Rewa news, बसोर समाज संगठन ने वन विभाग के डीएफओ को सौंपा ज्ञापन, हुई नोंक झोंक।
Rewa news, बसोर समाज संगठन ने वन विभाग के डीएफओ को सौंपा ज्ञापन, हुई नोंक झोंक।
संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रहे शामिल डीएफओ कार्यालय में गर्मी गर्मा का रहा माहौल।
रीवा । बसोर समाज विकास संगठन ने संयुक्त किसान मोर्चे के नेताओं की उपस्थिति में बसोर समाज को उचित दर पर बांस उपलब्ध कराने संभागीय वन मंडल कार्यालय पहुंचकर मुख्य वन संरक्षक रीवा सम्भाग के नाम डीएफओ को ज्ञापन पत्र सौंपा ज्ञापन सौंपने के पूर्व डीएफओ द्वारा ज्ञापन लेने में हीलाहवाली करने पर नेताओं से काफी नोक झोंक हुई, अधिकारियों की अनदेखी से नाराज़ सभी नेता वहीं बैठकर धरना देने लगे तब कुछ ही देर बाद सीओ जिला पंचायत पहुंचे मामला शांत हुआ और ज्ञापन पत्र पर बिंदुवार चर्चा हुई नेताओं ने कहा कि मध्यप्रदेश का बसोर समाज सबसे गरीब समाज है उसके पास न तो कृषि भूमि है न ही रोजगार के कोई साधन है समूचा समाज बांस के बर्तन बनाकर गुजर बसर करता था लेकिन बांस मंहगे दामो में मिलने से आर्थिक तंगी के चलते व्यवसाय नही कर पा रहे है मध्यप्रदेश में बांस के बर्तनो का बड़े पैमाने पर उपयोग होता है खास कर शादी ब्याह में और भी ज्यादा होता है वहीं बसोर समाज बांस की सामग्री बनाकर एक बड़ी कला का प्रदर्शन भी करता था अब बांस मंहगे होने से वह कला विलुप्त सी होती जा रही है।
देखा जाए तो विगत 15 से 20 वर्षो के दर्मियान मध्यप्रदेश की सरकार ने गरीब बसोर समाज के लिये बांस रोजगार से जुड़ी कोई भी सार्थक योजनायें तैयार नही की है सरकार विगत 15-20 वर्षो पूर्व उचित दर पर बांस उपलब्ध कराती थी तथा गरीब परिवारों का पंजीयन कराकर बिना ब्याज के आर्थिक मदद भी करती थी लेकिन वर्तमान में सरकार ने यह योजना बन्द कर दी है अधिकतर बांस औद्योगिक पूंजीपतियों को बिक्री कर दिया जाता है जिससे बसोर समाज को बांस मंहगे दाम पर खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है जिसके चलते वह आर्थिक तंगी का शिकार होते जा रहे हैं।
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बसोर एसकेएम के संयोजक शिव सिंह जिला पंचायत सदस्य लालमणि त्रिपाठी किसान नेता इंद्रजीत सिंह शंखू संतकुमार पटेल रमेश पटेल फौजी मयंक सिंह बंसल समाज के नेता राजाराम बंसल बाबूलाल सुनील सरजू सोखीलाल विनोद धीरा वीरू तेजबली रूपचंद दिनेश राजेंद्र ललित गीता रामबाई सावित्री छोटीबाई सुमन बंसल आदि सहित सैकड़ो की संख्या में बसोर समाज के लोग उपस्थित रहे।