Rewa news, एसडीएम कार्यालय हनुमाना से जारी फर्जी परमीशन आदेश का असली मास्टरमाइंड कौन-?

Rewa news, एसडीएम कार्यालय हनुमाना से जारी फर्जी परमीशन आदेश का असली मास्टरमाइंड कौन-?
क्या बाबू को बचाने के लिए सक्षम अधिकारी कर रहे अपने पद और पावर का दुरुपयोग- ?
मऊगंज जिले के हनुमाना एसडीएम कार्यालय से जारी फर्जी दस्तावेज के आधार पर हैंड पंप उत्खनन करने पर एसडीएम कार्यालय के निर्देशन में हनुमना पुलिस द्वारा संबंधित व्यक्तियों के ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया है कई सवालों के घेरे में एसडीएम कार्यालय की यह कार्रवाई चर्चाओं में है मामला 17 मई केरहा कला विकासखंड हनुमना का है जहां 03 मई को बेवा छोटकी बॉक्स द्वारा हैंडपंप उत्खनन का आवेदन दिया गया इस आवेदन के आधार पर एसडीएम कार्यालय द्वारा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी उपखंड मऊगंज को पत्र जारी कर नलकूप खनन की अनुशंसा मांगी गई पत्र में एसडीएम के हस्ताक्षर और गोल सील अंकित है 06 मई को लोक स्वस्थ यांत्रिकी विभाग द्वारा स्थल निरीक्षण करके शर्तों के आधार पर कि नलकूप का व्यास 125 एम एम गहराई 90 मीटर उपयोग केवल पेय जल में हो अनुशंसा के साथ पत्र क्रमांक 300- एसडीएम कार्यालय को दिया गया जिसके आधार पर बेवा छोटकी बख्श को जो पत्र मिला उसके आधार पर बोरिंग मशीन द्वारा हैंडपंप उत्खनन कराया गया।
बाबू को बचाने मढ़ दिया गया दूसरों पर आरोप।
इस घटनाक्रम में 17 मई को पटवारी प्रतिवेदन के आधार पर जांच की गई और बोरिंग मशीन जप्त किया गया फर्जी दस्तावेज मानकर सुमित गुप्ता एवं नियाज अली के नाम पर मुकदमा दर्ज किया गया जबकि हैंड पंप उत्खनन के लिए आवेदीका बेवा छोटकी बक्स है दूसरा सुमित गुप्ता निवासी मऊगंज जिसके द्वारा बताया गया की बोरिंग मशीन और आवेदिका से मेरा कोई संबंध नहीं है किंतु हनुमना पुलिस द्वारा ना बोरिंग मशीन मलिक के ऊपर और ना ही आवेदिका छोटकी बक्स के ऊपर मामला पंजीबद्ध किया गया यदि हैंड पंप उत्खनन कराने आवेदिका द्वारा कूट रचित दस्तावेज तैयार किए गए तो फिर आवेदिका के हस्ताक्षर के साथ कैसे एसडीएम कार्यालय से पीएचई विभाग के लिए अनुशंसा हेतु पत्र जारी किया गया जिस पर पीएचई द्वारा अनुशंसा की गई फर्जी दस्तावेज मानकर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है लेकिन एसडीएम कार्यालय हनुमाना में पदस्थ संबंधित बाबू जिस पर शंका की सुई दौड़ रही है उसके खिलाफ कुछ नहीं हो रहा इस बात की चर्चा जोरों पर है। “हाल वही है कि करे कोई भरे कोई।
कौन है मशीन का मलिक।
कूट रचि दस्तावेज के आधार पर हैंडपंप उत्खनन करने के विरुद्ध हनुमना पुलिस द्वारा जो मामला पंजीबद्ध किया गया है उसमें ना आवेदिका का नाम है और ना ही बोरिंग मशीन मलिक का जबकि 17 मई 2024 को मलारकोड़ी पति रमेश निवासी बेंगलुरु कर्नाटक द्वारा घनश्याम चौरसिया निवासी मऊगंज के साथ अनुबंध पत्र तैयार कर बोरिंग करने का मालिकाना हक दिया गया है ऐसे में कई सवालों के साथ कि कोर्ट में कौन आवेदक होगा बोरिंग मशीन छुड़ाने एसडीएम कार्यालय हनुमना में कई तरीके के दस्तावेज और मनचाही कार्यवाही के साथ हैंड पंप उत्खनन कराने फर्जी दस्तावेज को आधार मानकर कार्रवाई की गई है इस फर्जीवाड़ा में एसडीएम कार्यालय के लोग शामिल नहीं है इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता तो वहीं सूत्रों का कहना है कि संबंधित बाबू को बचाने अधिकारी एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं।
नीचे अपलोड किए गए दस्तावेजों से यह कहना गलत है कि इस फर्जीवाड़ा में विभाग को जानकारी नहीं थी।
आवेदन पत्र 👇
पीएचई विभाग की सहमति 👇
शपथपत्र 👇