नदी से रेत खनन में प्रतिबंध के बाद भी अवैध कारोबार में तेजी आई है। वस्तु स्थिति का पता लगाने जाने जब मौके पर पहुंचे। उस वक्त रेत माफिया की दबंगई और दबदबा देख कर मीडिया कर्मी भी हैरान रह गए। इतना ही नहीं गुर्गे बीच सड़क पर ट्रैक्टर खड़ा कर मीडिया कर्मियों को रोकते हुए मोबाइल नहीं निकालने की धमकी दी। साथ ही कहा कि जो भी फोटो और वीडियो बनाई हो अभी डिलीट करो। वरना ठीक नहीं होगा।
दबंग गुर्गे धमकाते हुए कहा कि दोबारा यहां नहीं दिखना नहीं वापस नहीं जा पाओगे। पुलिस हमारे जेब में है और मीडिया टारगेट में। रेत कारोबारी के हौसले देखकर कहा जा सकता है कि अवैध कारोबार पुलिस के छत्रछाया में ही हो रहा है। बता दें कि रिहंद नदी में रेत खनन में प्रतिबंध के बाद भी रेत माफिया खुले आम बिना नंबर ट्रैक्टर में रेत खनन और परिवहन कर लाखों की कमाई कर रहे हैं। रेत प्रतिबंधित नदी से रेत खनन की शिकायत मिलने पर मीडिया कर्मी जब हकीकत जानने बलियरी पहुंचे और अवैध रेत खनन का वीडियो और फोटो बनाने लगे। उस दौरान रैकी कर रहे रेत कारोबारियों के गुर्गे मीडिया कर्मियों को घेर कर फोटो और विडियो डिलीट करने का भी दबाव बनाने लगे।
बीच रास्ते में ट्रैक्टर रोककर मीडिया कर्मियों का रास्ता भी रोक दिया। साथ ही धमकाते हुए कहा कि बिना पुलिस के सहयोग से यह कारोबार नहीं होता है। मारपीट भी देंगे तो भी पुलिस हमारा ही साथ देगी। दोबारा यहां दिखोगें तो वापस नहीं जा पाओगे। लेकिन इस घटना के बाद यह साबित हो गया कि रेत का अवैध कारोबार पुलिस के संरक्षण में ही हो रहा है। नए पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री के आने के बाद उम्मीद थी की रेत के अवैध कारोबार में अंकुश लगाएंगी लेकिन हालात तो यह है कि यह रेत का अवैध कारोबार तीन-चार गुना रफ्तार से चल रहा है।
छापा के पहले माफियाओं तक पहुंच जाती है खबर
चर्चा है कि रेत माफियाओं का सूचना तंत्र इतना मजबूत है कि खनिज विभाग जब भी छापा मार कार्यवाही करता है। उसके पहले वहां रेत का अवैध कारोबार बंद हो जाता है। सूत्र बताते हैं कि रेत माफिया और पुलिस की जुगलबंदी के सामने सारे तंत्र बौने साबित हो रहे हैं। रेत के अवैध कारोबार में छापा पड़ने की खबर रेत माफियाओं तक कौन पहुंचा रहा यह अभी भी रहस्य बना हुआ है।