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Rewa news: शहर में जाम का बड़ा झाम, ट्रैफिक थाना प्रभारी इंट्री वसूली में व्यस्त!

Rewa news: शहर में जाम का बड़ा झाम, ट्रैफिक थाना प्रभारी इंट्री वसूली में व्यस्त!

 

 

 

 

 

 

 

नो इंट्री में भारी वाहन मार रहे फर्राटे,

अपनी जेब भरने के इंतजार मे रहती हैं यातायात थाना प्रभारी

रीवा .शहर की आम जतना को शायद ही जाम के झाम से निजात मिल पाये। वाहनों की बढ़ती भीड़ का लम्बे समय तक एक ही जगह तक टिके रहना उन लोगों के लिये मुसीबत का सबब बनता है, जिनकी ट्रेन चंद मिनटों के बाद छूटने वाली होती है, या फिर जिन्हे डियुटी पर पहुंचना रहता है। ट्रैफिक व्यवस्था की जिम्मेदारी जिन सफेद और खाकी वर्दीधारियों को दी गयी है वह इस काम से इतर इंट्री वसूली में व्यस्त रहते हैं। रात के समय शहर की सड़कों में भारी वाहन इस गति से दौड़ते हैं कि अचानक अगर उनके सामने कोई व्यक्ति या वाहन आ जाये तो उसका अंत निश्चित है?

 

 

 

 

 

 

बताया जा रहा है कि यातायात थाना प्रभारी की सह पर एंट्री वसूली के बाद इन वाहनों को शहर के अंदर बेरोक टोक आने जाने की झूट दी जा रही है। रात के समय एक ओर भारी वाहनों को लंबी कतार शहर की सड़क से होकर गुजरती है तो वहीं दिन में भी जिम्मेदारों की कृपा से नो एंट्री के समय कई भारी वाहन शहर की सड़क पर गिट्टी, रेत सहित सामग्री लेकर प्रवेश करते नजर आते है। सूत्र बताते है कि ट्रैफिक पुलिस प्राइवेट लोगों को वसूली के लिए तैनात किए हुए है। इनके द्वारा ओवर लोड वाहनों को पकड़कर वसूली की जाती है। बताते हैं कि दिन में शहर में वहीं वाहन प्रवेश करते है जा इनकी जेब गर्म करते है य फिर उनका माहवारी कमीशन फिक्श है। यातायात पुलिस की अवैध वसूली की आने वाले समय में वीडियो आडियो आरोप प्रत्यारोप और स्टिंग ऑपरेशन जैसे सबूतों के आधार पर ख़बरें प्रकाशित की जाएंगी

 

 

 

 

 

बताया जाता है कि शहर के अंदर निर्माण सामग्री के ठीहे अधिक संख्या में है, जहां भारी वाहन रेत और गिट्टी लेकर पहुंचते है, इन वाहनों से ट्रैफिक पुलिस जेब गर्म करती है। इसके अलावा चोरहटा व रतहरा बाईपास में सूरज ढलते ही चेकिंग के नाम पर वसूली का खेल शुरू हो जाता है इसके साथ ही बाईपास मार्ग में भी देर रात तक एंट्री वसूली की जाती है। विदित हो कि शहर के अंदर नो एंट्री खुलने के बाद भी उन्ही वाहनों को आवाजाही के झूट दी जानी चाहिए जिनकों शहर के अंदर सामग्री की लोडिंग अनलोडिंग करनी हो, लेकिन देखा जा रहा है कि टोल बचाने रात दस बजे के बाद बड़ी संख्या में भारी वाहन शहर के अंदर से ही गुजरते है, जबकि उनका शहर के अंदर कोई काम नहीं रहता, बावजूद इसके उनकी इंट्री धड़ल्ले से रहती है।

 

 

 

 

 

रोकड़े से मतलब व्यवस्था जाय चूल्हे में

आज के दौर में रोकड़ा कमाने की होड़ लगी हुई है। सरकार के दामादों की नजर व्यवस्था पर नहीं बल्कि इस पर ज्यादा जमी हुई है कि कौन कितना ज्यादा माल पीट सकता है? कुछ यही हाल रीवा ट्रैफिक थाना प्रभारी का भी बना हुआ है। चौराहो, तिराहों में दो पहिया वाहनों की चेकिंग, ड्रिंक एण्ड ड्राइव में पकड़े जाने वाले लोगों से बड़े जुर्माना और ड्राइविंग लाइसेंस कैंसिल कराने का डर दिखाकर कर मोटी रकम वसूली जाती है एक युवक ने बीते सप्ताह बताया था कि यातायात थाना प्रभारी मैडम ने ड्रिंक एंड ड्राइव मामले में बदतमीजी करते हुए धमकाई थी और डेढ़ लाख रुपए जुर्माना लगाने सहित ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने की धमकी दीं थीं मुझे यातायात थाना के सामने पकड़ लिया गया था उस दौरान दर्जनों गाडियां ड्रिंक एंड ड्राइव में लेन-देन कर छोड़ दी गई थी लेकिन मुझसे मांगी जा रही मोटी रकम पर बात नहीं बनी तब मैडम ने अभद्रता पर उतर आई धमकी देते हुए गाड़ी को खड़ा करवा लिया था जो बाद में न्यायालय से जुर्माना जमा कर छुड़ाई गई

हाइवे पर ओवर लोड वाहनों पर कार्रवाई के साथ हाई स्पीड, सीट बेल्ट और हेलमेट के नाम पर लगातार कार्रवाई की जा रही है, लेकिन शहर को जाम से निजात दिलाने इनके द्वारा प्रयास नही किया जाता। हालात यह है कि शहर के व्यस्ततम चौराहा व मार्ग में हर समय जाम रहते है। जिस दिन शासकीय कार्यालयों का अवकाश नहीं रहता उस दिन तो जाम के हालत और अधिक भायावह हो जाते है, यातायात बाधित होने के कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है साथ ही इसके कारण भी सड़क दुर्घटनाए होती है। अगर यातायात थाना प्रभारी मन लगाकर काम करना शुरू कर दे तो शहर को जाम से निजात मिल सके, पर ऐसा शायद संभव है नहीं?

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