पीएम की एंट्री पर लोकसभा में नहीं लगे जय श्री राम के नारे, इस बार कितनी बदल गई संसद?

नई लोकसभा की नई संसद में नजारा बदला हुआ था. लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद भी बीजेपी और उसके सहयोगियों में पिछली 2 बार जैसा उत्साह नहीं रहा, जबकि लगातार 3 बार विपक्ष में बैठी कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों में विपक्षी खेमे में बैठे लोगों के चेहरों पर एक बार फिर मुस्कान. इस बार सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के विचार बदले हुए थे–
पिछली बार सदन मोदी-मोदी से गूंज रहा था
2019 में बीजेपी को रिकॉर्ड जीत मिली. सदन में मोदी-मोदी और जय श्री राम की गूंज रही. मोदी की शपथ में मोदी-मोदी और भारत माता की जय के नारे गूंज रहे थे. अध्यक्षता बीजेपी के प्रोटेम स्पीकर वीरेंद्र कुमार कर रहे थे. तब सदन में सत्ता पक्ष की अग्रिम पंक्ति में राजनाथ सिंह, अमित शाह, थावरचंद गहलोत और नितिन गडकरी थे.
इस बार भी शपथ लेने के बाद मोदी अपनी सीट पर आये और स्पीकर के पीछे से विपक्ष समेत सभी सांसदों का अभिवादन किया. दोनों बार सोनिया गांधी विपक्ष में सबसे आगे रहीं |
पीएम 15 मिनट तक बोले
इस बार सरकार बदलने के अलावा सब कुछ बदला हुआ था. नई संसद के हंसद्वार में प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया को संबोधित किया. पिछली लोकसभा में वह करीब 7 मिनट तक बोले थे. इस बार करीब 15 मिनट तक बात की.
प्रधानमंत्री विपक्ष के पास नहीं गये
प्रधानमंत्री ने स्पीकर के पीछे से लेकर विपक्ष के सामने तक सबका अभिवादन करने की परंपरा भी छोड़ दी और सत्ता पक्ष में अपनी सीट पर लौट आये. इस पर विपक्ष ने भी आपत्ति जताई. राज्यसभा सदस्य बनने के कारण इस बार सोनिया गांधी विपक्ष में नहीं थीं, लेकिन युवा नेतृत्व के चेहरे राहुल गांधी और अखिलेश यादव आगे की सीटों पर बैठे थे. इस बार भी सत्ता पक्ष में मोदी के साथ राजनाथ सिंह थे. उनके साथ अमित शाह, नितिन गडकरी भी थे.
प्रोटेम स्पीकर को लेकर विवाद
इस बार प्रोटेम स्पीकर को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच विवाद हो गया. 8 बार के कांग्रेस सांसद के सुरेश इसके दावेदार थे. सरकार ने सात बार के भाजपा सांसद भर्तृहरि मेहताब को चुना, क्योंकि वह लगातार सांसद थे जबकि सुरेश के पास 2 बार सांसद थे। यही वजह रही कि विपक्ष ने प्रोटेम स्पीकर पैनल का बहिष्कार कर दिया. सदन में शपथ लेने के लिए बुलाए जाने पर भी सुरेश और बालू उठकर बाहर चले गए |