MP news, प्रभारी परियोजना अधिकारी सिरमौर -2 से प्रताड़ित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चों शिकायतों का लगा अम्बार।
प्रभारी परियोजना अधिकारी सिरमौर -2 से प्रताड़ित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने खोला मोर्चों शिकायतों का लगा अम्बार।
विराट वसुंधरा
रीवा जिले के सेमरिया, क्षेत्र में महिला एवं बाल विकास विभाग सिरमौर क्रमांक.2 सेक्टर सेमरिया का परियोजना कार्यालय भृष्टाचार की गिरफ्त में है स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि लगभग 3 महीने से प्रभारी परियोजना अधिकारी कार्यालय में नही देखी गई हैं और सेमरिया सेक्टर के 90% गांव के आंगनवाड़ी केंद्र नही खुल रहे हैं और ना ही पोषण आहार का वितरण बच्चों को किया जा रहा है इसमें प्रभारी परियोजना अधिकारी की लापरवाही का नतीजा बताया जा रहा है सूत्रों की माने तो आगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से आगनवाड़ी केंद्रों से वशूली की जाती है जो आंगनवाड़ी कार्यकर्ता सहमत नहीं होती हैं उनको मानसिक रूप से प्रताड़ित भी किया जाता है।
सुपरवाइजर रहते हुए इनके द्वारा आगनवाड़ी कार्यकर्ताओ को प्रताड़ित किया गया था जिसकी आगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा थाना में रिपोर्ट भी की गई थी सूत्रो की माने तो ग्राम दुवारी में आगनवाड़ी कार्यकर्ता की जगह रिक्त होने पर नियुक्ति हेतु कई आवेदन किए गए थे जिसमे बेवा आरती कोल के सबसे ज्यादा नंबर होने के बावजूद भी नियुक्ति नही दी जा रही है प्रभारी परियोजना अधिकारी द्वारा यह बताया जाता है कि नियुक्ति में आपत्ति लगी हुई है जबकि आपत्ति की सुनवाई वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हो चुकी है और आपत्ति निराधार पाई गई है आरती कोल ने प्रभारी परियोजना अधिकारी पर लेनदेन का आरोप लगाया है उनकी नियुक्ति न होने पर 181 के पंजीयन क्रमांक 25462912 में शिकायत भी दर्ज कराई गई है जिसकी जांच चल रही है आरती कोल ने हक की लड़ाई हेतु सभी न्यायिक दरवाजे खटखटाने की बात कही है।
वही सेमरिया सामाजिक और आरटीआई कार्यकर्ता विवेक गौतम ने बताया की प्रभारी परियोजना अधिकारी द्वारा विगत 6 महीनों से किसी आंगनवाड़ी केंद्र में पोषण आहार का परिवहन नही किया गया आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने निजी परवहन से पोषण आहार ले जाती हैं जबकी प्रभारी परियोजना अधिकारी द्वारा फर्जी विल लगा कर पैसा निकाल लिया जाता है जिसकी जानकारी rti के माध्यम से निकाली गई है विवेक गौतम ने आरोप लगाया है कि प्रभारी परियोजना अधिकारी द्वारा पोषण आहार के परिवहन के नाम पर माह जून, जुलाई, अगस्त में किसी व्यक्ति के नाम से बिल लगाया है जबकी परिवहन किया ही नही गया आंगनवाड़ी कार्यकर्ता अपने निजी परिवहन से पोषणअपने केंद्र ले जाती है जिसकी फोटो और वीडियो भी उपलब्ध है श्री गौतम ने बताया कि इसकी शिकायत उच्च लेवल पर की जाएगी और यह मामला हाई कोर्ट में ही जाकर रुकेगा साथ ही स्थानीय लोगो ने स्थाई परियोजना अधिकारी के स्थापना की मांग की है