Rewa MP: रीवा और मऊगंज जिले के मेडिकल स्टोर्स की जांच में जुटी ड्रग टीम पत्रकार के सवाल पर हुई घनचक्कर।
Rewa MP: रीवा और मऊगंज जिले के मेडिकल स्टोर्स की जांच में जुटी ड्रग टीम पत्रकार के सवाल पर हुई घनचक्कर।
मेडिकल स्टोर से लेकर किराने और पान की गुमटियों में बिक रहे मेडिकल नशे से बेखबर है स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी।
वीडियो में देखिए कैसे किराने की दुकान पर बेची जा रही नशीली कफ सिरफ और नशीली गोलियां 👇
रीवा जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के निर्देश पर औषधि निरीक्षक राधेश्याम रिशु मऊगंज और रीवा जिले के मेडिकल स्टोरों में निरीक्षण कर रहे हैं आज दिनांक 11 जनवरी 2025 को ग्राम पंचायत गढ़ तहसील मनगवां में जांच किया निरीक्षण के दौरान कुछ विसंगतियां पाई गई संबंधित मेडिकल स्टोर संचालकों को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है मीडिया से चर्चा के दौरान ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि अभी जो जांच किया हूं प्रथम दृष्टया ऐसी कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई है जो कुछ त्रुटियां मिली हैं जांच उपरांत ही इस पर जानकारी दे सकता हूं नशीली कफ सिरप और नशीली गोलियों के संबंध में पूछे गए सवाल पर इंस्पेक्टर ने बताया कि मेरी जानकारी में किसी भी मेडिकल स्टोर में ऐसे नशे के कारोबारों की जानकारी नहीं है यदि आपके पास है तो बताइए कार्यवाही करेंगे।
पत्रकार ने पूछा गया कि मेडिकल नशे के विरुद्ध पुलिस द्वारा बड़ी बड़ी कार्रवाई रीवा और मऊगंज जिले में की जा रही है क्या आपके विभाग ऐसी दवाइयों के आयात पर रोक लगा पा रही है इस सवाल पर ड्रग इंस्पेक्टर ने कहा कि मुझे इस प्रकार की जानकारियां नहीं है ऐसी जानकारियां किसी भी माध्यम से मिलती हैं तो संबंधित जनों के ऊपर कार्यवाहियां की जाएगी।
बता दें कि रीवा और मऊगंज जिले में जिस तरह से पुलिस नशीली कफ सिरप और नशीली टैबलेट पर कार्यवाही कर रही है उसकी जानकारियां स्वास्थ्य विभाग के औषधि निरीक्षकों को नहीं होती है जबकि हालत यह है कि मेडिकल स्टोर के अलावा करने की दुकान और पान की गुमटियों में नशीली कफ सिरप और नशीली गोलियां बेची जाती हैं मेडिकल नशा इस समय नशा माफियाओं के लिए धन कमाने का बड़ा जरिया बन चुका है इस धंधे में गांव-गांव के बेरोजगार युवाओं को उतार दिया गया है जो गली-गली घूम कर नशा बेच रहे हैं।
सवाल यह उठता है कि मेडिकल नशे के अवैध कारोबार की जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को क्यों नहीं है कुछ ऐसी दवाइयां होती हैं जो सभी मेडिकल स्टोर में बेचने की अनुमति नहीं होती लेकिन हालत यह है कि मेडिकल स्टोर तो छोड़िए पान की दुकान और किराने की दुकान में भी इस तरह की प्रतिबंधित नशीली दवाइयां बिक्री की जा रही है कुछ लोगों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि स्वास्थ्य विभाग की यह टीम विभागीय खाना पूर्ति कर रही है कभी कभार साल में एक दो बार स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच में आती है।