Rewa news, मिलावट खोरी की जांच करने ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने वाली खाद्य विभाग टीम की छापामार कार्रवाई पर उठ रहे सवाल।
![](https://viratvasundhara.in/wp-content/uploads/2024/05/IMG_20240508_103938.jpg)
Rewa news, मिलावट खोरी की जांच करने ग्रामीण क्षेत्रों में पहुंचने वाली खाद्य विभाग टीम की छापामार कार्रवाई पर उठ रहे सवाल।
रीवा जिले के ग्राम पंचायत गढ़ तहसील मनगवां में बीते दिन दोपहर 2:30 बजे थाना के सामने किराना की दुकान में खाद्य विभाग की टीम द्वारा छापामार कार्यवाही की गई है मौके पर इस कार्यवाही के संबंध में खाद्य विभाग की अधिकारियों ने मीडिया को कोई जानकारी साझा नहीं की है देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में मिलावट खोरी की शिकायतें सर्वाधिक थोक किराना व्यापारियों और होटलों की खाद्य विभाग को प्राप्त हो रही थी जिसमें कुरकुरे बिस्कुट नमकीन के साथ अन्य हल्दी मसाले तेल और पेय पदार्थ, पानी सहित विभिन्न कंपनियों की सामग्रियां जो गर्मी में बेची जा रही है अक्सर देखा जाता है कि दुकानों से एक्सपायरी डेट की सामग्रियां बिक्री की जा रही है थोक व्यापारियों द्वारा ग्रामीण अंचलों में कम पढ़े लिखे फुटकर किराना दुकानों के व्यापारियों को बिक्री कर दी जाती है जहां अधिकांश लोग एक्सपायरी डेट (अवैध तारीखों ) का निरीक्षण नहीं कर पाते और ऐसी सामग्रियां खाकर गर्मी के मौसम में डायरिया के शिकार हो जाते हैं इस मामले में नाम न छापने की शर्त पर लोगों ने बताया कि हर महीने खाद्य विभाग के अधिकारियों को ऐसे व्यापारी महीने में बंधी हुई वसूली कर भेज देते हैं और फिर धड़ल्ले से एक्सपायरी डेट की वस्तुएं और मिलावटी खाद्य सामग्री जनता को परोसते रहते हैं।
खाद्य विभाग की छापामार कार्रवाई पर उठे सवाल।
रीवा जिले में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक मिलावटखोरी होना आम बात है ऐसा नहीं है कि जिला प्रशासन इस और ध्यान नहीं दे रहा है कई बार जिला प्रशासन के निर्देश पर खाद्य विभाग ने छापा मार कार्यवाही की है तो ऐसे ऐसे मामले सामने आए हैं कि खुद खाद्य विभाग के अधिकारियों के भी होश उड़ गए थे कभी कभार पुलिस भी ऐसे नकली प्रोडक्ट पकड़ती है लेकिन खाद्य विभाग द्वारा पूरे रीवा जिले में विजिट के नाम पर गोपनीय तरीके से छापा मार कार्यवाही करने के नाम पर उनकी कार्यशैली भी गोपनीय ही रह जाती है और अच्छी सेटिंग होने के बाद अवैधानिक तरीके से एक्सपायरी डेट और मिलावट खोरी कर सामान बेचने वाले व्यापारी महीने की खेप पहुंचाते रहते हैं जिला प्रशासन को दिखाने के लिए छापामार कार्यवाही करते रहते हैं।
टीम पहुंचने से पहले गिर जाते हैं दुकानों के शटर।
अक्सर देखा जाता है कि जब खाद्य विभाग की टीम जहां भी छापामार कार्रवाई करने पहुंचती है वहां शिकायत प्राप्त दुकान में छापा मार कार्यवाही की जाती है और आसपास की दुकानों की शटर टीम पहुंचने से पहले ही बंद हो जाते हैं ऐसी स्थिति में इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता की जहां भी टीम छापा मार कार्यवाही करने पहुंचती है वहां पहले ही सूचना दे दी जाती है जिससे कि संबंधित दुकान अपनी व्यवस्थाओं को पूरी तरह से दुरुस्त कर ले देखा जाए तो ग्रामीण क्षेत्रों में कम पढ़े-लिखे और कम जागरुक लोग निवास करते हैं खाद्य सामग्रियों में विभिन्न प्रकार की सामग्री अब व्यापारियों से ही खरीद कर घर ले जाते हैं और उसका उपयोग करते हैं सामान खरीदने के दौरान एक्सपायरी डेट ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं देख पाते क्योंकि इस ओर उनका ध्यान नहीं जाता इसके साथ ही जो प्रोडक्ट बाजार में बिक रहा है जरूरी नहीं है की सील बंद है तो मिलावट खोरी नहीं है इसके साथ ही खुले में बेची जाने वाली सामग्री में मिलावट खोरी की अत्यधिक संभावनाएं जताई जाती हैं मिठाई की दुकानों और किराना दुकानों में हालात ऐसे बन चुके हैं कि हर महीने खाद्य विभाग की टीम को जांच करना चाहिए लेकिन सेवा शुल्क के चक्कर में टीम की गोपनीय छापामारी गोपनीय ही रह जाती है और जहां विरोध होता है या जहां से सुविधा शुल्क नहीं मिलता वहां का खुलासा हो जाता है।